भूतिया गेस्ट हाउस || Hindi story my || horror storie

 


                      भूतिया गेस्ट हाउस


कश्मीर का नाम सुनते ही एक सुन्दर सी जगह का चित्र सामने आता हैं। पर कश्मीर में एक ऐसा गेस्ट हाउस हैं जिसमे कोई भी रहने को जाता हैं तो वो जिन्दा नहीं बचता। इस बात से अनजान तीन दोस्त राहुल, नितिन और मुकेश अपनी छुट्टियां मानाने कश्मीर आए और किस्मत से इने यही गेस्ट हाउस रहने को मिला। यह गेस्ट हाउस बाकि सभी गेस्ट हाउस से काफ़ी सस्ता था।
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इसलिए तीनो ने इस गेस्ट हाउस में ही रहने का मन बना लिया था। इस गेस्ट हाउस में कोई सुविधा नहीं थी। ना तो इसमें को गार्ड था क्यूंकि वहाँ के सभी लोकल लोग इस गेस्ट हाउस के बारे में सब जानते थे। इसलिए उसमे कोई भी काम करने को तैयार नहीं होता था।

तीनो आज ही कश्मीर में पहुंचे थे और शाम को इस गेस्ट हाउस में तीनो रहने को आ गए थे। कुछ देर गेस्ट हाउस में रहने के बाद अब तीनो को काफ़ी भूख लगने लगी थी। इसलिए तीनो गेस्ट हाउस से ही कुछ दूर पर एक ढाबा था वहा खाना खाने चले गए। तीनो खाना खा ही रहे थे तभी उनके पास आकर एक आदमी ने बोला - सुना हैं उस गेस्ट हाउस में कुछ लोग फिर से रहने को आए हैं अब फिर से मौत का नाच होगा उस गेस्ट हाउस में वो आत्मा नहीं छोड़े गी उन्हे - उस आदमी की बात सुनकर नितिन और मुकेश की तो हालत सी ख़राब होने लगी थी। पर राहुल उन दोनों समझाते हुए बोलता हैं - कहाँ तुम भी उस पागल की बातो में आ गए। ये आत्मा और भूत कुछ भी नहीं होता। अब चलो यहाँ से बहुत रात हो गई हैं।

तीनो उस आदमी की बात को नजरअंदाज कर के अपने गेस्ट हाउस में वापस आ जाते हैं और अपने अपने बिस्तर में जाकर सो जाते हैं। पूरी रात उनके साथ कुछ भी नहीं होता। फिर अगले दिन तीनो उसी ढाबे में जा कर नास्ता करते हैं और घूमने निकल जाते हैं पूरा दिन घूमने के बाद वो तीनो उसी ढाबे में आकर बैठ जाते हैं कुछ देर बैठने के बाद राहुल नितिन और मुकेश से बोलता हैं तुम दोनों रूम पर पहुंचो मैं अभी आया। राहुल उन दोनों को गेस्ट हाउस में भेज कर सिगरेट पिने लगता हैं। और दूसरी ओर नितिन और मुकेश गेस्ट हाउस के पास पहुंच गए थे। तभी नितिन मुकेश से बोलता हैं - रुक रुक यार चल आज इस सेब के पेड़ से सेब थोड़ते हैं - नितिन की बात सुनकर मुकेश भी हाँ बोल देता हैं।

सेब का पेड़ उनके ही गेस्ट हाउस के बगल में लगा था। मुकेश को तो पेड़ में चड़ना नहीं आता था इसलिए नितिन मुकेश से बोलता हैं - यार तू नीचे ही रुक मैं ऊपर चड़ता हूँ और मैं तेरे लिए सेब नीचे गिराता रहूँगा। नितिन ऊपर तो चड़ गया था पर काफ़ी देर थक उसने एक भी सेब नहीं गिराए। उस समय काफ़ी अंधेरा हो गया था इसलिए मुकेश को नितिन दिख नहीं रहा था। कुछ देर और नितिन ने सेब नहीं गिराए तब मुकेश उसे आवाज देने लगता हैं । तभी वहाँ पर राहुल भी आ जाता हैं और मुकेश से बोलता हैं - क्या हुआ और नितिन कहाँ हैं - राहुल की बात जवाब देते हुए मुकेश बोलता हैं - देख ना यार कबसे नितिन पेड़ पर चडा हैं और नीचे ही नहीं उतर रहा हैं - दोनों फिर नितिन को आवाज देने लागते हैं पर नितिन कुछ जवाब नहीं देता। नितिन का जवाब ना आने पर राहुल पेड़ पर चड़ने लगता हैं। राहुल थोड़ा ही पेड़ के ऊपर चडा होगा।

 तभी नितिन धडम से नीचे गिरता हैं नितिन को ऐसे देख कर दोनों के होश उड़ गए थे। क्यूंकि नितिन नीचे गिरते ही मर गया था या फिर मरा हुआ ही नीचे गिरा था। और नितिन को देख कर ऐसा लग रहा था जैसे उसके शरीर में खून की एक बून्द भी ना हो। उसका पूरा शरीर सूखा हुआ था।
अब नितिन की मौत को पुरे दो दिन हो गए थे। राहुल और मुकेश अपने गेस्ट हाउस के बाहर बड़े ही दुःखी मन के साथ बैठे थे तभी उनके पास एक बाबा आकर बोलते हैं - मरोगे तुम दोनों भी मरोगे जैसे तुम्हरा दोस्त मरा हैं वैसे ही वो तुम दोनों को भी मर देगी - इतना बोलकर वो बाबा आगे चले जाते हैं। और मुकेश उनकी बात सुनकर डरने लगता। मुकेश को ऐसे डरते देख राहुल बोलता हैं - अबे तू भी कहाँ इस पागल बाबा की बात में आ रहा ये तो कुछ भी बोलते रहते हैं। राहुल बहले ही बाबा की बात ना मना हो पर मुकेश को बाबा की बात पर पूरा विश्वास हो गया था। और मुकेश राहुल को बिना बताए उस ही ओर जाने लगता हैं जिस ओर वही बाबा गए थे।

और इधर दूसरी राहुल को जब मुकेश कही नहीं दिखता तो वो इधर उधर मुकेश को ढूंढ़ने लगता हैं। राहुल मुकेश को ढूंढ़ते ढूंढ़ते उसी सेब के पेड़ पास आ जाता हैं और वो देखता हैं मुकेश उसी सेब के पेड़ के नीचे बैठा था। राहुल ने सोचा उसे नितिन की याद आ रही होंगी इसलिए वो यहाँ पर आकर बैठा हैं। राहुल मुकेश के पास जाकर बोलता हैं - क्या हुआ मुकेश नितिन की याद आ रही हैं चल यार थोड़ा कही घूम कर आते हैं तेरा भी मन लग जायेगा। - और मुकेश भी राहुल की बात मान जाता हैं और वो दोनों थोड़ा घूमने के लिए निकल जाते हैं।

 दोनों गेस्ट हाउस अभी थोड़ा ही आगे गए थे। तभी उनके पिछले से मुकेश आ जाता हैं। मुकेश राहुल के साथ उसके ही जैसे दिखने वाले आदमी को देख कर बोलता हैं - अरे ये कौन हैं राहुल के साथ मेरे जैसा कही वही तो नहीं जिसके बारे में बाबा ने अभी बताया। अगर वही हैं तो मुझे किसी तरह ये ताबीज राहुल को देने होगा जो अभी बाबा ने बना कर दिया हैं। - मुकेश धीरे धीरे और छुपते छुपते राहुल के पास आने लगता हैं। मुकेश इसलिए छुपते हुए जा रहा था क्यूंकि अगर वो मुकेश को देख लेती तो वो उसी वक्त राहुल को मार देती। किसी तरह मुकेश राहुल के पास छुपते छुपते पहुंच गया था। मुकेश राहुल हल्की सी आवाज देकर एक ताबीज राहुल के पास फैक देता हैं और राहुल उस ताबीज को तुरंत पकड़ लेता हैं। राहुल के ताबीज पड़ते ही वो जो अभी मुकेश के रूप में राहुल के साथ था वो तुरंत गायब हो जाता हैं।

मुकेश राहुल जाकर पूरी बात बताता हैं की वो कैसे बाबा के पास गया और बाबा ने उसे बताया की उस गेस्ट हाउस में एक लड़की की आत्मा रहती हैं। और कोई भी उस गेस्ट हाउस में रहने आता हैं तो वो आत्मा उसे नहीं छोड़ती। और बाबा ने उन्हे उसे बचने के लिए ये दो ताबीज बना कर दिए थे पर ये ताबीज जभी बचा सकता था जब ये दोनों गेस्ट हाउस से बाहर होते। मतलब अगर ये दोनों अभी गेस्ट हाउस के अंदर होते तो इने ये ताबीज नहीं बचा पता क्यूंकि उस आत्मा की शक्ति उस गेस्ट हाउस बढ़ जाती हैं।

कश्मीर में ये गेस्ट हाउस अभी भी हैं और ये गेस्ट हाउस सबसे सस्ता गेस्ट हाउस हैं कभी दिल करें तो रहने आ जाना इस गेस्ट हाउस में।

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