Horror love storie
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यह बात 1990 की हैं वंशिका उस दिन पहली पहली बार अपने नए हॉस्टल में रहने को आई थी। वैसे वो ऋषिकेश में रहती थी पर उस समय वहाँ ज्यादा सुविधा ना होने के वजह से देहरादून के एक गर्ल्स कॉलेज में एडमिशन लिया और साथ में उस ही कॉलेज के हॉस्टल में रहने लगी।और वो जिस हॉस्टल में रहने आई थे। उस हॉस्टल के बच्चों का कहना था की यहाँ काई सारे भूत रहते हैं क्यूंकि उनका जो यह हॉस्टल था वो एक कब्रिस्तान के ऊपर बना था।
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इस हॉस्टल को एक अंग्रेज ने बनवाया था। उसे वहाँ कही अच्छी जगह नहीं मिली थी। इसलिए उसने वहाँ के एक पुराने कब्रिस्तान के ऊपर ही कॉलेज और हॉस्टल बनवाया था। यह कॉलेज और हॉस्टल बस लड़कियों के लिए उस अंग्रेज ने बनवाया था। क्यूंकि उस समय हमारे देश में लड़कियों को ज्यादा शिक्षा नहीं मिलती थी। उस हॉस्टल में रह रहे बच्चों का यह भी कहना था की इस हॉस्टल में काई सारी लड़कियों की मौत भी हो रखी हैं। और इसी वजह से इस हॉस्टल के काई सारे कमरे बंद पड़े थे।
वंशिका उनकी बातो को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेती क्यूंकि उसे भूतों पर बिलकुल भी विश्वास नहीं था।
पहली ही रात वंशिका जब रात को सोने गई तो उसने अपने बालो को बांधा नहीं और अपने को ऐसे ही खुला छोड़ दिया। कहते हैं लड़कियों को कभी भी रात को अपने बाल खुले नहीं रखने चाहिए।
वंशिका देखने में बड़ी ही सुन्दर थी और उसके बड़े बड़े बाल उसकी उस सुंदरता को और बढ़ाते थे। वंशिका उस रात सो ही रही थी तभी उसे ऐसा लगता हैं की कोई उसके बालो पर अपना हाथ फैर रहा वो। वंशिका सोचती हैं उसकी मम्मी होंगी इसलिए वंशिका बोलती हैं - अरे सोने दो ना मम्मी - इतना ही बोलता था तभी उसे एकदम से याद आता वो तो हॉस्टल में थी। तो कौन हैं जो उसके बालो में अपना हाथ फैर रहा हैं।
यही देखने के लिए वंशिका ने जैसे ही अपनी आँखे खोली तो उसके मुँह से च्चीक निकलने ही वाली थी तभी उसके मुँह पर किसी ने हाथ रख दिया। जिसने वंशिका के मुँह पर हाथ रखा था उसने वंशिका से कह - डरो मत मैं तुम्हे कुछ नहीं करूंगा। अब मैं तुम्हारे मुँह हाथ हटा रहा हूँ पर चिलाना मत। - पहले तो वंशिका उसे देख कर डरे जा रही थी। क्यूंकि वो आदमी काफ़ी बड़ा और भयानक सा था। वंशिका फिर हिम्मत करते हुए उससे पूछती हैं - कौन हो तुम - वंशिका की बात का जवाब देते हुए वो आदमी बोलता हैं - मैं एक जिन्न हूँ मैं यही से जा ही रहा था तभी मेरी नजर तुम पर पड़ी और मैं तुम्हारे पास आ गया। -पता नहीं जिन्न की बाते सुनकर या जिन्न की आँखो में देखकर वंशिका का डर भी गत्म हो गया था। और बाते करते करते दोनों में दोस्ती भी हो गई थी। कही ना कही वो जिन्न वंशिका को पसंद करने लगा था इसलिए वो रोज रात आता और वंशिका के बालो के साथ खेलने लगता।
उसके आते ही वंशिका भी जग कर बैठ जाती और पूरी रात बाते करते रहती। वो जिन्न रोज रात को आता तो था पर वंशिका के अलावा किसी ओर को नहीं दिखता था। और वंशिका के साथ के रूममेट उसको पागल समझने लगे थे। क्यूंकि वो सोचते थे की वंशिका रात में अकेले अपने आप से ही बाते करती रहती हैं। ऐसा होते होते काफ़ी समय हो गया था अब वंशिका भी उस जिन्न को पसंद करने लगी थी। इसलिए वो रोज रात होते ही उस जिन्न का इंतजार करने लगती। और वो जिन्न आता फिर वो दोनों रात बार बाते करते रहते। रोज रात को जगने के वजह से वंशिका सुबह सही समय पर उठ नहीं पाती थी और उसका कॉलेज भी रोज छूट जाता था। एक रात वंशिका सो रही थी तभी वो जिन्न आकर उसके बालो के साथ खेलने लगता हैं। तभी वंशिका की एक रूममेट ने वंशिका के बालो को अपने आप हवा में उठते देख लिया। और उन सबने अपना रूम चेंज कर लिया। अब सब हॉस्टल में वंशिका के साथ रहने में भी डरने लगे थे।
एक दिन जब वंशिका के घर वाले वंशिका से मिलने आए तो सबने ने उसके घर वालो को सारी बात बता दी। की किस तरह वंशिका के बाल रोज रात में को अपने आप उठने लागते थे और वो पता नहीं किस से पूरी रात बात करती रहती हैं। उसके घर वाले सारी बात को समझते हुए वंशिका के पुरे बाल छोटे छोटे करा देते हैं। वंशिका तो अपने बालो को नहीं कटवाना चहती थी क्यूंकि उसे पता था उस जिन्न को उसके बाल सबसे ज्यादा पसंद थे। इसलिए वो कटवाने से मना करें जा रही थी। पर उसके घर वालो ने जबरदस्ती उसके बाल छोटे करवा दिए। और जब रात हुई तो वो जिन्न रोज की तरह वंशिका से मिलने आया तो उसने देखा वंशिका ने अपने बाल कटवा दिए हैं। तो यह देखकर उस जिन्न को बड़ा ही गुस्सा आया और वंशिका को पूरी रात मारता रहा उसके छीकने की आवाज पुरे हॉस्टल में गूंज रही थी। पर किसी के अंदर हिम्मत नहीं थी की वो वंशिका के रूम में चले जाए।
और सुबह हुई तो सबने उसके रूम में आकर देखा की वंशिका पूरी तरह से घायल थी। उसके शरीर में कटे हुए के निशान थे जैसे किसी ने उसके पुरे शरीर में बिलेट से कटा हो। उस हादसे के बाद वंशिका को अपने साथ ऋषिकेश वापस ले गए।
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