आम के पेड़ वाला भूत || real life horror storie || horror in audio || hindi story my


यह कहानियाँ एक सच्ची घटना पर आधारित हैं 

मेरा नाम राजीव हैं मैं एक ट्रैक्टर ड्राइवर हूँ वैसे मैं रोज शाम होने से पहले ही अपने घर आ जाता हूँ पर आज ट्रैक्टर पर कुछ ज़्यदा ही काम आ गया था जिसके कारण मैं आज घर जाने में देर हो गई हैं। अब रात के 11 बज चुके हैं और अब जा कर मेरी छुट्टी हुई हैं। और अब मैं अपना ट्रैक्टर चला कर अपने घर की ओर आ ही रहा था।

#

इस कहानी को ऑडियो में सुने

तभी मेरे फ़ोन में बीवी का कॉल आया कॉल रिसीव करते ही मेरी बीवी की गुस्से से भरी आवाज आई - कहाँ हैं आप आज घर आने का इरादा नहीं हैं क्या - मैं जवाब देते हुए बोलता हूँ - अरे आ ही गया बस अभी रास्ते मैं हूँ आज कुछ ज्यादा ही काम आ गया था इसलिए थोड़ा लेट हो गया - मेरी बात सुनकर मेरी बीवी ने कहा - चलो ठीक हैं पर वो आम के पेड़ के पास वाले रास्ते से मत आना तुम्हे तो पता ही हैं वो रास्ता रात में आने के लिए सही नहीं हैं - 

मैंने भी हाँ बोलकर फ़ोन रख दिया। मैंने फ़ोन रख तो दिया था पर मेरा मान अभी भी आम के पेड़ के पास वाले रास्ते से जाने को कर रहा था। क्यूंकि वो रास्ता शॉर्टकट था। और मेरी बीवी इसलिए मुझे वहाँ से आने को मना कर रही थी क्यूंकि वहाँ काई सारे भूत और आत्मा रहती हैं मैंने काई सारे भूत इसलिए कहा क्यूंकि कहते हैं काई साल पहले वहाँ पर कुछ लोग इंसनों को गाड़ा करते थे। और उन भूतों को काई लोगो ने देखा भी हैं।


और अब मैं उस मोड़ पर आ गया हूँ जहाँ से मुझे एक रास्ते का चुनाव करना था की मैं लम्बे रास्ते से जाऊँ या फिर आम के पेड़ के पास वाले रास्ते से। मुझे पहले से देर हो गई थी इस लिए आम के पेड़ के पास वाले रास्ते से ही जाने लगा मैं तभी कुछ ही आगे गया ही था तभी मुझे लग-भग 100 मिटर आगे कुछ सफ़ेद सी चीज दिखी मैं जब थोड़ा और आगे गया तो देखा एक औरत सफ़ेद से कपडे पैहने अपने बालो को अपने सर के आगे कर के बैठी थी और वो आगे पिछे हिले जा रही थी। मुझे उस औरत को वहाँ ऐसे बैठे देख बड़ा ही अजीब लग रहा था।


 पर उस औरत को अनदेखा कर के आगे निकाल गया। अब मैं कुछ आगे ही गया था तभी मेरे ट्रैक्टर ने अचानक से झटके देना शुरू कर दिया। और झटके देते देते ट्रैक्टर बंद हो गया। और मैंने जैसे ही यह देखा मेरा ट्रैक्टर और कही नहीं बल्कि उस ही आम के पेड़ के नीचे आकर बंद हुआ हैं तो जैसे मेरे अंदर का खून ठंडा सा होने लगा था जो मेरे शरीर में एक कप-कपी सी ला रहा था। मैंने अपने मन को किसी तरह से शांत करते हुए ट्रैक्टर को फिर से स्टार्ट करने की कोशिश करी पर ट्रैक्टर स्टार्ट नहीं हुआ। मैं यह देखने के लिए ट्रैक्टर नीचे उतरा की क्या गराबी आ गई हैं ट्रैक्टर में।


मैं ट्रैक्टर को देख ही रहा था तभी मुझे किसी के रोने की आवाज आई मैंने इधर उधर देखा पर मुझे कोई नहीं दिखा। मैं वैसे तो डरता नहीं पर इतनी रात को इस आम के पेड़ नीचे खड़े होने और ऊपर से किसी के रोने की आवाज भी आ रही थी ऐसे में थोड़ा डर लगना सौभावक ही हैं। मुझे रोने की आवाज अभी भी आ रही थी पर अभी भी मुझे कोई नहीं दिख रहा था। मैं यह देखने के लिए आम के पेड़ के और पास जा कर देखने की कोशिश करने लगा। मैं जैसे ही आम के पेड़ के दूसरी ओर गया तो देखा वहाँ वही औरत बैठी रो रही थी जो मुझे कुछ देर पहले दिखी थी।


 मुझे उस औरत से डर तो लग ही रहा था फिर भी मैंने हिम्मत करते हुए पूछा - अरे कौन हैं आप और इतनी रात को रहा बैठे क्यों रो रही हैं - मेरी बात सुनकर उस औरत ने अपना सर मेरी ओर करा मैंने जैसे ही उस औरत का चेहरा देखा तो जैसे मेरे अंदर के खून की जगह बर्फ का पानी बैहने लगा हो। अगर कोई कमजोर दिल वाला इंसान उसका चेहरा देख लेता तो उस ही वक्त बेहोश हो जाता। क्यूंकि उस औरत का चेहरा बड़ा ही भयानक था। मैं उस औरत का चेहरा देखते ही वहाँ से अपने ट्रैक्टर की ओर भागा और मैं सीधा अपने ट्रैक्टर के पास ही आकर रुका। और फिर से मैं ट्रैक्टर स्टार्ट करने की कोशिश करने लगा।


और इस बार ट्रैक्टर एक दो ही सैल्फ स्टार्ट हो गया और जैसे ही ट्रैक्टर स्टार्ट हुआ तो उसकी हेडलाइट से मेरे आगे रौशनी हो गई और मैंने रौशनी में देखा मेरे आगे चार पांच बड़े ही भयानक लोग खड़े हैं। और वो सब मेरे ही पास आते जा रहे थे और यह देख कर मेरे दिल की धड़कन दुगनी रफ़्तार से चलने लगी थी और मेरी आँखो के आगे अंधेरा सा झाने लगा। और जब मेरी आँख खुली तो देखा सुबह हो गई हैं और वो सब भूत भी वहाँ से गायब हो गए थे। और जब मैंने सारी बात अपने घर में बताई तो मेरी मम्मी ने मुझे बताया की मैं इसलिए बच पाया था क्यूंकि की मैंने अपने हाथ में बालाजी का धागा बांधा था और इस ही लिए मैं बच पाया था।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने