एक गलती पड़ी भारी E-1
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नमस्कार हिंदी स्टोरी माय वेबसाइट में आपका एक बार फिर स्वागत है आज हम फिर एक नई सत्य घटना पर आधारित कहानी लेकर आपके सामने आए हैं। आज की कहानी हमें रोहित वर्मा ने भेजी है यह एक खतरनाक और भयानक घटना इनके दोस्त के साथ घटी है। कहानी में आगे बढ़ने से पहले अगर आप के पास भी है कोई कहानी है और आप भी चाहते हैं हम आप की कहानी हिंदी स्टोरी माय वेबसाइट या अन्य प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों तक पहुंचाएं तो आप भी हमसे संपर्क कर सकते हैं और अपनी कहानी हम तक पहुंचा सकते हैं। और आज की कहानी अब रोहित जी के शब्दों में जारी रखते हैं।
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नमस्कार मेरा नाम रोहित वर्मा है और मैं मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले मैं एक छोटे से गाँव में रहता हूँ। यह घटना तब की है जब मेरे दोस्त दीपक की नई-नई शादी हुई थी। 21 मई 2017 दीपक और शिवानी की शादी हुई और दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे दीपक हर रोज शिवानी को कहीं ना कहीं घुमाने को ले जाया करता था। शादी के लगभग 10 दिन के बाद की बात होगी है दीपक अपनी पत्नी यानी शिवानी को घुमाने के लिए लेकर गया हुआ था। और वो दोनों सुबह से पूरा दिन भर घूमने के बाद अपने घर वापस आ रहे थे तो अचानक दीपक की बाइक एक जंगल में बंद हो गई।
दीपक ने फिर से स्टार्ट करने की कोशिश करी और बाइक स्टार्ट भी हो गई। लेकिन तभी शिवानी ने कहा - चलो थोड़ी देर तक इसी पेड़ के नीचे बैठते हैं और थोड़ा आराम करने के बाद में जाएंगे - शिवानी की बात सुनकर दीपक ने कहा - हाँ सही है - वो दोनों उसी जंगल में लगभग 20 से 25 मिनट तक उसी पेड़ के नीचे बैठे रहे लेकिन अचानक दीपक की पत्नी को घबराहट महसूस होने लगी और उसने कह - दीपक चलो यहाँ से अब मुझे कुछ अजीब सा लग रहा है और मेरे पूरे बदन में हल्का हल्का दर्द सा हो रहा है - दीपक ने भी ना देर करते हुए शिवानी को बैठाया बाइक पर और वहां से सीधा अपने गांव अपने घर पर ही आकर उसने गाड़ी रुकी।
थोड़ी देर बाद दीपक ने अपनी पत्नी को गाँव के किसी डॉक्टर से दवाई लाकर दी और खिलाने के बाद आराम करने के लिए कह दिया घर के सभी लोग शिवानी के पास ही पूरा दिन बैठे रहे शाम को लगभग 7 या 7:30 बजे करीबन घर के सभी लोगों ने खाना वगैरह खाकर अपने अपने जगह सोने को चले गए। दीपक की पत्नी शिवानी भी अपने रूम में चली गई लगभग 1 घंटे बाद दीपक जब कमरे के अंदर आया तो दीपक को कुछ अजीब सा लग रहा था दीपक ने देखा शिवानी की आंखें बहुत बड़ी-बड़ी हैं और लाल भी हो रखी है शिवानी बड़ी विचित्र निगाहों से उसे घूर रही थी उसका चेहरा भी थोड़ा अजीब सा लग रहा था।
दीपक ने उसके पास आकर शिवानी से बड़ी शांति से कहा - क्या हुआ शिवानी तबीयत ठीक है अब तुम्हारी अब कुछ आराम है - शिवानी ने दीपक की तरफ घूरते हुए बड़ी खतरनाक और भयानक डरावनी आवाज में कहा - भाग जा यहाँ से अभी भाग जा - यह सुनते ही दीपक के होश उड़ गए और वो भी बहुत ज्यादा डर गया। जब शिवानी ऐसे बोल रही थी तो उस समय उसकी आवाज खतरनाक और डरावनी तो लग ही रही थी लेकिन वो आवाज किसी आदमी की लग रही थी। और वो उसी आदमी की आवाज में ही दीपक को भगा रही थी। यह देखकर दीपक डर तो गया था। लेकिन वो अपनी पत्नी को ऐसे छोड़ भी नहीं सकता था
उसने अपनी पत्नी को पकड़ा और जाकर बेड पर बैठ गया लेकिन तभी अचानक शिवानी के अंदर जैसे बहुत ज्यादा ताकत आ गई हो उसने दीपक को झटक कर नीचे गिरा दिया और उसके सीने पर जाकर पैर रखकर खड़ी हो गई। शिवानी के अंदर से किसी आदमी की आवाज में ही शब्द निकल रहे थे वो बोल रही थी - तुझे अभी मार दूंगा तू अभी मारा जाएगा नहीं तो चला जा यहाँ से इसको तो मैं लेकर जाऊंगा अब यह मुझे अच्छी लग गई है और अब यह मेरे साथ चलेगी - दीपक शिवानी के पैर के नीचे दबा हुआ था और उससे सांस भी नहीं ली जा रही थी कि अचानक शिवानी ने उसको लात मार के दरवाजे की तरफ गिरा दिया और खुद बेड के पास जाकर बैठ गई।
दीपक उठा वहाँ से और फिर उसने शिवानी को पकड़ने की कोशिश करी क्योंकि उसे अपनी पत्नी को इस हालत में देखा नहीं जा रहा था लेकिन शिवानी के अंदर तो ना जाने आज कौन सी शक्ति या ताकत प्रवेश कर चुकी थी। उसने वही बेड उठाकर पूरी जान से कमरे के अंदर पलट दिया। और वो बेड सिदा दीपक के जा लगा फिर दीपक के भी चोट लगी थी और वो नीचे की तरफ गिर गया। दीपक नीचे गिरा हुआ था कि शिवानी ने दीवार पर सामने लगा शीशा उठाकर दीपक की तरफ उठा कर मारा और शीशा पूरे में टूट कर बिखर चुका था। लेकिन किसी तरह शायद दीपक इस शीशे की चोट से बच गया।
उसी टूटे हुए शीशे पर शिवानी आकर अब नंगे पैरों लिए चलने लगी। जहाँ जहाँ शीशे के टूटे बिखरे हुए थे शिवानी उन्हीं के ऊपर चल रही थी और शिवानी के पैरों से बस खून ही खून बह रहा था और पूरे रूम में खून खून हो चुका था। शिवानी उसी खतरनाक आवाज में चीखती और चिल्ला रही थी ऐसा लग रहा था कि कोई आदमी इस कमरे में चिल्ला रहा हो। और तभी उसके चीखने और चिल्लाने की वजह से घर के सभी लोग जाग गए और दीपक के कमरे के पास आकर दरवाजा खोलने को कहने लगे दीपक को। दीपक ने जैसे ही दरवाजा खोला तो वहाँ खड़े दीपक के घर के लोगों के तो मानो होश ही उड़ गए।
इतनी बुरी स्थिति थी उस कमरे के अंदर बेड उल्टा और टूट रखा था और पूरे कमरे में कांच कांच और खून खून हो रखा था। दीपक के घर के लोगो को वहाँ खड़े शिवानी देखा तो शिवानी का सीखना चिल्लाना और तेज हो गया वो बस एक ही बात कह रही थी - सबको मार दूंगा मैं तुम सब लोग अब मारे जाओगे चले जाओ यहाँ से हमारे पास से सब चले जाओ यह अब मेरे साथ जाएगी इसको मैं लेकर ही जाऊंगा - और शिवानी रूम के अंदर से जो कुछ भी सामान था उसने उठाकर सब लोगों पर फेंक फेंक कर मार रही थी। और उसके बाद दीपक के पापा और उसके चाचा और दीपक ने मिलकर शिवानी को एक लकड़ी की कुर्सी में बांध दिया लेकिन उनके बांधते ही शिवानी उसी आदमी वाली डरावनी खतरनाक आवाज में जोर-जोर हंसने लगी।
तभी एकदम से वो कुर्सी उसी कमरे में हवे में ऊपर उड़ने लगी और काफी देर तक छत पर चिपकी रही और ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने कुर्सी छत पर चिपका दिया हो। और तभी अचानक से एकदम झटके में वो कुर्सी नीचे फर्श पर गिरी और शिवानी के माथे से खून बहने लगा। और वहाँ गाँव के लोग आवाजे सुनकर आ गए और गाँव के लोगो ने आकर कहा में की जाओ कोई आदिवासी बाबा को ले कर आ जाओ वही इसको बचा सकते हैं। अभी हमारे यहां मध्य प्रदेश में आदिवासी लोग बहुत मिल जाते हैं जंगलों में गांव से लगभग 9 किलोमीटर दूर एक आदिवासी बाबा रहते थे गाँव में किसी को भी भूत प्रेत से जुड़ी कोई भी समस्या होती थी तो उन्हीं के पास सब लोग जाते थे।
बाबा ऐसी चीज के बहुत जानकार थे दीपक ने मुझे बुलाया और हम दोनों तुरंत बाबा को लाने के लिए निकल गए घर से रात का समय था गांव की सड़कें भी ज्यादा ठीक-ठाक तो नहीं थी फिर भी हम गाड़ी को फूल स्पीड में भगाते हुए लगभग 10 मिनट में उस जंगल में बाबा के पास पहुंच गए हम दोनों ने बाबा को सारी घटना बताइए कि क्या हो रहा है बाबा ने हमारी बात ध्यान से सुना और कहा जाओ यह बाल्टी उठाकर सामने से पानी भरकर ले आओ दीपक ने थोड़ी हैरानी भरी नजरों से बाबा की तरफ देखा। इसके आगे की कहानी अगले एपिसोड में हैं
दादा कहानी तो बड़ी खतरनाक कि आपकी
जवाब देंहटाएंहमारे पास भी एक कहानी है और हम आप तक पहुंचाना चाहते हैं
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