भयानक खंडहर E-3 || haunted story in hindi || Hindi story my

 

भयानक खंडहर E-3


अजय अपने बिस्तर पर आकर लेट तो गया पर वो अब यही सोच रहा था की कल तो उसकी दादी उसके साथ बकरिया चराने तो जाएगी नहीं क्यूंकि उन्हें कल कही जाना हैं पर मैं तो जाऊंगा और मैं कल उस खंडहर को भी देखकर आऊंगा। और यही सब सोचते हुए अजय सो जाता हैं और अगले दिन सुबह उठते ही अजय सबसे पहले फरेश होता हैं फिर नास्ता वास्ता करने के बाद अजय सीधा जाकर अपनी बकरियों को खोलने के बाद उसने अपने घर में बताया की वो बकरिया चराने जा रहा हैं।

#

इस कहानी को ऑडियो में सुने

उसके बाद वो जा रहा था तभी उसकी दादी ने पिछे से आवाज लगाई और कहा - अजय सुनो जरा - अपनी दादी की आवाज सुनकर अजय पिछे मुड़ा और बोला - हाँ दादी बोलिए - फिर अजय की दादी ने कहा - अजय पहाड़ के ज्यादा ऊपर की तरफ मत जाना जहाँ हम रोज बकरिया चाराते हैं बस वही पर ही बकरिया चराना ठीक हैं - उसके बाद अजय ने कहा - हाँ हाँ दादी मुझे पता हैं - इतना बोलकर अजय मन ही मन सोचता हैं - मैं आज उस खंडहर को तो देखकर जरूर आऊँगा कौन सा दादी को पता चल जाएगा - और उसके बाद जैसे ही अजय घर से बाहर जाने को हुआ तभी अजय की मम्मी ने आवाज मरी और कहा - अजय तू अकेले समाल तो लेगा सारी बकरियों को -


फिर अजय ने कहा - अरे मम्मी अब मैं बड़ा हो गया हूँ और दादी से भी पूछ लो अब रोज मैं ही बकरिया चराता हूँ - फिर अजय की दादी ने थोड़ा सा मुस्कुराते हुए कहा - अरे बहु तू मेरे अजय को अभी भी छोटा समझती हैं क्या अब मेरा अजय बड़ा हो गया हैं - उसकी दादी के इतना बोलने के बाद अजय अपने घर से बकरिया लेकर निकल जाता हैं। और उसके बाद थोड़ी ही देर में अजय वहाँ पहुंच जाता हैं जहाँ वो और उसकी दादी रोज बकरिया चाराते थे। वहाँ पहुंच कर अजय अपनी बकरी को वही चरने के लिए छोड़कर पहाड़ के ऊपर की तरफ जाने लगता हैं जहाँ वो खंडहर हैं। और चलते चलते थोड़ी ही देर में अजय पहाड़ के इतना ऊपर की तरफ आ गया था जहाँ से वो खंडहर अजय को दिखने लगा था।


अजय उस खंडहर को देखकर बोलता हैं - अरे दादी सच ही कहती थी ये खंडहर तो देखने में ही बड़ा भयानक हैं - पहले तो अजय दूर से ही खड़े होकर उस खंडहर को देख रहा था। और काफ़ी देर तक दूर से ही खंडहर को देखने के बाद अजय ने कहा - चलो एक बार इस खंडहर को अंदर से देखकर आता हूँ - इतना बोलकर अजय उस खंडहर की तरफ जाने जगता हैं। वो खंडहर देखने में बड़ा ही पुराना और बड़ा ही भयानक लग रहा था और देखने में ये भी लग रहा था की कोई इस तरफ सालो से नहीं आया होगा।


कहते हैं बच्चों को जो चीज करने को मना करी जाती हैं बच्चे सबसे पहले वही चीज करते हैं ऐसा ही कुछ अजय के साथ था। अजय की दादी भी अजय को हमेशा इस तरफ आने से मना ही करती थी पर अजय को ना जाने ऐसा क्या देखने का मन कर रहा था उस खंडहर में जो वो अकेले ही उस खंडहर में जा रहा था। और उसके बाद अजय जैसे ही खंडहर के पास पंहुचा तभी अचानक से उस खंडहर के गेट के पास एक कुत्ता आ गया और अजय को देखकर बड़ी तेज तेज भोकने लगा। पहले तो अजय ये देखकर काफ़ी डर गया था पर अजय रोज इस जंगल में आता था।


और उसकी दादी ने भी उसे जानवरों से बचना सीखा दिया था और ये भी सीखा दिया था की जानवरों को कैसे भागाए। उसके बाद अजय ने अपने हाथ में जो डंडा लिया हुआ था उस डंडे को हवा में ही खुमाने लगता हैं। और थोड़ी देर डंडे को हवा में खुमाने के बाद अजय ने एकदम से डंडा कुत्ते के मुँह पास लाकर रोक देता हैं। और देखकर वो कुत्ता वहाँ स्वागत तुरंत डर के वहाँ से भाग जाता हैं। उस कुत्ते के भागते ही अजय फिर से खंडहर के अंदर जाने लगाता हैं। काश अजय उस कुत्ते के आने की वजह से वही से वापस नीचे की तरफ चला जाता और इस खंडहर के अंदर नहीं जाता।


उसके बाद अजय उस खंडहर के अंदर पहुंच कर खंडहर के हर एक कमरे में घूमने लगता हैं और पुरे खंडहर में खुमने के बाद अजय जैसे ही बाहर जाने को तभी उसने जो देखा उसे देखकर अजय डर से पूरी तरह कपने लगा क्यूंकि उसने देखा उसके सामने एक पूरी जली हुई औरत खड़ी थी और उस औरत के शरीर में आग जल रही थी। अजय उस औरत को देखकर एक जगह पर खड़े खड़े डर रहा था तभी वो जली हुई औरत धीरे धीरे अजय की तरफ आने लगी। जैसे जैसे वो औरत आगे आ रही थी वैसे वैसे अजय पिछे की तरफ होते जा रहा था।


और पिछे होते होते अजय पिछे दीवाल से चिपक जाता हैं और उसके बाद वो जली हुई औरत अजय के एकदम पास आकर खड़ी हो जाती हैं और वो अपना हाथ अजय की ओर ला ही रही थी तभी उस औरत का हाथ कोई पकड़ लेता हैं। अजय जैसे ही देखता हैं की किसने उस औरत का हाथ पकड़ा तो उसने देखा एक छोटा सा लड़का पर वो भी पूरा जला हुआ और उसके शरीर में आग जल रही थी उसने ही उस औरत का हाथ पकड़ा हुआ था। उसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वो बच्चा अजय को बचाना चाह रहा हो।


उसके थोड़ी ही देर बाद वो औरत और वो बच्चा वहाँ से गायब हो गए। और उसके बाद अजय तुरंत उस खंडहर से निकल कर भाग गया। और उस घटना के बाद अजय फिर कभी खंडहर के तरफ नहीं गया।


एपिसोड 2👉क्लिक 


इस कहानी के लेखक हैं - शिव
इस कहानी में आवाज दी हैं - प्रियंका यादव



और भूत की कहानियाँ 👇




एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने