साया डायन का E-22
आवाज सुनकर अवनीत जैसे ही पिछे मुड़कर देखता हैं तो वहाँ अशोक के गुरु जी और उनके साथ रजत खड़ा हुआ था। फिर उसके बाद गुरु जी और रजत अवनीत के पास जाते हैं फिर अशोक के गुरु जी बोलते - मैं तुम्हे बताता हूँ की यह कौन और यहाँ क्यों आए हैं - इतना बोलकर गुरु जो उन साधु के सामने अपने दोनों हाथ जोड़कर नमस्कार करते हैं और फिर बोलते हैं - तुमने सिद्धाश्रम का नाम तो सुना ही होगा -
फिर अवनीत बोलता - नहीं बाबा यह सिद्धाश्रम कहाँ हैं - फिर बाबा अवनीत को सिद्धाश्रम के बारे में बताते हुए बोलते हैं - आधुनिक समय में सिद्धाश्रम तिब्बत में कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील के निकट स्थित है। सिद्धाश्रम को कुछ लोग ज्ञानगंज के नाम से भी जानते हैं धार्मिक मान्यता के अनुसार इस जगह पर एक आश्रम है जिसका निर्माण विश्वकर्मा जी ने की है। -फिर बाबा की बात सुनकर अवनीत बोलता हैं - बाबा जी इस आश्रम में ऐसा क्या हैं और हमें इस आश्रम के बारे में क्यों बता रहे हैं -
फिर बाबा बोलते हैं - मैं तुम्हे इस आश्रम के बारे में इसलिए बता रहा हूँ क्यूंकि जिसने तुम दोनों की जान बचाई हैं वो इसी आश्रम से आए हैं - तभी पिछे से अशोक बोलता हैं - गुरु जी आप ने तो मुझे बताया था की ज्ञानगंज आश्रम तो किसी को दिखाई नहीं देता - फिर बाबा बोलते हैं - अशोक मैंने बस यह बोला था की यह आश्रम बस दिखाई नहीं देता पर मैंने यह नहीं कहा था की यह आश्रम हैं ही नहीं सिद्धाश्रम हिमालय में एक गुप्त और रहस्यमय भूमि है, जहाँ महान सिद्ध योगी, साधु और संत रहते हैं। सिद्धाश्रम हमारे पूर्वजों, संतों, संतों और उच्च क्रम के योगियों द्वारा आश्रम है।और इस आश्रम बस वही लोग जा सकते हैं जो व्यक्ति साधना में उच्च स्तर तक पहुँचता है, वो गुरु के आशीर्वाद से रहस्यमयी सिद्धाश्रम पहुँच सकता है, जो इस स्थान का नियमित स्वामी है। सिद्ध योगी और संन्यासी हजारों वर्षों से इस स्थान पर ध्यान कर रहे हैं -
फिर बाबा की बात बीच में ही काटते हुए अवनीत बोलता हैं - बाबा हजारों वर्षो पर यह कैसे हो सकता हैं - फिर बाबा हल्का सा मुस्कुराते हुए बोलते हैं - क्यूंकि ज्ञानगंज आश्रम में समय चक्र काम नहीं करता और आज तुम दोनों की जान बचाने वाले उसी आश्रम के महान योगी श्री अग्निदेव जी हैं यह मेरे गुरु ब्रिजनाथ बाबा के गुरु हैं - बाबा की बात सुनकर फिर अवनीत बड़ी हैरानी के साथ बोलता हैं - पर बाबा जी आप तो बोल रहे की ब्रिजनाथ बाबा 600 साल के थे पर अग्निदेव जी तो 25 या 30 साल के ही होंगे - अवनीत की बात सुनकर फिर बाबा बोलते हैं - मैंने तुम्हे अभी तो बताया था की ज्ञानगंज में काल चक्र नहीं चला - फिर बाबा की बात ख़त्म होते ही अग्निदेव जी बोलते हैं - तुम लोग उस डायन के जाने से यह मत सोचना की वो हार गई वो और वो वापस नहीं आएगी परंतु अब वो पहले से और ज़्यदा भयानक रूप में आएगी -
अब इसके आगे की कहानी अगले एपिसोड में हैं।

Plz is kahani ka episode 23 aur aage ke episodes bhee provide Kara dijiye
जवाब देंहटाएंWe will upload the next episodes of this story very soon, so you can turn on the notification of our website now so that you can get to know about it as soon as the new story comes. Till then you can enjoy more stories in our website or in our youtube channel
हटाएं