मिलने आया मरा हुआ दोस्त
रात के 9 बजे राहुल और अमन अपने कमरे में बैठे अपने अपने फ़ोन चला ही रहे थे तभी उनके दरवाजे पर से किसी के दरवाजा खट खटाने आवाज आई। आवाज सुनकर फिर राहुल ने अमन से कहा - अरे देख तो भाई कौन आया हैं - राहुल की बात सुनकर फिर अमन ने कहा - अबे भाई मैं अभी अपने फ़ोन में कुछ जरूर काम कर रहा हूँ तू जाकर देख लेना कौन हैं - अमन का जवाब सुनकर फिर राहुल ने कहा - हाँ पता हैं क्या जरूर काम कर रहा हैं तू जरूर किसी ना किसी से चैट ही कर रहा होगा -
यह दोनों आपस में ही दरवाजा खोलने के लिए एक दूसरे को बोल ही रहे थे की तभी एक बार फिर किसी ने इनका दरवाजा खट खटाया इस बार अमन ने फिर राहुल से कहा - जा भाई तू ही देख ले कौन हैं समझा कर ना बहुत जरूर बात चल रही हैं अभी मेरी - इस बार राहुल अपनी जगह से उठा और अमन से बोला - घुस जा अपने फ़ोन में - इतना बोलकर राहुल दरवाजा खोलने के लिए दरवाजे के पास गया और थोड़ा जोर से बोला - कौन हैं - राहुल के इतना बोलने के बाद तुरंत बाहर से आवाज आई - अरे मैं हूँ यार अंकित अब जल्दी दरवाजा खोल -
अंकित इन दोनों का ही दोस्त था और वो यहाँ कभी कभी इनके साथ पार्टी करने के लिए आया करता था। पर अंकित के इतना सुनते ही राहुल के जो हाथ दरवाजे की कुण्डी खोलने के लिए ऊपर ऊठे थे वो वही पर रुक गए। फिर उसके बाद राहुल तुरंत पिछे अमन की तरफ मुड़ा तो उसने देखा अमन भी अपना फ़ोन नीचे रखे बस उसे ही देख रहा था। फिर उसके बाद राहुल तुरंत दरवाजे के पास से अमन के पास आया और बोला - भाई तुने सुना - फिर अमन ने जवाब देते हुए कहा - भाई पर ये हो कैसे सकता हैं क्यूंकि अभी एक घंडे पहले ही तो हम लोग अंकित के अंतिम संस्कार में से होकर आए हैं -
यह दोनों अंकित की आवाज सुनकर इसलिए डर रहे थे क्यूंकि कल अंकित का एक्सीडेंट होने की वजह से उसकी मौत हो गई थी। वैसे भी अंकित बहुत तेज बाइक चलाता था और हेलमेट भी कभी नहीं पहनता था और इसी वजह से उसका जब एक्सीडेंट हुआ तो उसका पूरा सर फट गया था और उसकी उसी समय मौत हो गई थी और आज उसका अंतिम संस्कार था और वही से एक घंटा पहले होकर राहुल और अमन आए थे।
दोनों हैरान होकर बस यही सब सोच ही रहे थे की तभी एक बार फिर बाहर से अंकित की आवाज आई - अबे कहाँ चले गए दोनों के दोनों मैं कबसे बाहर खड़ा हूँ जल्दी दरवाजा खोलो - पर राहुल और अमन की तो जैसे रगो में खून ही ना हो और वो दोनों बस मूर्ति बने एक दूसरे को देखे जा रहे थे। और अंकित बाहर खड़े खड़े बस दोनों को आवाज लगाए जा रहा था वो बोल रहा था - यार दरवाजा तो खोलो मैं आज पार्टी का पूरा सामान लाया हूँ - पर उन दोनों की पार्टी तो अंकित की आवाज सुनकर ही निकल गई थी।
पर तभी एकदम से वो सभी आवाजे जो अंकित की आ रही थी वो सभी आना बंद हो गई और अब ऐसा लग रहा था जैसे अब बाहर कोई नहीं हो। अब राहुल और अमन भी यही सोच रहे थे की यह हो कैसे सकता हैं कोई मरा हुआ इंसान जिसका अंतिम संस्कार भी हो गया हो वो आकर आवाज कैसे लगा सकता हैं यही सब सोचते हुए दोनों बैठे ही थे और अभी दोनों ने उस डर को खत्म भी नहीं करा था की तभी उनके बाथरूम से ऐसी आवाजे आने शुरू हो गई जैसे कोई बाथरूम के अंदर हो पर यह भी कैसे हो सकता हैं क्यूंकि इस घर में तो राहुल और अमन के सिवा कोई रहता ही नहीं हैं और ना ही कोई आज इनके घर आया हुआ था।
आवाजे सुनकर दोनों बाथरूम के दरवाजे की तरफ ही देखे जा रहे थे की तभी बाथरूम का दरवाजा अपने आप खुला और उसके अंदर से अंकित निकला जिसने अपने एक हाथ में दो तीन बियर की बोतल और चकने का सामान ले रखा था। फिर उसके बाद अंकित बाथरूम से बाहर आया और उन दोनों के पास पार्टी का सारा सामान रखा और फिर अंकित ने उन दोनों की तरफ देखा और कहा - अरे खड़े खड़े मुझे घूर क्यों रहे हो चलो पार्टी करते हैं - पर वो दोनों डरे डरे बस अंकित को घूरे ही जा रहे थे और उन दोनों को कुछ समझ में नहीं आ रहा था की उनके साथ आज यह हो क्या रहा हैं और अब वो दोनों क्या करें।
वो दोनों यही सब सोच ही रहा था की तभी अंकित इन दोनों के और पास गया और बोला पर इस बार उसकी आवाज बहुत भयानक सी हो गई थी उसने कहा - जब मैं दारू पीता नहीं था तब तुम दोनों ने ही मुझे कल जबरदस्ती दारू पिलाई और अब तुम दोनों पिने से मना कर रहे हो - उसकी बात सुनकर फिर राहुल ने डरते हुए कहा - भाई हम तो तेरे दोस्त हैं भाई हमें जाने दे - फिर अंकित ने कहा - तुम मेरे दोस्त हो इसलिए तो मैं तुम्हारे पास आया हूँ और अब मैं तुम दोनों को अपने साथ लेकर जाऊंगा फिर हम तीनो मिलकर रोज पार्टी करेंगे -
पर राहुल और अमन को तो जैसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था और वो दोनों बस यही सोच रहे थे की कही यह हम दोनों का कोई सपना तो नहीं हैं। पर यह उन दोनों का कोई सपना नहीं था फिर उसके बाद दोनों डरे डरे बार बार अंकित से अपनी जान की बिख मांग रहे थे पर अंकित पर उसका कोई ऐसा असर नहीं हो रहा था और ऐसा लग रहा था जैसे अंकित मरने के बाद अपने दोस्तों के बिना रह ना पा रहा हो इसलिए वो आज अपने दोस्तों को लेने के लिए आ गया हो।
उसके बाद अंकित जो बियर की बोतल अपने साथ लाया था उसे उन दोनों के मुँह में लगा देता। और बोतल तब तक खाली नहीं होती जब तक राहुल और अमन दारू पीते पीते मर नहीं गए। अंकित उन दोनों को अपने साथ ले जाने आया था और उन दोनों को अपने साथ लेकर ही चला गया इसलिए कहते हैं ज्यादा दोस्ती भी अच्छी नहीं होती क्यूंकि कई बार दोस्त मरने के बाद भी अपने दोस्त के पास आ जाते हैं।
