भयानक खंडहर
राहुल जैसे ही उस खंडहर के थोड़ा ही अंदर गया तो उसने देखा उस खंडहर के अंदर एक पूरी जली हुई औरत खड़ी थी। जिसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे उसके पुरे शरीर में अभी भी आग जल रही हो। उसको देखने के बाद राहुल तुरंत जैसे ही पिछे भागने को हुआ तभी उसका पैर किसी चीज से टकरा जाता हैं और वो सीधा मुँह के बल नीचे जमीन पर बड़ी तेज से गिरता हैं। उसके बाद राहुल जैसे ही फिर से उठ तो उसने देखा अब वो जली हुई औरत जिसके शरीर में आग जल रही थी वो औरत अब वहाँ कही भी नहीं थी।
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पर जहाँ अभी थोड़ी ही देर पहले वो औरत थी पर अब वहाँ उसकी जगह पर राहुल की तीसरी बकरी खड़ी हुई थी। पहले तो राहुल ने सोचा क्या पता वो उसका कोई वैहम होगा क्यूंकि उसने भी इस खंडहर के बारे में जो सब सुना था वही सब उसके दिमाग़ में जब चल रहा था जब वो वहाँ जा रहा था। इसलिए वो यही सोच रहा था की जरूर वो उसके दिमाग़ का कोई वैहम ही होगा। पर अभी भी उसे उस खंडहर में जाने की हिम्मत नहीं हो रही थी इसलिए वो जहाँ पर खड़ा था वही से अपनी बकरी को आवाज देकर बुलाने लगा। पर हैरानी की बात तो ये थी की उस खंडहर के अंदर ना तो कोई घाँस थी और ना कोई झड़ी फिर भी वो बकरी खंडहर में एक जगह पर ऐसे खड़ी थी जैसे किसी ने उसे एक जगह पर जमा दिया हो।
काफ़ी देर तक राहुल ने अपनी बकरी को वही से आवाज लगाई पर शायद उसकी आवाज उसकी बकरी तक नहीं पहुंच पा रही थी। पर ये कैसे हो सकता हैं की उसकी आवाज उसकी बकरी तक नहीं जा रही हो क्यूंकि राहुल अपनी बकरी से मुश्किल से 4 मीटर की दुरी पर ही होगा। उसके बाद राहुल ने फिर थोड़ी हिम्मत करी और भगवान का नाम लेकर खंडहर के अंदर जाने लगा। वो जैसे जैसे खंडहर के अंदर जा रहा था वैसे वैसे उसके दिल की धड़कन बढ़ती जा रही थी।
उसके बाद राहुल जैसे ही अपनी बकरी के पास पंहुचा तो वो अपनी बकरी को डंडे से मार कर खंडहर से बाहर भागाने की कोशिश करने लगा पर पता नहीं उस समय उसकी बकरी को क्या हो गया था की उसके बार बार डंडा मारने पर भी वो बकरी अपनी जगह से नहीं हिली। पर राहुल ने तभी भी हार नहीं मानी और उसके बाद राहुल ने अपना डंडा नीचे रखा और अपने दोनों हाथो से बकरी को दक्का देकर ले जाने की कोशिश करी पर उसकी पूरी जान से दक्का देने के बाद भी वो बकरी अपनी जगह से जरा सा भी नहीं हिली।
राहुल अपनी बकरी को दक्का दे ही रहा था तभी उसे उसके पिछे से किसी के चलने की आवाज सुनाई देने लगी। आवाज सुनकर राहुल एक झटके में पिछे मुड़ा तो उसकी आँखे फटी की फटी रह गई और उसके अंदर एक डर का बवाण्डार सा बनने लगा क्यूंकि उसने देखा उसके एकदम पिछे एक पूरा जला हुआ आदमी खड़ा था और उस आदमी के शरीर में आग जल रही थी। राहुल ने जैसे ही उस आदमी को देखा वो तुरंत अपनी बकरी को वही छोड़कर खंडहर से बाहर की तरफ भागने लगा। तभी राहुल भागते भागते एक रुक जाता हैं
क्यूंकि उसने देखा खंडहर के गेट के पास वही जली हुई औरत खड़ी थी जो उसे यहाँ आते ही दिखी थी। और समय भी उस औरत के शरीर में आग जल रही थी उसके बाद वो औरत वो आदमी राहुल के ओर बढ़ने लगे। - अजय की दादी अजय को कहानी सुना ही रही थी तभी एकदम से वहाँ बड़ी तेज बारिश होने लगती हैं तभी अजय की दादी अजय से बोलती हैं - अजय जल्दी जल्दी सारी बकरियों को ढूंढो और उन्हें जल्दी जल्दी घर ले चलो - फिर अजय ने कहा - पर दादी कहानी -
फिर अजय की दादी ने कहा - बेटा पहले सारी बकरियों को घर ले चलो फिर बाद में बाकि की कहानियाँ सुनाऊँगी - उसके बाद अजय और अजय की दादी सारी बकरियों को ढूंढ कर घर ले गए। और फिर शाम को जब अजय के घर के सभी लोग खाना पीना खा कर सोने को गए। तभी अजय तुरंत अपनी दादी के पास गया और बोला - दादी बाकि की कहानी - फिर अजय की दादी ने हल्का सा मुस्कुराया और कहा - आ बैठ अजय मैं अभी यही कहा रही थी की तू अभी तक कहानी सुनने आया नहीं कही तू सो तो नहीं गया अच्छा वैसे मैं कहाँ थी कहानी में -
फिर अजय ने कहा - अरे दादी जब वो औरत और वो आदमी राहुल के पास आ रहे थे तभी तो आप ने कहानी रोक दी थी - फिर अजय की दादी ने कहा - उस जली हुई औरत और उस जले हुए आदमी को अपनी ओर बढ़ते देखकर राहुल के दिल की धड़कन अपनी दुगनी रफ़्तार में हो गई थी। और उसके बाद वो जली हुई औरत और वो जला हुआ आदमी राहुल के एकदम पास आकर रोक गए और तभी उस औरत ने राहुल का एक हाथ पकड़ लिया। पर उस औरत ने जैसे ही राहुल के हाथ को पकड़ा तो राहुल को ऐसा लगा जैसे उसके हाथ में किसी ने आग लगा दी हो।
उसके बाद राहुल ने जैसे ही अपने हाथ की ओर देखा तो उसके मुँह से बड़ी जोर दार चिख निकली क्यूंकि उस औरत ने जिस जगह से राहुल का हाथ पकड़ा था उस जगह से राहुल का पूरा हाथ जल चुका था। उसके बाद राहुल ने फिर अपने सर ऊपर करके देखा तो वो औरत और वो आदमी अब वहाँ नहीं थे। और उन्हे वहाँ ना देखकर राहुल तुरंत वहाँ से अपने घर की ओर भागा उसके बाद राहुल जैसे तैसे अपने घर पंहुचा तो उसने सारी बात बताई की उसके साथ क्या हुआ था। - फिर अजय की दादी ने कहा - अब पता चला मैं तुम्हे वहाँ जाने से हमेशा क्यों मना करती हूँ चलो अब बहुत रात हो गई हैं जाओ अपने बिस्तर पर जाकर सो जाओ -
उसके बाद अजय अपने बिस्तर पर आकर लेट तो गया पर वो अब यही सोच रहा था की कल तो उसकी दादी उसके साथ बकरिया चराने तो जाएगी नहीं क्यूंकि उन्हें कल कही जाना हैं पर मैं तो जाऊंगा और मैं कल उस खंडहर को भी देखकर आऊंगा। अब इसके आगे की कहानी अगले एपिसोड में हैं।