रहस्य पिछले जन्म का
यह कहानी राजस्थान के एक छोटे से गाँव की है सुनीता आज पानी भरने अकेले ही जा रही थी। शाम के लगभग 6:30 बज रहे होंगे सुनीता ने अपने पड़ोस में सबसे पता किया सब लोग पानी भर कर के ले आए थे। और सुनीता आज घर पर नहीं थी मम्मी पापा के साथ घूमने गए हुए थी इसलिए वो आज उन सब के साथ नहीं जा पाई। पानी लेने थोड़ा दूर जाना पड़ता है इस वजह से सुनीता वहाँ पहुंचते-पहुंचते अंधेरा भी हो गया था लेकिन सुनीता पहुंच कर अपने मटके में पानी भरा और लेकर घर की तरफ चलने लगी। सुनीता लगभग थोड़ा दूर ही गई होगी कि उसको ऐसा लगा कि जैसे उसके पीछे कोई चल रहा है या उसका पीछा कर रहा हो। सुनीता जैसे ही पीछे पलटी तो पीछे कोई नहीं था।
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सुनीता ने मन ही मन कहा लगता है यह मेरा कोई वहम होगा इसलिए सुनीता ने इस पर कोई ज्यादा ध्यान नहीं दिया। और वह अपने रास्ते चल रही थी अंधेरा भी काफी होने लगा था लेकिन थोड़ी देर बाद फिर सुनीता को ऐसा लगा कि उसके पीछे कोई है और इस बार उसने सुनीता के कंधे पर हाथ भी रखा था सुनीता को अब उसके सांस लेने और दिल की धड़कन की आवाज भी साफ-साफ सुनाई दे रही थी। सुनीता बहुत डर गई थी इसलिए उसने बिना रुके चलते ही चलते और बिना पीछे देखे डरते हुए कहा - कौन कौन है कौन है - सुनीता पूरी जान से चिखी लेकिन सुनीता को उसका कोई जवाब नहीं मिला। सुनीता बिना रुके तेजी से कदम बढ़ा रही थी लेकिन अब सुनीता को ऐसा एहसास हुआ की जिसने उसके कंधे पर हाथ रखा था।
अब वह हाथ सुनीता के चेहरे पर धीरे-धीरे उंगली चला रहा है सुनीता एकदम से रुकी पीछे मुड़ी और मटका नीचे रखकर देखने लगी। लेकिन सुनीता की आंखें तो फटी की फटी रह गई। क्यूंकि पीछे दूर-दूर तक कोई भी नजर नहीं आ रहा था चारों तरफ बस बड़ा खतरनाक अंधेरा हो गया था । सुनीता का घर भी यहाँ से लगभग आधा किलोमीटर दूर था। सुनीता ने इधर-उधर देखने के बाद जब कोई भी नहीं नजर आया तो अपना मटका उठाने को चली लेकिन सुनीता ने देखा आस पास तो कोई नहीं था फिर भी कोई सुनीता का मटका लेकर भाग रहा है। रेगिस्तान में रेत ही रेत तो होती है इसलिए जिधर वो भाग रहा था उधर बस रेत रेत से भरी धूल उड़ रही थी। सुनीता भी उसी धूल में उसके पीछे भाग रही थी रोते हुए चिल्लाते हुए - कौन कौन हो तुम कौन हो रुको रुको मटका छोड़ो मेरा रुको - सुनीता बिना रुके चिल्लाते हुए उसके पीछे लगातार भाग रही थी।
तभी ऐसा लगा सुनीता का पैर किसी चीज से टकराया और सुनीता तुरंत जमीन पर गिरी रैतो से भरी धूल उड़ रही थी इसलिए सुनीता को साफ-साफ तो कुछ नहीं दिख रहा था। सुनीता के पास उसका फोन था उसने अपना फ़ोन निकाला और उसकी फ्लैशलाइट जलाई और देखने की कोशिश करने लगी की वो किस चीज से टकरा कर गिरी थी और जैसे ही सुनीता ने फ्लैशलाइट की रौशनी में देखा तो सुनीता के होश उड़ गए। और सुनीता के मुँह से चिख निकल गई उस रेगिस्तान में सुनीता की आवाज दूर-दूर तक जा रही होगी सुनीता इतनी तेज चिल्लाने चीखने लगी क्योंकि सुनीता ने देखा जिस चीज से वह टकराई थी वह सुनीता की ही जैसी कोई लड़की पड़ी हुई थी।
उस लड़की से खून बह रहा था और बगल में वह मटका रखा हुआ था जो सुनीता भर कर घर ले जा रही थी। सुनीता ने लाइट में देखा की उस लड़की के नाक मुंह से खून बह रहा है चेहरा बिल्कुल कटा हुआ है और वह जमीन पर पड़े पड़े तड़प रही थी। कुछ देर तड़पने और चीखने के बाद उसका शरीर शांत पड़ जाता है। सुनीता सामने खड़े यह सब देख रही थी कि अचानक कोई सुनीता के पीछे से आकर दोनों पैर पकड़ लेता है। और सुनीता को उसी रेगिस्तान की रैतो में घसीटता हुआ ले जा रहा था। सुनीता चिख रही थी चिल्ला रही थी और दर्द से करहते हुए सुनीता तड़प रही थी और बस लगातार एक ही बात कह रही थी - कौन हो तुम कौन हो कौन हो तुम छोड़ो मुझे छोड़ो छोड़ो जल्दी - यह बोलकर वो बड़ी जोर से चीखती है और चीखने के कारण उसकी नींद खुल जाती है।
और वो देखती है कि वो तो अपने बिस्तर पर ही लेटी है सुनीता समझ जाती है कि उसने कोई खतरनाक भयानक सपना देखा है। लेकिन सुनीता की सांसे अभी भी बहुत तेज चल रही थी उसका गला सूखा जा रहा था। और फिर वो अपने बिस्तर से उठती है और फ्रिज से पानी का बोतल निकाल कर पानी पीने लगती है। पानी पीने के बाद सुनीता बोतल फ्रिज में रख कर जैसे ही फ्रिज का दरवाजा बंद करती है। तभी अचानक लाइट चली जाती है सुनीता गुस्से में कहती है उप अरे यह लाइट को क्या हो गया सुनीता अंधेरे में ही अपने बिस्तर की तरफ जाती है।
और हाथ से टटोलते हुए अपना मोबाइल फोन ढूंढती है तभी अचानक उसके हाथ किसी मुलायम चीज पर पड़ जाती है। सुनीता मन ही मन कहती है यह मोबाइल तो नहीं लगता तो फिर यह क्या है तभी सुनीता को ऐसा महसूस होने लगा कि उसकी उंगलियों को कोई जोर से पकड़ कर दबा रहा है। एक बार फिर से उसकी बड़ी तेजी से चीख निकल जाती है। फिर उसी समय लाइट भी आ जाती है सुनीता देखती है वहाँ तो कोई नहीं हैं और पूरे कमरे में भी कोई नहीं हैं और सुनीता के कमरे का दरवाजा भी बंद था। आश्चर्य की बात तो यह थी कि पिछले कई महीनों से सुनीता के साथ रोज ही ऐसी कई घटनाएं हो रही थी।
लेकिन सुनीता को समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब वो किसको बताएं। क्योंकि उसको पता था अगर वो किसी को बताती भी है तो भी कोई उसकी बातों पर यकीन नहीं करेगा या लोग उससे पागल कहेंगे क्योंकि स्कूल में भी अक्सर सुनीता के साथ ऐसी घटना कई बार हुई थी इसलिए सुनीता रोज-रोज ऐसी घटना के होने के कारण तंग आ चुकी थी और बहुत परेशान हो गई थी सुनीता इसी परेशानी में आखिरकार उसने अपने मंगेतर राजेश को सारी बातें बताना सही समझा । 12वीं पास करने के बाद कुछ ही दिन पहले सुनीता की सगाई राजेश से हुई थी उसके पहले वो गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड थे।
अगले दिन उसने राजेश को फोन लगाया लेकिन राजेश ने फोन नहीं उठाया सुनीता ने सुबह से लगभग 10-12 बार राजेश को फोन करा होगा। लेकिन राजेश ने उसका कोई जवाब नहीं दिया उसके बाद सुनीता ने व्हाट्सएप पर मैसेज लिख कर सेंड कर दिया प्लीज कॉल मी। सुनीता और राजेश की लव स्टोरी भी बड़ी अजीब थी इन दोनों के उम्र में लगभग 25 साल का अंतर था लेकिन वो कहते हैं ना सच्चा प्रेम इन सब बातों की परवाह नहीं करता राजेश और सुनीता के साथ भी ऐसा ही था। हालांकि सुनीता और राजेश के रिश्ते से सुनीता के घरवाले बिल्कुल खुश नहीं थे वो इसके खिलाफ थे सुनीता के घरवाले सुनीता को हर रोज समझाया करते थे।
कि वह सुनीता के लिए ठीक नहीं है इस वजह से सुनीता के माता-पिता और सुनीता के दोस्त सभी लोग सुनीता से बिल्कुल खुश नहीं थे। जब से राजेश ने सुनीता को प्रपोज किया और सुनीता राजी हो गई थी मगर अब दोनों की सगाई हो चुकी थी तो उसे किसी बातों की परवाह नहीं थी। राजेश एक टीवी सीरियल में काम करता था लाखों फेन थे उसके। उसके लिए लड़कियां अपना दिल हाथ में लेकर तैयार रहती थी 5 ही महीने में राजेश और सुनीता इतने ज्यादा गरीब आ गए थे कि दोनों ने शादी करने का फैसला ले लिया। राजेश ने कहा मुझे फर्क नहीं पड़ता कोई क्या कहता है क्या करता है मैं तो बस इतना जानता हूँ कि मैं तुम्हारे बिना अब एक पल भी नहीं रह सकता हूँ बस। सुनीता ने कहा मैं भी राजेश अब तुम्हारे बिना नहीं जी सकती।
लेकिन सुनीता के बार बार फ़ोन करने के बाद भी राजेश का फोन नहीं आया सुनीता समझ चुकी थी कि शायद राजेश शूटिंग में बिजी हो। और तभी उसी रात की बात है सुनीता सोने जा रही थी तभी उसके फोन की घंटी बजी फोन की स्क्रीन पर राजेश लिखा हुआ था। इसके आगे की कहानी अगले एपिसोड में हैं।