भयानक खंडहर
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12 साल का अजय नैनीताल के पहाड़ो के एक छोटे से गाँव में रहता हैं वो रोज अपनी बकरियों को घाँस चराने के लिए अपनी दादी के पहाड़ो के ऊपर तक हैं। और ऐसे ही रोज की तरफ एक दिन अजय अपनी दादी के साथ अपनी बकरियों को घाँस चराने के लिए गया गए था। उसके बाद उसने और उसकी दादी ने सभी बकरियों को घाँस चरने के लिए वही जंगल में छोड़ दिया और दोनों खुद एक पेड़ के नीचे आकर पेड़ गए।
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वहाँ बैठे बैठे अभी उन्हे थोड़ा ही समय हुआ होगा तभी अजय ने अपनी दादी से कहा - दादी कोई कहानी सुनाओ ना - फिर अजय की दादी ने कहा - नहीं अजय अभी नहीं अभी मैं थोड़ा आराम कर लू फिर उसके बाद सुनाऊँगी - पर अजय ने फिर जिद करते हुए कहा - नहीं दादी मुझे अभी सुनाओ मुझे अभी ही सुनने का मन हैं - अजय के इस बार कहने पर अजय की दादी कहानी सुनाने को मान जाती हैं क्यूंकि दादा या दादी से अपने पोते या पोती की बात ज्यादा देर तक मना नहीं करी जाती इसलिए अजय की दादी ने कहा - अच्छा चलो बताओ कौन सी कहानी सुनोगे तुम -
फिर अजय ने ख़ुश होते हुए कहा - दादी भूत वाली पर दादी वो कहानी असली की होनी चाहिए - फिर अजय की दादी ने थोड़ा सोचते हुए कहा - अच्छा चलो सुनो ये बात इसी पहाड़ की हैं इस पहाड़ के ऊपर जो वो पुरना खंडहर हैं ना उसकी बात हैं - तभी अपनी दादी की बात बीच में ही काटते हुए अजय ने कहा - पर दादी वो खंडहर किसने बनवाया हैं - फिर अजय की दादी ने कहा - ये तो पता नहीं बेटा पर कहते हैं वो खंडहर लगभग 200 साल पुराना हैं और लोग ये भी कहते हैं की उस खंडहर में पहले एक परिवार रहा करता था पर एक दिन पता नहीं कैसे उनके घर में आग लग गई और उस घर के सब लोग जलकर मर गए -
तभी अजय ने अपनी दादी को फिर से टोका और कहा - पर दादी उस घर में आग कैसे लगी थी - फिर अजय की दादी ने कहा - अरे बताती हूँ बताती हूँ तू मुझे बोलने ही कहाँ देता हैं - फिर अजय ने कहा - चलो दादी में अब बीच में कुछ नहीं बोलूंगा - फिर अजय की दादी ने हल्का सा मुस्कुराया और कहा - बेटा ये भी नहीं पता मगर कुछ लोग कहते हैं की किसी ने रात में उस घर में आग लगा दी और दरवाजा बाहर से बंद कर दिया ताकी कोई वहाँ से बाहर ना निकल पाए। और फिर उस घटना के बाद कई लोगो ने उस खंडहर के पास एकदम जले हुए लोगो को घूमते हुए देखा और उनको देखकर ऐसा लग रहा था जैसे उनके शरीर में आग जल रही हो -
तभी अजय ने फिर अपनी दादी की बात बीच में ही कटी और कहा - दादी किसी ऐसे इंसान की बात बताओ जिसने उन लोगो को देखा और उसके साथ जो वहाँ हुआ वो उसने सबको आके बताया हो - फिर अजय की दादी ने कहा - मैं अभी उस ही घटना को बताने जा रही थी मैंने पहले तुम्हे यह सारी बाते इसलिए बताई ताकी तुम्हे यह कहानी सही से समझ में आ जाए - फिर अजय की दादी ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा - यह बात लगभग आज से पाँच साल पहले की होगी अपने इसी गाँव में एक राहुल नाम का लड़का रहा करता था उस समय राहुल की उम्र लगभग 18 साल रही होगी।
और वो भी इस पहाड़ में रोज अपनी बकरिया चराने के लिए आया करता था ऐसे ही एक दिन रोज की तरह वो अपनी बकरियों को चराने के बाद जब उन्हें घर वापस ले जाने के लिए ढूंढ रहा था तो उसे उसकी तीन बकरिया छोड़ कर सारी बकरिया मिल गई। पर उसे उसकी वो तीन बकरिया कही नहीं दिख रही थी। पर वो लगातर अपनी बकरियों को ढूंढ़ते हुए पहाड़ के ऊपर की तरफ चले जा रहा था। तभी उसे उसकी एक बकरी दिख जाती हैं।
उसके बाद वो तुरंत भागता हुआ अपनी उस बकरी के पस जाता हैं और वो अपनी उस बकरी को डंडे से मार के नीचे की तरफ भगा देता हैं। उसके बाद वो सोचता हैं की उसकी एक बकरी यहाँ हैं तो इसका मतलब यही होगा की बाकि की दो बकरिया भी यही होंगी या फिर और ऊपर की तरफ ही होंगी। यही सोचकर पहले तो राहुल अपनी बकरियों को इधर उधर जाकर ढूंढ़ता हैं पर उसे जब उसकी बाकि की दो बकरिया कही नहीं दिखती तो वो सीधा ऊपर की तरफ जाने लगता हैं।
वो ऊपर की तरफ जा तो रहा था पर उसे थोड़ा डर भी लग रहा था क्यूंकि उस खंडहर के बारे में पुरे गाँव को पता था की वो खंडहर कितना भयानक हैं। पर राहुल एक निडर लड़का था इसलिए वो अपनी बस दो बकरियों के लिए वहाँ जा रहा था जहाँ जाने से पुरे गाँव के लोग डरते थे। राहुल ऊपर की तरफ लगातार चले जा रहा था पर उस उसकी वो दो बकरिया कही भी नजर नहीं आ रही थी। और वो चलते चलते उसी खंडहर के पास जैसे ही पंहुचा तो उसे उस खंडहर के अंदर से ऐसी आवाज सुनाई दे रही थी जैसे कोई उस खंडहर के अंदर हो और वो इधर उधर चल रहा हो।
राहुल वही एक जगह पर खड़े होकर वो सारी आवाजे बड़े ध्यान से सुन रहा था और यही सोच रहा था की कोई भी तो पहाड़ के इस तरफ तो आता नहीं तो ये किसकी आवाज हैं। आवाज सुनकर राहुल थोड़ा डर तो गया था पर वो वहाँ से भागा नहीं कोई की उसे ये भी लग रहा था की शायद इसके अंदर ही उसकी बकरिया हो और वो आवाज उनके ही चलने की हो। वही पर खड़े खड़े यही सब सोच रहा था तभी उस खंडहर के अंदर से उसकी एक बकरी बाहर आती हैं।
राहुल जैसे ही अपनी उस बकरी को देखता तो वो तुरंत अपनी उस बकरी के पास भागता हुआ जाता हैं और उसको भी अपनी डंडी से मार कर नीचे की तरफ भगा देता हैं। उसने जैसे ही अपनी उस बकरी को नीचे की तरफ भगा कर पिछे की तरफ घूमता हैं तभी उसे फिर से खंडहर के अंदर से वैसी ही आवाज आने लगती हैं आवाज सुनकर राहुल सोचता हैं पक्का उसकी दूसरी बकरी भी अंदर ही हो यही सोचकर वो जैसे ही उस खंडहर अंदर जाता हैं तो उसने जो देखा उसे देखकर राहुल के अंदर का खून बर्फ सा ठंडा हो जाता हैं क्यूंकि उसने देखा उस खंडहर के अंदर एक पूरी जली हुई औरत खड़ी थी।
इसके आगे की कहानी अब अगले एपिसोड में हैं।