श्रापित गांव एपिसोड 1
विनय आज अपनी पढ़ाई पूरी कर के अपने गांव वापस जा रहा था। गांव से शहर में पढ़ने के लिए विनय आया था और ग्रेजुएशन कर के आज वापस अपने गाँव लौट रहा है। उसने स्टेशन जाकर ट्रेन पकड़ी और बस यही सोच रहा था कितने वर्षों बाद अपने घर वापस जा रहा हूं। विनय को अपने माता पिता भाई बहन से मिलने को बहुत उत्साहित था लम्बा सफर था इसलिए विनय ने थोड़ी देर Hindi story my वेबसाइट पर कहानियाँ सुनी और पढ़ी Hindi story my वेबसाइट एक हॉरर कहानियो की वेबसाइट हैं जिसमे कहानियाँ पढ़ और सुन सकते हैं और कुछ घंटों के सफर के बाद आखिर विनय अपने गांव पहुंच गया हरियाणा में एक छोटा सा गांव है वहीं पर रहता है विनय। गांव में पहुंचते ही विनय को एक जबरदस्त झटका लगा क्योंकि आज विनय के चाचा जी की मौत हो गई थी।
#
इस कहानी को ऑडियो में सुने
उसके चाचा जी की मौत अचानक आज ही हुई। क्योंकि विनय कल जब ट्रेन में बैठा था तो उसने घर के लोगों से फोन पर बात करी थी और तब घर में सब ठीक था। सुबह अंबाला स्टेशन पर ट्रेन से उतरा तभी भी उसने घर में फोन पर बात करी लेकिन किसी ने कुछ बताया नहीं था। क्या पता घर के लोगों ने सोचा हो सफर कर कर आ रहा है इस वजह से ना बताया हो कुछ। लेकिन घर आकर सब से बात करने के बाद पता चला कि अभी आधा घंटा पहले ही उसके चाचा जी की मौत हुई है। विनय हैरान था कि अचानक चाचा जी की मौत हो कैसी गई क्योंकि उसके चाचा जी की ना तो कोई तबीयत खराब थी और ना ही किसी किस्म की कोई बीमारी थी। बिल्कुल तंदुरुस्ती थे उसके चाचा। और हैरानी का कारण एक और था की बिल्कुल अलग स्थिति में विनय के चाचा की मौत हुई थी।
विनय के चाचा की आंखें बाहर निकल चुकी थी और जीभ बाहर को लटक रही थी चेहरा भी देखने में लग रहा था जैसे बिल्कुल लाल पड़ा हुआ हो। थोड़ी देर बाद विनय का परिवार और पुरे गाँव के सभी लोग उसके चाचा को श्मशान घाट लेकर गए। अंतिम संस्कार पूरा करा विनय भी आज दिल्ली से लौटा था और घर पहुंचते ही ऐसी घटना हुई कि उसे भी तुरंत चाचा के पार्थिव शरीर को लेकर श्मशान घाट आना पड़ा। परिवार के और गांव के लोग जो श्मशान घाट से वापस लौट रहे थे लौटते हुए यही बातें कर रहे थे अब ना जाने किसकी जान लेगा वो 2 साल में अब तक 300 लोगों की मौत हो चुकी है इस गांव में।
विनय बस की सीट पर बैठे हुए सब लोगों की बात ध्यान से सुन रहा था। सब की बात सुनकर विनय तुरंत बोला - कौन और किसकी जान लेगा - पीछे बैठे एक बुजुर्ग आदमी ने विनय को बताना चाहा लेकिन तभी विनय के पिताजी ने तुरंत उस बुजुर्ग आदमी को मना कर दिया। और कहा - कुछ नहीं विनय कुछ नहीं तुम बस बैठे रहो - और उस सभी को विनय को कुछ भी बताने से मना कर दिया उसके पिताजी ने। विनय बैठे-बैठे बस यही सोच रहा था ऐसा क्या है वहाँ और यह सब किसकी बात कर रहे हैं। और किसने 2 साल के अंदर इस गांव के 300 लोगों की जान ले ली विनय इसी उधेड़बुन में था। तभी बस सभी को लेकर गांव पहुंच गई विनय घर में आकर भी इस बात को अपने दिमाग से निकाल नहीं पा रहा था आखिर क्या है ऐसा जो इतने लोगों की जान ले चुका है।
विनय ने अपने घर में भी सब से पूछने की कोशिश करी लेकिन किसी ने भी विनय को कुछ भी नहीं बताया। लेकिन विनय ने भी सोच लिया था इसका पता तो मैं लगा कर ही रहूंगा आखिर क्या है यह। अगले दिन विनय ने गांव में कई लोगों से इस के बारे पूछने की कोशिश करी पर गाँव का कोई भी व्यक्ति विनय इस बारे में बात नहीं करना चाह रहा था क्यूंकि विनय के पिताजी ने सबको मना करा हुआ था। इसलिए किसी ने भी विनय को कुछ भी नहीं बताया।
आखिरकार गाँव के आखिरी में एक चाचा जी रहते थे विनय ने उनसे पूछा तो उन्होंने आखिर विनय को बता ही दिया। चाचा जी ने कहा - इस गांव को श्राप मिला हुआ है वो श्राप अब सब को बारी-बारी से मार देगा वो किसी को नहीं छोड़ेगा अब सब की मौत एक ही तरह से हो रही है। आंखें बाहर निकल जाती हैं जीभ बाहर लटक जाती है और चेहरा बिल्कुल लाल हो जाता है और व्यक्ति की मौत हो जाती है एक एक कर सबका नंबर आएगा। इन लोगों ने पाप ही ऐसा किया है उसकी सजा अब सब भुगत रहे हैं - उस चाचा ने बिना रुके यह सब बातें लगातार कह दी। उस चाचा की बात गत्म होते हैं विनय ने पूछा - कैसा श्राप और क्यों मरेंगे सब कौन है जो सबको मार रहा है बताओ मुझे -
विनय के बार बार पूछने पर फिर उस चाचा ने बताना शुरू करा - लगभग 2 साल पहले गांव में सुरेश और सकीना की मौत हुई थी उसी का खामियाजा भुगत रहा है आज हमारा यह गांव। - चाचा ने अपनी बात जारी रखते हुए कह - आज से 2 साल पहले इसी गांव में रहने वाले सुरेश को सकीना से प्यार हो गया था दोनों अलग-अलग धर्म के थे इसलिए गांव के लोगों ने दोनों को समझाने की बहुत कोशिश करी। गांव में माहौल भी बहुत तनावपूर्ण हो रहा था ऐसा लग रहा था कि गांव में अब दो धर्मों के बीच आपस में लड़ाई दंगे हो जाएंगे जो आज तक कभी नहीं हुआ था। इस गांव में दोनों धर्मों के लोग बहुत शांति और प्यार से रहते थे लेकिन इन दोनों की वजह से गांव में बहुत अशांति फैली हुई थी।
लेकिन सुरेश और सकीना को इन बातों से कोई मतलब नहीं था वह अपने प्यार के माहौल में खोए हुए थे उन्हें किसी से कोई मतलब नहीं था वह कहते थे चाहे कुछ भी हो जाए हम दोनों साथ में ही रहेंगे चाहे आप लोग हमको गांव से क्यों ना निकाल दो। लेकिन हम एक दूसरे का साथ कभी नहीं छोड़ेंगे ऐसा लग रहा था कि बहुत गहरा प्यार था दोनों में। लेकिन गांव वालों के दबाव की वजह से सुरेश के घरवालों ने सुरेश को उसके घर से निकाल दिया। उसके बाद सुरेश और सकीना गांव से दूर बाहर रहने लग गए। लेकिन गाँव वाले तो मानो इन दोनों की जान के पीछे ही पड़े हुए थे। वो कह रहे थे यह जहां मिल जाएंगे हम उन्हें वहीं काट देंगे। तभी एक दिन गांव के एक बाजार में सकीना और सुरेश दोनों एक ढाबे में बैठ कर समोसे खा रहे थे।
लेकिन होनी को शायद कुछ और ही मंजूर था क्योंकि इनके प्यार के दुश्मन हर जगह मौजूद थे तभी गाँव एक आदमी ने उन्हें देखा और गांव में फोन कर के सबको बता दिया। ऐसा लग रहा था जैसे इनकी जान के कितने प्यासे थे सब लोग फोन करते ही तुरंत बाजार में पहुंच गए। और गांव में फोन करते ही देर नहीं और गांव वालो को आते देर नहीं। उन लोगों ने तुरंत दोनों को वहीं दबोच लिया। कुछ लोग शकीना को घसीटते हुए ले गए और कुछ लोग सुरेश को मारते पीटते घसीटते हुए ले जा रहे थे। वो सभी लोग इन दोनों को घसीटते हुए खेतों की तरफ ले कर गए। वह सब लोग इन दोनों को ऐसे पीट रहे थे जैसे इनकी जान लिए बिना नहीं मानेंगे।
उन दोनों को सब गांव के लोगो ने मार-मार कर अधमरा कर दिया। खेतों में कोई डीजल का भरा हुआ कनस्तर लेकर आया हुआ था। उन दरिंदों ने सकीना और सुरेश को एक साथ लिटा कर दोनों के ऊपर पूरा डीजल उड़ेल दिया। और उन दरिंदों ने उन दोनों पर आग लगा दी सुरेश ने मरते मरते कहां - हम दोनों का श्राप है और मैं इस गांव में किसी को भी नहीं छोडूंगा और मैं सबको मार दूंगा - उसके 2 महीने बाद से ही गांव में मौत का तांडव शुरू हो गया। इन दोनों ने अब तक जिसकी भी जान ली है एक ही तरह से ली है विनय ने उस चाचा की बात सुन तो ली। लेकिन इन चीजों पर उसका ज्यादा कोई विश्वास नहीं था। पढ़ा लिखा था विनय और ऐसी किसी चीजों को नहीं मानता था। इसलिए उसने ठान लिया पता लगाकर रहेगा कौन है जो सुरेश और सकीना की नाम पर इन कारनामों को अंजाम दे रहा है। इसके आगे की कहानी अगले एपिसोड में हैं।