पिशाच
सुनसान अँधेरी रात में एक बस उस रात की शांति को भंग करती दौड़ी चलिए जा रही थी। तभी एकदम से उस बस के ड्राइवर ने ब्रेक मार कर बस को एक जंगल के पास में रोक दी। उसके बाद बस का कंडक्टर अपनी सीट से उठा और जैसे ही उसने बस का गेट खोला उसके बाद एक 22 या 23 साल का लड़का अपना बैग को अपने कंधे पर लिए बस पर जैसे ही जड़ा तो उस लड़के ने देखा बस में तो कोई भी सेट खाली नहीं हैं उसके बाद उस लड़के ने बस के कंडक्टर की तरफ देखा और से कहा - अरे भाई इसमें तो कोई भी सीट खाली नहीं दिख रही -
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फिर बस कंडक्टर ने अपनी ऊँगली से इशारा करते हुए कहा - अरे भाई वो पिछे सेकंड लास्ट नम्बर वाली सीट पर जो मैडम बैठी हैं उनके बगल वाली सीट खाली हैं जाओ वहाँ जाकर बैठ जाओ - उसके बाद उस लड़के ने जैसे ही उस तरफ देखा जहाँ कंडक्टर ने बैठने को कह था तो इसने देखा एक 20 या 21 साल की लड़की बैठी थी जिसके घुंघराले बाल और देखने में बड़ी सुन्दर और आकर्षक लग रही थी। उसके बाद उस लड़के ने अपना सर ऊपर की तरफ करा और मन ही मन कहा - वा भगवान इतनी रात को बस भी मिला दी और अब क्या बढ़िया जगह पर सीट दिला दी थैंक्यू भगवान -
उसके बाद उसने कंडक्टर से टिकट लिया और सीधा उस लड़की के बगल वाली सीट पर बैठ गया। पर शायद उस लड़की को पता भी नहीं चला की कोई उसके बगल में आकर बैठ गया हैं क्यूंकि वो लड़की शायद अपने फ़ोन कुछ कर रही थी। उसके बाद उस लड़के ने कहा - हेलो जी माय सेल्फ अमन - अमन के इतना बोलने के बाद उस लड़की ने अमन की तरफ देखा पर बिना कोई जवाब दिए फिर अपना फोन चलाने लगी - उसके बाद अमन ने फिर कहा - जी आप कहाँ जा रहे हो - उसके बाद उस लड़की ने अमन की तरफ देखा और हल्का सा मुस्कुराते हुए कहा - मैं लखनऊ जा रही हूँ -
उस लड़की के मुँह से इतना सुनने के बाद अमन तुरंत अपनी जगह से उठा और जोर से चिल्लाते हुए बोला - अरे भाई बस रोको - अमन के इनता बोलने के बाद बस का कंडक्टर पिछे मुड़ा और बोला - क्या हो गया भाई - फिर अमन ने कहा - अरे भाई यह बस कहाँ जा रही हैं - फिर कंडक्टर ने कहा - अरे भाई अभी थोड़ी देर पहले ही तो बताया था की ये बस देहरादून जा रही हैं और तुमने देहरादून का टिकट भी तो लिया था इतनी जल्दी भूल गए - उसके बाद अमन फिर से अपनी जगह पर बैठ तो गया पर शायद अब वो समझ चूका था की इस लड़की से अब कुछ भी बोलना बेकार हैं क्यूंकि शायद वो लड़की उससे बात करना ही नहीं चहती ।
इसलिए वो उसके बाद अपनी जेब से अपना फ़ोन निकाल कर चलाने लगता हैं। और अमन अपनी जगह पर बैठे बैठे फ़ोन चला ही रहा था तभी उसने देखा उसके आगे जो आदमी बैठा हुआ था उस आदमी का पर्श नीचे गिया हुआ था। उसके बाद अमन ने उस आदमी के कंधे पर हाथ रखा और कहा - अरे भाई जी आपका पर्श नीचे गिया हुआ हैं - अमन की बात सुनकर उस आदमी ने तुरंत अपना पर्श उठाया और - थैंक्यू भाई अगर आपकी जगह और कोई होता तो वो नहीं बताता -
अमन को उस आदमी की मदद करते हुए उस लड़की ने भी देख लिया था जो अमन के बगल में बैठी हुई थी। तो उसे लगा की अभी तक जो वो अमन के बारे में सोच रही थी की ये एक छिछोरा लड़का हैं इसलिए वो उसकी बातों को अनसुना कर रही थी पर शायद अब उसके विचार भी बदलने लगे थे। उस आदमी की मदद कर के अमन जैसे ही अपनी सीट पर फिर से बैठा तो उस लड़की ने अमन से कहा - काफ़ी अच्छा काम करा आपने - फिर अमन ने थोड़ा मुस्कुराते हुए कहा - थैंक्यू वैसे आपने अभी तक अपना नाम नहीं बताया -
फिर उस लड़की ने भी थोड़ा सा मुस्कुराते हुए कहा - मेरा नाम निकिता हैं और आपका नाम मुझे पता हैं आपका नाम अमन हैं ना - फिर अमन ने कहा - अरे वाह आपको कैसे पता मैं तो इतना फैमश भी नहीं हूँ मेरे इंस्टाग्राम में तो बस सौ ही फोल्लोवेर्स हैं तो आपको मेरा नाम कैसे पता - अमन की बात सुनकर निकिता ने थोड़ा मुस्कुराते हुए कहा - वो थोड़ी देर पहले अपने ही बताया था ना - इतना बोलकर निकिता फिर से अपना फ़ोन चलाने लगी। उसके बाद अमन ने निकिता के फ़ोन देखने की कोशिश करी की इतनी देर से यह फ़ोन में क्या कर रही हैं।
और अमन ने देखा शायद वो अपने फ़ोन में कोई कहानी पढ़ रही थी। शायद वो कहानी अब अमन को भी अच्छी लगने लगी थी इसलिए वो भी बगल से बैठे बैठे निकिता के फ़ोन में झांक-झांक कर कहानी पढ़ने लगा। अमन कहानी पढ़ ही रहा था तभी निकिता ने अपना बंद कर लिया और खिड़की से बाहर देखने लगी। तभी अमन ने कहा - अरे आपने कहानी बंद क्यों कर दी और वैसे कौन सी कहानी थी यह - अमन की बात सुनकर निकिता ने अमन की तरफ देखा और हल्का सा मुस्कुराते हुए कहा - क्या आप भी कहानी पढ़ रहे थे क्या -
फिर अमन ने कहा - वैसे मुझे कहानियाँ सुनना ज्यादा पसंद हैं पर आप जो कहानी पढ़ रहे थे वो कहानी बहुत बढ़िया लग रही थी इसलिए में भी पढ़ने लगा वैसे उस कहानी का नाम क्या हैं - फिर निकिता ने कहा - इस कहानी का नाम हैं श्रापित बगला यह कहानी तुम्हे हिन्दी स्टोरी माय वेबसाइट पर मिल जाएगी और हाँ तुम वहाँ कहानियाँ पढ़ और सुन सकते हो - फिर अमर ने कहा - अरे हिन्दी स्टोरी माय वेबसाइट में कहानियाँ तो मैं भी सुनता हूँ पर यह कहानी कब आई मुझे तो पता ही नहीं चला -
फिर निकिता ने कहा -यह कहानी अभी कुछ दिनों पहले ही इस वेबसाइट पर आई हैं और तुम्हे इसलिए नहीं पता चला होगा क्यूंकि तुमने इस वेबसाइट को सब्सक्राइब नहीं करा होगा अगर सब्सक्राइब करा होता तो तुम्हारे पास इसका नोटिफिकेशन आ जाता - ओ अच्छा पर आपने मेरे पहले सवाल का जवाब अभी तक नहीं दिया - फिर निकिता ने कह - कौन सा सवाल - फिर अमन ने कहा - अरे की आप कहाँ जा रहे हो - फिर निकिता ने मुस्कुराते हुए कह - देहरादून और आप - फिर अमन ने कहा - मैं भी देहरादून ही जा रहा हूँ थानो के पास -
फिर निकिता ने कहा - थानो पर वो तो पूरी जंगल वाली जगह हैं और रात भी काफ़ी हो गई हैं और अभी वहाँ के लिए कोई ऑटो वगेरा भी शायद मिलना भी मुश्किल हैं - निकिता ने यह इसलिए कह क्यूंकि अभी रात भी बहुत हो गई थी और उनकी बस भी देहरादून पहुंचने वाली थी। फिर उसके बाद अमन कह - हाँ देखते हैं वैसे आप देहरादून में कहाँ जा रहे हो - फिर निकिता ने मुस्कुराते हुए कहा - मैं भी थानो की तरफ ही जा रही हूँ - फिर अमन ने कहा - ओ वो तो काफ़ी जंगल वाली जगह हैं और रात भी काफ़ी हो गई हैं -
अमन की बात सुनकर फिर निकिता हँसने लगी और हँसते हुए ही कहा - चलो अब सही ही दोनों उधर ही जा रहे हैं और दोनों मिलकर की ऑटो को कर लेंगे - फिर अमन ने कहा - हाँ सही तो हैं पर मैंने सुना हैं की वहाँ उस जंगल में आज कल रात में कोई पिशाच खुम रहा हैं - अब इसके आगे की कहानी अगले एपिसोड में हैं।
इस कहानी के लेखक हैं - शिव
इस कहानी में आवाज दी हैं - प्रियंका यादव
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