कब्रिस्तान में मिला दोस्त || bhoot wali kahani || hindi story my

 


                 कब्रिस्तान में मिला दोस्त


संदीप , अभिषेक और काली (काली का असली नाम विक्की हैं पर सब उसे काली बोलते हैं ) रात के 11 बजे अभिषेक के मामा के लड़के की शादी से अपने घर आ रहे थे। तभी संदीप उन दोनों से बोलता हैं - यार चलो उस कब्रिस्तान वाले रास्ते से ही चलते हैं वो रास्ता शॉर्टकट भी हैं नहीं तो मेन रोड से जाएंगे तो बहुत टाइम लग जाएगा। - कब्रिस्तान वाला रास्ता शॉर्टकट था इस रास्ते से इनका गाँव लगभग 3 या 4 किलोमीटर की दुरी पर होगा। और मेन रोड से इनके गाँव की दुरी लगभग 10 या 12 किलोमीटर की थी।
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और यह तीनो दिन के समय में इसी कब्रिस्तान वाले रास्ते से आई थे। संदीप की बात सुनकर अभिषेक बोलता हैं - हाँ संदीप सही बोल रहा हैं तू उस ही रास्ते से चलते वैसे भी हम तीनो पैदल हैं अगर मेन रोड से गए तो सुबह ही तक गाँव पाउचेएंगे - अभिषेक की बात आधे में ही काट कर काली एकदम से बोलता हैं - अबे तुम दोनों कही पागल तो नहीं हो गए हो इतनी रात को कब्रिस्तान वाली रोड से ना बाबा ना मेन रोड से चलेंगे - काली की बात सुनकर वो दोनों काली पर हसने लागते हैं और हस्ते हस्ते ही संदीप बोलता हैं - क्यों काली तुझे डर लगता हैं क्या अगर तुझे डर लग रहा हैं तो तू अकेले ही मेन रोड से चला जा - काली समझ गया था की ये दोनों मेरा मज़ाक बना रहे हैं और अगर मैंने एक बार फिर यहाँ से जाने को मना करा तो यह दोनों पुरे गाँव में सबको बता देंगे और फिर पूरा गाँव काली का मज़ाक बनाएगा।

 इसलिए काली इस बार हीरो बनते हुए बोलता हैं - तो चलो अब इसी कब्रिस्तान वाले रास्ते से ही चलेंगे मैं बस पहले इसलिए बोल रहा था की कही तुम दोनों ना डर जाओ - काली के मान जाने से तीनो उसी कब्रिस्तान वाले रास्ते से जाने लागते हैं। यह तीनो अभी कुछ ही आगे गए होंगे तभी संदीप बोलता हैं - यार थोड़ा रुको मेरा प्रेशर बन रहा हैं मैं एक मिनट में आया - अभिषेक,संदीप की बात सुनकर बोलता हैं - प्रेशर मतलब - संदीप,अभिषेक की बात का जवाब देते हुए बोलता हैं - प्रेशर मतलब यार मुझे 2 नम्बर जाना है -  अभिषेक, संदीप को समझाते है बोलता हैं - भाई यहाँ मत कर यहाँ सही नहीं हैं अभी थोड़ा आगे चलते हैं तब कर लियो - अभिषेक की बात ख़त्म होते ही काली बोलता हैं - अच्छा बेटा इसलिए आना था तुझे कब्रिस्तान वाले रास्ते से शादी में तो हपशियों की तरह लगातार खाए जा रहा था और अब प्रेशर बन रहा हैं भाई का - काली की बात सुनकर संदीप चिढ़ते हुए बोलता हैं - अपनी बकवास बंद कर और जल्दी जल्दी चल मुझे अब रहा नहीं जा रहा - इतना बोलकर तीनो थोड़ा आगे ही गए होंगे तभी संदीप, अभिषेक के हाथो से पानी की बोतल छीन कर बोलता हैं - यार मुझसे अब रहा नहीं जा रहा तुम दोनों पाँच मिनट रुको में अभी आया - इतना बोलकर संदीप दो नम्बर करने के लिए कब्रिस्तान के दूसरे गेट के सामने जो सीढिया बनी हुई थी

 उनमे जाकर दो नंबर करने के लिए बैठ गया। और अभिषेक और काली उधरी थोड़ी दूर जाकर टैहलने लागते हैं। संदीप को गए पहले 10 मिनट फिर 15 मिनट और 20 मिनट हो जाते हैं पर संदीप वापस नहीं आता। इतनी देर संदीप को ना आते देख अभिषेक, काली से बोलता हैं - अरे यार ये संदीप कहाँ रह गया चल देख के आते हैं - इतना बोलकर अभिषेक और काली संदीप को देखने चले जाते हैं। यह दोनों जैसे ही कब्रिस्तान के दूसरे गेट के सामने जाते हैं जहाँ संदीप बैठा था तो वो देखते हैं की संदीप जो बोतल अभिषेक से छीन कर लाया था। वो बोतल तो वही पर पड़ी थी पर संदीप वहाँ नहीं था। संदीप को वहाँ नहीं देखकर अभिषेक और काली उसे आवाज लगाने लगते हैं। - संदीप संदीप संदीप - पर संदीप का कुछ जवाब नहीं आता तभी अभिषेक काली से बोलता हैं - यार हम तो उस तरफ थे पर वहाँ तो संदीप आया नहीं कही ये कब्रिस्तान के अंदर तो नहीं गया  - अभिषेक की बात सुनकर काली बोलता हैं - हाँ हो सकता हैं क्या पता - अभिषेक फिर अपनी बात जारी रखते हुए बोलता हैं - तो चल उसे कब्रिस्तान के अंदर देखकर आते हैं -

 अभिषेक की बात सुनकर काली फिर बोलता हैं - अबे पागल हो गया हैं क्या तू अकेले ही जा के देख कर आजा मैं बाहर ही खड़ा हूँ - काली की बात सुनकर अभिषेक गुस्सा करते हुए बोलता हैं - अबे तू पागल हैं क्या। संदीप अपना दोस्त हैं मैं अंदर जा रहा हूँ और तू भी मेरे साथ चल रहा हैं - इस बार काली अभिषेक की बात समझ जाता हैं और दोनों कब्रिस्तान की दीवार नाग कर अंदर चले जाते हैं। क्यूंकि कब्रिस्तान का गेट इस समय बंद था और कब्रिस्तान की दीवारे छोटी थी। दोनों अंदर जाकर अपने अपने फ़ोन की लाइट जला कर संदीप को आवाज लगाने लगते हैं पर इस बार भी संदीप का कुछ जवाब नहीं आता। और वो दोनों संदीप को ढूंढ़ते हुए कब्रिस्तान के ओर अंदर चले जाते हैं। दोनों अभी थोड़ा ही आगे गए होने तभी अभिषेक बोलता हैं - वो देख वहाँ बैठा हैं संदीप और उसके साथ शैजान भी बैठा हैं - इतना बोलकर अभिषेक उनके पास भग कर जाने लगता हैं काली अभिषेक को पिछे से रुकने को बोलता हैं पर अभिषेक को उसकी बात सुनाई नहीं देती ।और अभिषेक भग कर जा ही रहा था तभी उसका पैर किसी चीज से टकरा जाता हैं

 और अभिषेक बड़ी जोर से नीचे गिर जाता हैं पर अभिषेक तुरंत उठ कर खड़ा हो जाता हैं। उसके खड़े होते ही काली बड़ी जोर से बोलता हैं - अभिषेक वहाँ मत जइयो क्यूंकि शैजान एक हफ्ते पहले ही मर चूका हैं - पर काली की आवाज अभिषेक के नहीं सुनी और उसके पास जाकर बोलता हैं संदीप तू यहाँ बैठा हैं और हम कबसे तुझे ढूंढ रहे हैं। - अभिषेक की आवाज सुनकर संदीप पिछे मुड़ता हैं और कहता हैं - अरे तू भी यहाँ आ गया चल आ जा बैठ - और यह तीनो एक क़ब्र पर ही बैठ जाते हैं काली पिछे से अभिषेक और संदीप को आवाज लाए जा रहा था पर उन तीनो को पता नहीं क्यों उसकी आवाज सुनाई नहीं दे रही थी। काली की बात कोई नहीं सुन रहा था इसलिए काली भी उनके पास भागते हुए उनके पास जाने लगता हैं।

 काली भग ही रहा था तभी उसका भी पर किसी चीज से टकरा जाता हैं और वो भी बड़ी जोर से नीचे गिर जाता हैं। काली भी तुरंत उठ कर खड़ा हो जाता हैं और जैसे ही काली नीचे ये देखने के लिए देखता हैं की किस चीज से टकरा कर गिरा था। और जैसे ही काली ने नीचे देखा तो उसका दिखा वहाँ संदीप, अभिषेक और काली की लहस नीचे पड़ी हुई थी। काली यह देख ही रहा था तभी संदीप उसको देखकर बोलता हैं - अरे काली तू भी आ गया चल आ जा तू भी हमारे साथ बैठ जा। अगले दिन सुबह जब चौकीदार कब्रिस्तान के अंदर आया तो उसे उन तीनो की लहस पड़ी मिली।

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