मौत से हुआ सामना E-1
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नमस्कार आप सभी का आज सिर्फ एक बार स्वागत है हिंदी स्टोरी माय वेबसाइट पर आज फिर हम आपके सामने रोज की तरह एक नई कहानी लेकर आए हैं। तो चलिए अब चलते हैं आज की कहानी की और ।
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यह कहानी हैं तीन दोस्तों की और उन तीनो के नाम थे कुलदीप, महेश और गौरव यह तीनों जहाँ भी जाते तो एक साथी ही जाते थे। और तीनों की दोस्ती इतनी गहरी थी की गाँव में सब जानते थे की अर इनमें से कोई भी कहीं पर भी है तो यह तो सबको पता था कि वहाँ यह तीनों साथ में ही होंगे।
यानी तीनों एक सच्चे दोस्तों थे और एक दूसरे के क्लासमेट भी थे। यह बात तब की है जब गाँव में ही एक राजेश नाम का लड़का था और की शादी होनी थी। और उस की बारात गाँव से लगभग 33 किलोमीटर दूर एक दूसरे गाँव में जानी थी और उस बरात में कुलदीप महेश और गौरव भी थे बरात में तीनों ने बहुत डांस किया खूब मस्ती करी। शादी विवाह का मामला था तो गाँव में तो बहुत किस्म की रश्मे वगैरह होती ही हैं यह सब प्रोग्राम चल रहा था लेकिन इन तीनों को इससे कोई मतलब नहीं था वो तीनों ने डीजे पर डांस वंस करा और फिर चले गए खाना खाने को खाना पीना खाकर तीनों इधर उधर ही घूम रहे थे।
तभी उन्होंने देखा थोड़ा आगे बहुत लोग टेंट में बैठे हुए पर्दे पर मूवी देख रहे थे। गाँव में शादी विवाह में अक्सर ऐसा होता है कि मनोरंजन के लिए पर्दे लगाए जाते हैं और उन्हें फिल्में दिखाई जाती हैं। फिर उसके बाद वो तीनों भी वहीं बैठ कर पर्दे पर मूवी देखने लगे रात के लगभग 11:00 या 11:30 बज रहे होंगे। तभी गौरव ने कुलदीप के कान में कहा - यार भाई मेरा पेट खराब हो रहा है मुझे दो नंबर जाना है जल्दी चल यार मेरे साथ - फिर उसके बाद कुलदीप ने यह महेश को बताई तो महेश हंसते हुए बोला - हाँ बेटा और खा ले तभी तो ठूंस ठूंस कर खा रहा था तब तो बहुत मजा आ रहा था अब तेरा पेट खराब हो रहा है - फिर गौरव ने कहा - मजाक छोड़ो यार सही में अब बर्दाश्त नहीं हो रहा चलो यार जल्दी कहीं -
फिर उसके बाद कुलदीप पास में ही पड़ा एक डब्बा उठा लाया और उसमें पानी भर कर तीनों चल दिए पीछे के खेतों की तरफ। तीनों जा ही रहे थे कि तभी अचानक पीछे से कोई बहुत तेजी से भागता हुआ आया और उन तीनों को धक्का मारकर आगे की तरफ निकल गया। धक्का लगते ही फिर कुलदीप ने फिर जोर से चिल्लाते हुए कहा - अबे कौन हैं पागल है क्या - तीनों को समझ नहीं आता की कौन था पर जो भी था वो सफेद कपड़ों में ही था और तो कुछ ज्यादा पता नहीं चल रहा था की कौन था वो। तभी महेश ने गौरव से कहा - चलो अब काफी दूर आ गए हैं अब यहीं पर कहीं बैठ जा - फिर उसके बाद गौरव डब्बा लेकर खेतों में अंदर चला गया।
महेश और कुलदीप दोनों बाहर ही घूम रहे थे की तभी खेतो से गौरव की आवाज आने लगी - अरे कौन है रुक जा अबे रुक कौन है - गौरव की आवाज सुनकर कुलदीप और महेश ने वहीं से आवाज लगाई और कहा - अबे क्या हो गया क्यों चिल्ला रहा हैं - फिर गौरव ने कहा - अरे यार वो देखो वो मेरा डब्बा लेकर भाग रहा है पकड़ो उसे यार - महेश और कुलदीप ने देखा कि कोई डब्बा उठाकर सड़क सड़क ही भागा जा रहा था तभी महेश ने कहा - यह तो वही लगता है जो अभी थोड़ी देर पहले भागता हुआ आ रहा था - फिर उसके बाद दोनों उसके पीछे भागने लगे और आवाज लगा रहे थे - अबे रुक जा कौन है तू रुक - लेकिन वो जो भी था वो लगातार भागे जा रहा था।
और उनके पीछे से गौरव भी भगा चला रहा था शायद वो अभी बैठा नहीं था तभी उन तीनों ने देखा जो भी उनका डब्बा लेकर भाग रहा था वो एक बड़ी सी बाउंड्री के अंदर कूद कर भाग गया। फिर तीनों ने कहा - बेटा आज पकड़ेंगे तो जरूर तुझे चाहे कुछ भी हो जाए - बाउंड्री बहुत दूर तक फैली हुई थी इसलिए फिर उसके बाद वो तीनों उस बड़ी सी बाउंड्री के अंदर जाने की कोशिश करने लगे। पर तभी कुलदीप ने देखा वहाँ एक बोर्ड लगा था और उस पर लिखा था डेरा कब्रिस्तान यह देखकर कुलदीप घबराता हुआ दोनों से बोला - अबे ओए रुक जाओ भाई यह कब्रिस्तान हैं - यह सुनकर महेश और गौरव भी रुक गए।
अंधेरा तो बहुत था इसलिए कुछ समझ तो आ नहीं रहा था लेकिन यह तो तय था कि यह एक कब्रिस्तान ही हैं और रात की वजह से गेट बंद था। शायद अंदर चौकीदार हो तीनों यही सोच रहे थे तभी कुलदीप ने अपनी मोबाइल फोन के फ्लैशलाइट से देखा कि कोई उसी बाउंड्री के ऊपर दोनों पैर नीचे लटका कर बैठा हुआ है फिर उसके बाद उसने दोनों को बताया तो महेश जमीन से पत्थर उठाकर उस पर मारने लगा महेश पत्थर मार रहा था तभी शायद उसने महेश के फेंके हुए पत्थर पकड़ लिए थे और वो भी वहाँ से पत्थर मारने लगा जिसके कारण महेश के चोट लगी और वो जमीन पर गिर गया। यह देखकर कुलदीप और गौरव ने उसे पकड़ने के लिए बाउंड्री पर चढ़ने की कोशिश करी।
बाउंड्री तो ज्यादा ऊंची थी लेकिन किसी तरह वो दोनों उस बाउंड्री के ऊपर चड़ गए। और तभी उन्होंने देखा वही आदमी जो सफेद कपड़े में अभी तक इनको भगाकर यहाँ तक लेकर आया और अभी बाउंड्री पर बैठा हुआ था अब वो उसी कब्रिस्तान के अंदर एक कब्र पर बैठा हुआ था और वो किसी से बात कर रहा था। इस बार कुलदीप की नजर उसके चेहरे पर पड़ी तो शायद कुलदीप उसको पहचान गया था कि वो कौन है। इसके आगे की कहानी अगले एपिसोड में हैं।
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