साया डायन का E-4
नागिन यानी बिर्जेश ने अपने पुरे शरीर में दिव्या का नाम लिख लिया था। दिव्या वही लड़की थी जो उसे एक दिन पहले डायन कोट में मिली थी उसके शरीर में एक भी ऐसी जगह नहीं बची थी जहाँ उसने दिव्या का नाम ना लिखा हो। पर पुरे शरीर में दिव्या का नाम नाम लिखने के बाद भी वो तभी भी अपने शरीर काट काट नाम लिखें जा रहा था और यही बोले जा रहा था की - दिव्या सिर्फ मेरी हैं मैं दिव्या के बिना एक पाल भी नहीं रह सकता -
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यह सारी बात मैंने जैसे ही उस लड़के से सुनी तो मैं तुरंत भागता हुआ नागिन के घर की ओर जाने लगा। और मैं जैसे ही वहाँ पंहुचा तो मैंने देखा नागिन के घर वालो ने मिलकर नागिन को पकड़ा हुआ था गाँव के डॉक्टर उसके पुरे शरीर में दवाई लगा रहे थे। पर डॉक्टर को भी समझ नहीं आ रहा था की उसे हुआ क्या हैं फिर उसके डॉक्टर जैसे ही वहाँ से गए मैं तुरंत नागिन के पास गया और उसके पिता जी से बोला - अंकल क्या हुआ बिर्जेश को -
फिर उसके पिता जी ने कहा - पता नहीं बेटे रात में तो बिलकुल ठीक था पर पता नहीं सुबह होते ही इसे क्या हो गया और पता नहीं ये किस दिव्या का नाम लिए जा रहा हैं और उसी का नाम पुरे में लिखें जा रहा। वैसे बेटा क्या तुम्हे पता हैं की यह दिव्या कौन हैं - उसके पिता जी बात सुनकर मैं उस समय बहुत गबरा गया था पर मैंने थोड़ा हकलाते हुए कहा - ना ना नहीं अंकल मुझे नहीं पता - पर अंकल तुरंत समझ गए की मुझे कुछ ना कुछ पता हैं इसलिए फिर अंकल ने कहा - बेटा देखो यह मेरे बेटे की जिंदगी का सवाल हैं इसलिए बेटा मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ता हूँ अगर तुम्हे कुछ पता हैं तो मुझे बता दो क्या पता इससे मेरी कोई मदद हो जाए -
अंकल की बात सुनकर मुझे भी यही लगा की शायद क्या पता सच में उसकी कोई मदद हो जाए। इसलिए फिर उसके बाद मैंने अंकल को शरीर बता दी जो बिर्जेश शर्त के चक्कर में रात में उस डायन कोट की तरफ गया था। मेरी सारी बात सुनने के बाद अंकल भी तुरंत समझ गए की यह सब बिर्जेश क्यों कर रहा हैं। फिर उसके बाद बिर्जेश के घर वाले उसे तुरंत पास के ही गाँव में ले गए जहाँ एक तांत्रिक बाबा के पास ले गए और मैं भी उस समय उनके साथ ही था। और हम वहाँ जैसे ही पहुचे तो तांत्रिक बाबा ने उसे देखकर जो बताया उससे तो हमारे होश ही उठ गए क्यूंकि उन्होंने
अभी कहानी खत्म हुई हैं बल्कि आगे की कहानी अगले एपिसोड में हैं.
