जान की प्यासी
एक ऐसा गाँव जहाँ जब किसी की शादी होती हैं तो वहाँ के लोग खुश होने के बजाए डरने लागते हैं। वहाँ कभी भी किसी की शादी होती हैं तो गाँव में किसी ना किसी की मौत भी होती ही हैं कहते हैं यहाँ जब भी किसी की शादी होने वाली होती हैं तब इस में एक दुल्हन की आत्मा घूमने लगती हैं।
अभिषेक आज सुबह ही अपने दोस्त अर्जुन के गाँव आया हैं क्यूंकि पाँच दिन बाद अर्जुन की शादी होने वाली थी सुबह से अभिषेक,अर्जुन के घर में बैठे बैठे उब सा गया था इसलिए अभिषेक, अर्जुन से बोलता हैं - भाई कबसे यहाँ बैठे हैं कम से कम तू मुझे अपना गाँव ही घुमादे - अभिषेक की बात सुनकर अर्जुन समझ गया था की ये यहाँ बैठे बैठे उब गया हैं इसलिए अर्जुन उससे बोलता हैं - चल ठीक हैं भाई चल - और इतना बोलकर दोनों घर से बाहर जाने लगता हैं तभी दोनों को बाहर जाता देख अर्जुन की मम्मी बोलती हैं - कहाँ जा रहे हो बेटा तुम दोनों इस समय -
अर्जुन फिर अपनी मम्मी की बात का जवाब देते हुए बोलता हैं - कही नहीं मम्मी बस अभिषेक को अपना गाँव घुमाने ले जा रहा हूँ - फिर अर्जुन की मम्मी बोलती हैं - ठीक हैं पर रात होने से पहले आ जाना तुझे तो पता ही हैं अपने गाँव के बारे में - फिर अर्जुन जवाब देते हुए बोलता हैं - हाँ मम्मी मुझे पता हैं - इतना बोलकर अर्जुन, अभिषेक को अपना गाँव घुमाने चला जाता हैं।
अर्जुन का गाँव काफ़ी बड़ा और सुन्दर गाँव था काफ़ी चहल पहल थी उस गाँव में अभिषेक को भी काफ़ी मज़ा आने लगा था। वो दोनों घूम ही रहे थे तभी अर्जुन के फ़ोन में उसकी मम्मी का फ़ोन आता हैं। और वो अपनी मम्मी से बात करके अर्जुन फिर अभिषेक से बोलता हैं - यार भाई तू गाँव घूम मुझे अभिषेक कुछ जरूरी काम हैं मैं घर जा रहा हूँ और तू भी रात होने से पहले घर आ जाना - इतना बोलकर अर्जुन अपने घर जाने लगाता हैं और अभिषेक हाँ में अपना सर हिलाता हैं और आगे बढ़ जाता हैं। फिर उसके बाद अभिषेक गाँव घूमते हुए काफ़ी आगे निकल जाता हैं पर उस समय थोड़ा-थोड़ा अंधेरा होने लगा था इसलिए अभिषेक भी घर जाने को वापस चलता हैं पर वो रास्ता भूल गया था।
इसलिए अभिषेक, अर्जुन से रास्ता पूछने के लिए अपना फ़ोन अपनी जेब से निकालता हैं और अपनी किस्मत को कोसते हुए बोलता हैं - यार एक परसंड बैटरी बची हैं काश बात होने के बाद ही फ़ोन स्विच ऑफ़ हो - ये बोलकर अभिषेक, अर्जुन को फ़ोन करने लगता हैं और जैसे ही अर्जुन फ़ोन दूसरी ओर से उठाता हैं और गुस्से में बोलता हैं - अबे यार कहाँ हैं तू अभी तक गाँव में इतनी रात तक घूमना सही नहीं हैं - फिर अभिषेक जवाब देते हुए बोलता हैं - भाई पहले मेरी बात तो सुनले मैं यहाँ - अभिषेक ने इतना ही बोला था तभी अभिषेक का फ़ोन स्विच ऑफ़ हो जाता हैं।
पर उसके अभिषेक आगे जाने लगता हैं और सोचता हैं - अभी आगे कही से रास्ता पूछ लूंगा - यही सोचते हुए अभिषेक आगे तो बढ़े जा रहा था। पर उसे वहाँ आस पास कोई नहीं दिखता तो अभिषेक को यह देख कर बड़ी हैरानी होती हैं क्यूंकि तभी थोड़ी ही देर पहले इस गाँव में काफ़ी चहल पहल थी पर अब पुरे गाँव में सन्नाटा सा झा गया था और अब दूर दूर तक कोई नहीं नजर आ रहा था। अभिषेक इधर उधर चले ही जा रहा था पर वो अर्जुन के घर का रास्ता नहीं ढूंढ पा रहा था रास्ता ढूंढ़ते हुए अभिषेक को अब लगभग दो-तीन घंटे हो गए थे। और अभिषेक अब काफ़ी थक सा गया था तभी उसकी नजर उसके सामने एक लड़की खड़ी थी जिसने दुल्हन के जैसे कपडे पैहने थे और वो उसे देख कर मुस्कुरा रही थी।
फिर उसके बाद वो लड़की अभिषेक के पास आकर बोलती हैं - आ गए आप अब मेरे साथ चलिए - इतना बोलकर वो लड़की अभिषेक को अपने साथ ले जाने लगती हैं अभिषेक कुछ समझ नहीं पा रहा था वो बस एक बुद्ध बना उसके साथ चले जा रहा था। फिर उसके बाद वो लड़की अभिषेक को एक सेहरा पैन्हा देती हैं। और उसको एक गड्डे एक पास लेकर जाती हैं जिसमे उसने देखा की कई सारे कटे हुए सर पड़े थे और उन सबने दूल्हे के सेहरा पैहने हुआ था।
अभिषेक यह देखते ही वहाँ से भागने लगता हैं अभिषेक लगातर भागे ही जा रहा था पर तभी वो भागते भागते एक ही जगह पर रुक जाता हैं। वो इसलिए रुका था क्यूंकि उसके देखा सामने बिना सर वाले लोग खड़े थे। और उन सबने दूल्हे के कपडे पैहने थे शायद वो वही लोग थे जिनके सर उस गड्डे में पड़े थे फिर उसके बाद अभिषेक उनसे बचने के लिए अपने पीछे की ओर भागने को जैसे ही मुड़ा तो उसकी सांसे जैसे रुकने सी लगी थी। क्यूंकि उसने देखा उसके सामने वही लड़की खड़ी थी और उसके पास दूल्हे के कपडे थे और वो धिरे धिरे उसके ही पास आते जा रही थी और वो सभी बिना सर वाले लोग भी उसके ही पास आते जा रहे थे।
तभी अभिषेक जहाँ खड़ा था वहाँ अचानक से तेज रौशनी हो गई तभी अभिषेक ने देखा की वो जिस गम्बे के नीचे खड़ा था और उस गम्बे की इस्टीट लाइट चलने के कारण ही वहाँ तेज रौशनी होने लगी थी। तभी अभिषेक यह नोटिस करता हैं की जब से वहाँ रौशनी हुई तब से ही वो लड़की और वो सभी बिना सर वाले लोग वही रुक गए थे और अभिषेक भी यह समझ चूका था की अब उसे बचना हैं तो उसे वही रुकना होगा इसलिए अभिषेक उस ही गम्बे के नीचे ही खड़े हो कर पूरी रात निकाल लेता हैं।
फिर उसके बाद अभिषेक जब अर्जुन के घर आकर सारी बात बताता हैं तब अर्जुन की मम्मी अभिषेक को बताती हैं - वो दुल्हन की आत्मा इस गाँव में कई सालो से हैं कहते हैं उस लड़की की जिस दिन शादी होने वाली थी उस ही दिन उसका क़त्ल किसी ने कर दिया था। और तभी से वो जब भी इस गाँव में किसी की शादी होती हैं तो वो किसी ना किसी की जान जरूर लेती हैं और तुम इस लिए ही बच पाए थे क्यूंकि जिस गम्बे के नीचे तुम खड़े थे उसमे सफ़ेद रौशनी देने वाले एल ई डी लाइट लगी थी और यह कहते हैं कोई भी शैतानी शक्ति सफ़ेद रौशनी में नहीं आ सकती।