आखिर कौन हैं वो E-1 || Horror love story in hindi || hindi story my

 


आखिर कौन हैं वो


अभिषेक एक कॉल सेंटर में काम करता था रात में लगभग 12 या 12:30 बजे कॉल सेंटर से अपनी शिफ्ट खत्म करने के बाद घर आ जाता था। आज भी अभिषेक अपना काम खत्म करने के बाद घर जाने के लिए पार्किंग से अपनी बाइक निकाली रहा था कि तभी अचानक उसकी नजर उसके सामने थोड़ी दूर एक लड़की पर पड़ी और उस लड़की ने अभिषेक से आकर कहा - हेलो अभिषेक मुझे भी घर तक छोड़ देना आज मैं काम की वजह से रुकी थी इसलिए मुझे भी देर हो गई और बाहर इस टाइम कोई टैक्सी या ऑटो भी पता नहीं मिलेगा या नहीं - अभिषेक ने उसकी बात पूरी सुनी लेकिन कोई जवाब नहीं दिया।

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क्योंकि अभिषेक ने उसको पहली बार ही देखा था और वैसे भी कॉल सेंटर में इतनी रात तक तो कभी लड़कियों की शिफ्ट होती ही नहीं है। तो फिर यह कैसे अभी तक यहाँ हैं अभिषेक यही सब सोच रहा था तभी उस लड़की ने फिर कहा - अरे मैं आरती इसी कॉल सेंटर में तो काम करती हूँ अच्छा तुम सोच रहे हो मैं तुम्हें कैसे जानती हूँ अरे मेरे शिफ्ट तो शाम 8:00 बजे खत्म हो जाती है पर आज सिस्टम में थोड़ी प्रॉब्लम थी इसी काम की वजह से मैं लेट हो गई तो मुझे विनय सर ने कहा अभिषेक की स्विफ्ट खत्म हो जाएगी तो उसके साथ ही चले जाना - अभिषेक ने उसकी सारी बात सुनी फिर अभिषेक ने अपनी बाइक स्टार्ट करी और आरती को कहा - चलो फिर-


रात का घनघोर अंधेरा अभिषेक बाइक चला रहा था और पीछे वो लड़की यानी आरती बैठी हुई थी। मौसम थोड़ा थोड़ा ठंडा था मार्च का महीना चल रहा था चलते चलते दोनों बातें कर रहे थे और अभिषेक ने बातों ही बातों में पूछा - मैंने आपको कभी देखा तो नहीं कॉल सेंटर में - अभिषेक की बात सुनकर आरती ने बताया - अरे मैंने आपको कहा था मेरी शिफ्ट रात को 8:00 बजे खत्म हो जाती है और मैं अपनी फ्रेंड के साथ स्कूटी में घर चली जाती हूँ - अभिषेक फिर थोड़ा मुस्कुराते हुए कहा - अरे हाँ मैं तो बुल ही गया था - दोनों यही सब इधर उधर की बाते करते हुए चले जा रहे थे तभी थोड़ी देर में आरती ने कहा - बस अभिषेक मुझे यही उतरना है थोड़ा आगे ही यहाँ से अंदर मेरा घर है -


इतना कहा आरती ने और अभिषेक ने वही गाड़ी रॉकी और आरती बाइक से उतरी और अभिषेक को बाय बोलकर सामने गली में जाने लगी। तभी देर में अभिषेक ने पीछे मुड़कर दोबारा देखा तो उसको आरती वहाँ कही नहीं नहीं दिख रही थी अभिषेक यही सोच रहा था उसने बताया था थोड़ा आगे उसका घर है और आसपास तो कोई घर दिख नहीं रहे फिर इतनी जल्दी कहाँ चली गई। और फिर उसने अपने आप से कहा चलो छोड़ो मुझे क्या और वो भी अपने घर की तरफ जाने लगा। अभिषेक ने घर पहुंच कर उसने अपनी बाइक खड़ी करी हाथ मुंह धो कर सोचा थोड़ा कुछ खा लेता हूँ भूख भी बहुत लग रही है आज उसके बाद सोऊंगा अभिषेक ने खाना वगैरह खाया और जाकर अपने रूम में बिस्तर पर लेट कर अभिषेक फोन में किसी से चैटिंग कर रहा था।


कि इतने में ही अभिषेक के फ़ोन में एक अननोन नंबर से मैसेज आया - हाय - अभिषेक यही सोच रहा था आखिर कौन है यह उसने रिप्लाई में हेलो और कौन हो आप दूसरी तरफ से भी जवाब तुरंत आया - मैं हूँ यार अभिषेक इतनी जल्दी भूल गए तुम्हारी फ्रेंड - अभिषेक सोच रहा था कोई जान पहचान का ही होगा उसने नंबर सेव करा और व्हाट्सएप पर प्रोफाइल पिक्चर देखी तो अभिषेक की आँखे फटी की फटी रह गई। क्योंकि डीपी तो आरती की थी अभिषेक यही सोच रहा था आखिर इसके पास मेरा नंबर कहाँ से आया। क्योंकि बात तो हमने करी थी लेकिन नंबर तो एकशेंज नहीं किया था तो फिर उसको मेरा नंबर कैसे मिला।


और फिर उसने आरती को तुरंत मैसेज करा उसने टाइप किया - तुम्हें मेरा नंबर कहाँ से मिला - आरती ने भी तुरंत जवाब दिया - यार अभिषेक तुमको इतना भी नहीं पता तुम भी कॉल सेंटर में काम करते हो और मैं भी कॉल सेंटर में काम करती हूँ तो वहाँ से किसी का नंबर लेना कोई बड़ी बात है क्या और वैसे मैंने तुम्हारा नम्बर विनय सर से लिया था जब उन्होंने कहा था अभिषेक के साथ चले जाना घर - आरती का यह मैसेज देखने के बाद अभिषेक ने कहा - अच्छा - उसके बाद दोनों में काफी देर तक चैटिंग होने लगी। अब अभिषेक और आरती के बिच की दोस्ती भी बहुत आगे तक बढ़ गई थी।


पर थोड़ी देर बाद आरती ऑफलाइन हो गई उसके बाद अभिषेक ने फिर आरती को फोन लगाने की कोशिश करी तो आरती का नंबर स्विच ऑफ बता रहा था। और अभिषेक उसी के बारे में सोचता सोचता सो गया क्यूंकि अभिषेक को वो बहुत पसंद आ गई थी। यही सब सोच विचार में अभिषेक सो गया और जब सुबह उसकी नींद खुली तो उसने फोन चेक करा तो उसमें आरती का कोई मैसेज नहीं आया था और ना ही फोन। पता नहीं क्यों बस अभिषेक अब आरती के बारे में ही सोच रहा था और सुबह उठते ही उसने आरती को कई बार फोन लगाने की कोशिश करें लेकिन उसका नंबर बस यही बता रहा था - आप जिस नंबर पर संपर्क कर रहे हैं वो अभी स्विच ऑफ है -


यही सब सोच विचार करते हुए अभिषेक का आज का दिन पूरा निकल गया। और शाम को 6:00 बजे फिर जब अभिषेक कॉल सेंटर जा रहा था। तो अभिषेक यही सोच रहा था जाके उस बेच में देखूंगा जहाँ आरती ने बताया था। अभिषेक कॉल सेंटर में पहुंच गया और हर जगह जाकर वो आरती को ढूंढ रहा था। लेकिन उसे आरती कहीं दिखाई नहीं दी अभिषेक ने अभी किसी पूछा तो नहीं आरती के बारे में। यही सोच रहा था कि कहाँ है और अभिषेक कक शिफ्ट का टाइम भी हो चुका था। इसलिए वो अपने बैच में चला गया। लेकिन जब उसकी स्विफ्ट खत्म हुई रात के लगभग 12:30 बजे करीबन तभी अभिषेक ने बाइक निकाली पार्किंग में गया।


और वहाँ भी बस यही सोच रहा था आखिर वो कहाँ गई क्युकी अभिषेक को आरती आज कहीं नहीं दिखी थी। उसी के बारे में सोचते हुए अभिषेक बाइक लेकर घर की तरफ निकल गया। वो थोड़ा ही आगे गया होगा तभी उसको ऐसा महसूस हुआ बाइक मैं पीछे कोई बैठा हुआ है। और उसने अपना एक हाथ अभिषेक के कांधे पर रखा है और बाइक के साइड मिरर से साफ नजर आ रहा था की एक लड़की पिछे बैठी हुई है। अभिषेक के साथ और शीशे में चेहरा भी साफ साफ दिख रहा था कि उसके साथ आरती ही बैठी हुई थी। यह देखकर अभिषेक को जोर का झटका लग चुका था उसकी सांसे दुगनी रफ़्तार से चल रही थी।


एक झटके में अभिषेक ने गाड़ी रोकी और पिछे मुड़कर देखा लेकिन आश्चर्य की बात तो अब यह थी की बाइक में तो पीछे कोई भी नहीं था। अभिषेक के तो मानो होश उड़ गए क्योंकि वो अपने पूरे होशो हवास में था वो कोई सपना तो देख नहीं रहा था। क्योंकि उसने अपनी खुली आंखों से उस लड़की को बाइक में बैठे हुए हैं देखा था। और उसका हाथ अपने कंधे पर यह हो कैसे सकता था क्योंकि आज तो अभिषेक को आरती कहीं मिली ही नहीं थी और कॉल सेंटर से तो वो आज अकेले ही आया था अभिषेक समझ चुका था उसको कोई वहमा हो रहा है क्योंकि कल रात से वो बस आरती के बारे में ही सोच रहा था।


और यह सब भूलकर वो अपनी बाइक स्टार्ट करता हैं और घर की तरफ जाने लगता हैं और थोड़ी देर में अभिषेक अपने घर पहुंच जाता हैं और जब अभिषेक मुँह धोकर अपने रूम में बिस्तर पर लेटने को आया तो उसने सबसे पहले उसने अपना फोन देखा जिसमें आरती के एक के बाद एक लगातार कई मैसेज आ रखे थे। इसके आगे की कहानी अगले एपिसोड में हैं।


एपिसोड 2👉क्लिक 


इस कहानी के लेखक हैं - रामचंद्र यादव
इस कहानी में आवाज दी हैं - प्रियंका यादव


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