साया डायन का
यह कहानी एक ऐसी जगह की हैं जहाँ सूरज डूबने के बाद कोई भी जाता हैं तो वो जिन्दा वापस कभी नहीं आता वहाँ आस पास रहने वालो का कहना हैं की उस जगह पर एक डायन हैं और गलती से भी अगर किसी पर उस का साया पड़ गया तो उसे कोई नहीं बच सकता वहाँ रहने वाले लोग उस जगह को डायन कोट के नाम से जानते हैं डायन कोट में सूरज डूबने के बाद कोई जानवर भी गलती से नहीं जाता क्यूंकि वहाँ रह रही डायन को यह बिलकुल भी नहीं पसंद की कोई उस डायन कोट में आए।
अवनीत और रजत शाम 7 बजे घूम फिरकर अपने घर की ओर अपनी बाइक से वापस जा रहे थे तभी रजत ने अवनीत से कहा - अबे भाई बाइक रोक जल्दी - रजत की बात सुनकर अवनीत ने तुरंत बाइक की ब्रेक मारी और कहा - अबे क्या हुआ भाई - फिर रजत ने कहा - अरे भाई तू इस रास्ते इसे क्यों बाइक ले जा रहा हैं तुझे पता नहीं क्या अब सूरज डूब गया हैं और सूरज डूबने के बाद कोई इस रास्ते से नहीं जाता -
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फिर अवनीत ने कहा - पर क्यों भाई ऐसा क्या हैं इस रास्ते में - फिर रजत ने कहा - अरे तुझे सच में नहीं पता क्या इस रास्ते में क्या हैं - फिर अवनीत ने कहा - भाई तुझे तो पता ही हैं मैं 10 साल बाद कल ही तो गाँव आया हूँ तो मुझे कैसे पता होगा - अवनीत की बात सुनकर फिर रजत ने कहा - अरे यार तुम लोग भी शहर चले जाते हो फिर गाँव के बारे में सब भूल जाते हो - फिर रजत की बात बीच में ही काटते हुए अवनीत ने कहा - अरे भाई ज्ञान मत पेल और सही से बता की क्यों नहीं जा सकते अभी यहाँ से - फिर रजत ने कहा - भाई तू मुझे बोलने देगा तभी तो बताऊंगा कुछ -
फिर अवनीत ने कहा - अच्छा चल अब बीच में कुछ नहीं बोलूंगा तू बता अब - फिर रजत ने बताते हुए कहा - तो सुन भाई जब हम सुबह इस रास्ते से जा रहे थे तो तुने देखा ही होगा की इस रास्ते में पुरे में पाँच किलोमीटर तक जंगल ही हैं बस पर जब हम उस जंगल के एकदम बीच यानी यहाँ से दो किलोमीटर आगे एक ऐसी जगह हैं जो तुने भी आते समय जरूर देखी होगी - फिर रजत की बात बीच में ही काटते हुए अवनीत ने कहा - कौन सी जगह -
फिर रजत ने कहा - भाई पूरी बात सुन तो ले पहले वो जगह दो किलोमीटर आगे हैं उसे लोग डायन कोट के नाम से जानते हैं वो डायन कोट लगभग 300 मिटर तक फैली हुई हैं और उस तीन सौ मिटर तक एक भी पेड़ या एक भी घाँस तक नहीं हैं क्यूंकि उस डायन कोट में रह रही डायन को यह बिलकुल भी पसंद नहीं की कोई भी उस डायन कोट में सूरज डूबने के बाद वहाँ जाए। और तुने भी शायद यह देखा ही होगा की उस पुरे डायन कोट में बस हड्डियों के कंकाल ही पड़े हुए हैं क्यूंकि इस जगह पर अगर कोई जानवर भी जाता हैं तो वो जिन्दा नहीं बचता -
रजत की सारी बात सुनने के बाद अवनीत बड़ी जोर जोर से हँसने लगता हैं। अवनीत को ऐसे हँसते देख फिर रजत बोलता हैं - भाई क्या हुआ तू हंस क्यों रहा हैं - फिर अवनीत हँसते हुए ही बोलता हैं - भाई मुझे पता था की गाँव में कोई ना कोई ऐसी भूतों की बाते जरूर करेगा - इतना बोलकर अवनीत फिर से जोर जोर हँसने लगता हैं। पर रजत समझ था की शहर के लोग भी जल्दी से किसी भूतों या डायन जैसी चीजों पर विश्वास नहीं करते इसलिए रजत फिर अवनीत से बोलता हैं - भाई तुझे विश्वास वो या ना हो पर भाई हम अभी इस समय इस रास्ते से नहीं जायेंगे बस और तू बाइक ये दूसरे वाले रास्ते की तरफ मोड़ दे -
फिर रजत की बात सुनकर अवनीत बोलता हैं - भाई में 10 साल बाद जरूर आया हूँ पर मुझे यह पता हैं की यह रास्ता पाँच किलोमीटर सॉर्टकर्ट हैं इसलिए हम इसी रास्ते से जायेंगे - फिर रजत कहता हैं - यार तुझे घूमना ही तो था आज और इसी बहाने चल थोड़ा और घूम लियो इसलिए भाई उस दूसरे वाले रास्ते से चल ले भाई - इस बार अवनीत,रजत की बात मान जाता हैं और बाइक दूसरे रास्ते की तरफ मोड़ देता हैं। फिर उसके बाद दोनों उस दूसरे वाले रास्ते से जा ही रहे थे तभी अवनीत रजत से कहता हैं - भाई चल मान लिया वो डायन कोट में सच में डायन हैं पर कभी ऐसा हुआ हैं की कोई रात को वहाँ गया हो और वापस भी सही सलामत आ गया हो -
अवनीत की बात सुनकर फिर रजत ने कहा - हाँ भाई वापस तो आया हैं पर सही सलामत नहीं आया - फिर अवनीत ने कहा - कौन आया हैं और उसके साथ ऐसा क्या हुआ जो तू बोल रहा हैं की सही सलामत नहीं आया - फिर रजत ने कहा - तू बिर्जेश को जानता ही होगा - फिर अवनीत ने कहा - कौन बिर्जेश - अवनीत की बात सुनकर फिर रजत बोलता हैं - अरे वही बिर्जेश जिसे बचपन में सब नागिन बोलते थे अब याद आया कुछ - फिर अवनीत ने अपना सर खुजाते हुए कहा - हाँ हाँ वही ना जिसकी हमेशा नाक बैहती रहती थी और सब बोलते थे की नागिन का जहर निकल रहा हैं इसलिए सबने बाद में उसका नाम ही नागिन रख दिया था -
फिर रजत बोलता हैं - हाँ वही नागिन - फिर से रजत की बात बीच में ही काटते हुए अवनीत ने कहा - वही नागिन वहाँ से वापस आया था पर वो अभी सही हैं या नहीं - फिर रजत ने कहा - ना यार वो अब बिलकुल सही नहीं हैं उसकी अब ऐसी हालत हो गई हैं की कोई उसे नहीं पहचान सकता बहुत बुरी हालत में हैं वो अब पर कोई क्या करें सब ने उसे उस रास्ते से रात में जाने से मना करा था पर उसने एक शर्त के चक्कर में अपनी पूरी जिंदगी बर्बाद कर ली उसकी शादी भी होने ही वाली थी पर उसकी ऐसी हालत होने की वजह से उसकी शादी भी टूट गई पर अब हम क्या कर सकते हैं -
फिर रजत की बात खत्म होते ही अवनीत बोलता हैं - पर उसे हुआ क्या हैं तू बार बार बस यही बोल रहा हैं की उसने अपनी जिंदगी बर्बाद कर ली पर उसके साथ हुआ क्या हैं यह भी तो बता - फिर रजत बोलता हैं - तो सुन भाई -
अब इसके आगे की कहानी अगले एपिसोड में हैं।