Horror story || मरी हुई बीवी की आवाज || hindi story || hindi horror story

            मरी हुई बीवी की आवाज


आज बारिश सुबह से ही रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी । और अब रात के 11 बज चुके है । और बारिश सुबह जैसी ही हो रही है । तभी मेरी बीवी की आवाज़ आती है । राहुल-राहुल -  हाँ अभी आया मैंने कहा और  मैं कुछ ही कदाम चला था । तभी मुझे याद आया, मेरी बीवी तो 20 दिन पहले ही मर चुकी है । तो यह किसकी आवाज़ थी जो मुझे मेरा नाम लेकर बुला रही थी । मेरी बीवी के मरने के बाद से ही मैं घर में अकेला ही रहता हूँ । तो ये किसकी आवाज़ थी जो मेरा नाम लेकर मुझे बुला रही थी । हो सकता है मुझे उसकी याद आने के कारण कोई वैहम हो गया हो। ये सोच कर मैं अपने बिस्तर पर वापस आ गया है ।
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आँख लगे अभी एक घंटा ही हुआ होगा तभी मेरे फ़ोन की घंटी बजी। अरे कौन हैं इतनी रात को सही से सोने भी नहीं देते ये बोल कर जब मैंने फ़ोन अपने कान से लगाया तो। मुझे विश्वास नहीं हो रहा था। की ये कोई सपना हैं या हकीकत । फ़ोन से आवाज़ मेरी - मरी हुई बीवी की आ रही थी वो ये बोल रही थी । राहुल मुझे आपकी याद आ रही है और मैं आपको लेने जल्दी ही आ रही हूँ । ये सुनकर जैसे मेरे अंदर का खून जम सा गया हो । पर ये हो कैसे सकता हैं कोई मरा हुआ इंसान फ़ोन कैसे कर सकता हैं । यही सब सोचते सोचते पाता नहीं कब मेरी आँख लगई मुझे पता ही नहीं चला ।


दरवाजे की घंटी से मेरी आँख खुली । अरे कौन हैं इतनी सुबह ये बोलते हुऐ मैं दरवाजे को खुलने के लिए उठा । मैंने दरवाजा खोला तो देखा वहा मोहन खड़ा था । मोहन मेरा दूध वाला था । अरे मोहन आज इतनी जल्दी - क्या भैया जी 8 बज चुके हैं । आज संडे हैं तो क्या मतलब भैया जी सोते ही रहिएगा क्या - ना यर मोहन ये बोल कर मैं चुप हो गया पहले सोचा की मोहन को कल रात के बारे में सब बता दू। नहीं मैंने सोचा कही इसे कल रात की बात बताई तो ये मुझे पागल ना समझे । फिर मैंने मोहन से दूध लिया और घर के अंदर वापस आ गया । मैं पेशे से टीचर हूँ और आज संडे होने की वजह से पूरा दिन घर पर ही रहना होगा । तो मैंने सोचा आज क्यों ना घर की सफाई ही कर ली जाए । जब तक माया थी तब वही घर का सारा काम करती थी । और जब से उसकी मौत हुई हैं घर की सफाई सही से नहीं हुई हैं । घर का काम करके दोपहर के एक बज चुके थे। और मुझे काम कर के बहुत थकान होने लगी थी इसलिए मैंने सोचा क्यों ना कुछ देर आराम कर लिया जाए। कुछ देर आराम करने के चक्कर में मेरी आँख कब लगई मुझे पता ही नहीं चला ।

फ़ोन की घंटी बजने ने से मेरी आँख खुली तो फ़ोन में मैंने  टाइम देखा तो पता चला मुझे सोते सोते रात हो गई थी । सायद आज ज्यादा काम करने की वजह से मेरी आँख नहीं खुली । रात के 8 बजे से मैंने खान बनाना शुरू करा और रात के 10 बजे तक मैं खाना खा कर अपने बेडरूम में आकर फ़ोन चला ही रहा था । तभी दरवाजे की घंटी की आवाज़ आई । अरे कौन हैं इतनी रात को ये बोल कर मैं दरवाजे को खुलने के आगे बढ़ा । दरवाजे की घंटी लगातार बजे ही जा रही थी । अरे आरहा हूँ भाई - मैं दरवाजे के पास ही आया था तभी एक आवाज़ आई - दरवाजा खोलो राहुल मैं हूँ - मैं माया तुम्हारी माया दरवाजा खोलो राहुल । ये सुन कर जैसे मैं जम सा गया था । चार पाँच मिनट तक एक ही जगह पर ही जमा हुआ था । तभी मेरे पीछे से आवाज़ आती हैं । खड़े खड़े दरवाजे क्या देख रहे हो राहुल कब से कोई बेल बजा रहा हैं दरवाजा खोलो राहुल । ये माया की आवाज़ थी । पर वो कैसे हो सकती हैं अभी कुछ देर पहले उसकी आवाज़ घर के बाहर से आ रही थी । और घंटी की आवाज़ अभी भी आ रही थी यही सब मैं सोच ही रहा था । तभी एक बार फिर  मेरे पीछे से माया की आवाज़ आई । अरे तुम खड़े खड़े दरवाजे को ही देखते रहोगे या दरवाजा खोलोगे   भी । ये सुनकर मेरी पीछे मुड़ने की हिम्मत तो नहीं हो रही थी पर किसी तरह मैंने हिम्मत करते हुऐ पीछे मुड़ा तो वहा कोई नहीं था ।


मुझे वहा कोई नहीं देखा तो मैंने एक ठंडी सांस ली । पर दरवाजे की घंटी की आवाज़ अभी भी आ रही थी । मुझे समझ नहीं आ रहा था मैं क्या करू मेरे दिल की धड़कन अपनी दुगनी रफ़्तार से चल रही थी । मानो दिल अभी सीना फाड़ कर बाहर आ जाएगा । पर किसी तहा मैं दरवाजे को खोलने  के लिए आगे बढ़ता हूँ । मेरा दिल मुझे मना कर रहा था पर जैसे मेरे पैर अपने आप ही चल कर दरवाजे को खोलने के लिए आगे बढ़ रहे थे । जब मैंने दरवाजा खोला तो माया मेरे सामने खड़ी थी । वो मुझे देख कर मुस्का रही थी और वो मेरे ही पास आ रही थी । मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था की यह क्या हो रहा हैं । इससे पहले मैं कुछ समझ पाता मेरी आँखो के सामने अंधेरा सा छाने लगा । जब मेरी आँख खुली तो मेरे सामने मोहन खड़ा था । सुबह हो गई थी मैं घर के बाहर ही बैहोश हो गया था । मोहन कहता हैं - भैया जी आप ठीक तो हैं मैं तो डर ही गया था - मैंने कहा हाँ मोहनमैं ठीक हूँ - मोहन कहता हैं - क्या हुआ था भैया जी जो आप बाहर ही बैहोश हो गये थे - मैंने कहाँ पाता नहीं मोहन मुझे कुछ याद नहीं आ रहा। लगता हैं मुझे चक्कर आ गया होगा ।  - अच्छा भैया जी तो चलिए आप आराम कर लीजिये । मोहन मुझे घर के अंदर छोड़ कर चला जाता हैं ।

मैं सोच ही रहा था की जो मैंने कल देखा वो सच था। या फिर मेरा कोई सपना था । ना सपना नहीं हो सकता वो मुझे दिखी थी मुझे याद हैं । यही सब मैं सोच ही रहा था तभी मेरे फ़ोन की घंटी भजी मैंने देखा कोई नया नंबर था। मैंने जब फ़ोन अपने कान से लगाया तो किसी की आवाज़ नहीं आ रही थी मैंने दो तीन बार हेलो हेलो बोला पर किसी की आवाज़ नहीं आ रही थी । जैसे ही मैं फ़ोन रखने वाला था । तभी किसी की फ़ोन से आवाज़ आई वो किसी ओर की आवाज नहीं बल्कि मेरी बीवी माया की आवाज़ थी वो बोल रही थी । राहुल मुझे आपकी याद आ रही हैं अब मुझ से रहा नहीं जा रहा मैं आज ही आपको लेने आ रही हूँ । ये सुन कर मेरे पैर कापने लगे थे मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था मैं क्या करू । मैं यही सब सोच रहा था की आज मैं मर जाऊंगा मेरा आज आखरी दिन हैं । वो मुझे आज मर देगी क्या यही सब सोचते सोचते ना जाने कब रात हो गई थी । रात के 10 बजे थे मैं अपने कमरे में ही था। तभी मेरे कमरे के बाहर से आवाज़ आई राहुल - राहुल देखो मैं आ गई आपको लेने इतना बोल कर वो एक डरावनी हसीं हस ने लगी । वो मुझे लेने आ चुकी थी ।

 इंस्पेक्टर विजय कहता हैं इस राहुल की डायरी मैं इसके आगे कुछ लिखा क्यों नहीं । तभी कॉन्स्टेबल पांडे कहता हैं - सर वो लिखता भी कैसे उसके बाद राहुल मर जो चूका था । और सर राहुल की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मैं ये साफ़-साफ़ लिखा हैं राहुल हार्ट अटैक से मरा था । डॉ का कहना हैं राहुल ने कुछ डरावनी चीज देखी थी जिससे राहुल को हार्ट अटैक आया था। और राहुल ने भी अपनी डायरी में यही लिखा हैं - इंस्पेक्टर विजय कहता हैं ये कैसे हो सकता हैं पांडे। राहुल की बीवी तो मर चुकी थी वो कैसे आ सकती थी । पांडे कहता हैं - पर सच तो यही हैं -यह बोल कर पांडे विजय को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देकर वहा से चला जाता हैं।

अब पुलिस को कुछ भी लगे पर सच नहीं बदल सकता। जब उस रात राहुल अपनी डायरी लिख रहा था । तभी उसे माया की आवाज़ आती हैं। वो कह रही थी राहुल राहुल देखो मैं आगई आपको लेने। राहुल अपनी डायरी लिखते हुऐ कहता हैं। वो आ गई मुझे लेने राहुल लिखना बंद करता हैं और डरते-डरते पीछे देखता हैं। वो देखा हैं माया उसके पीछे ही खड़ी थी और वो उसको देखर मुस्कुरा रही थी। उसको देख कर राहुल की आँखे फटी की फटी रह जाती हैं। और माया राहुल के पास ही आते जा रही थी। राहुल ये देख कर बहुत डर चूका था और उसका दिल बहुत तेजी से धड़कने लगा था। और राहुल ये डर शह नहीं पाता और उसी समय राहुल को हार्ट अटैक आ जाता हैं ।
माया ने कहाँ था वो राहुल को लेने आ रही हैं और वो सच में राहुल को लेकर चली गई ।

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