साया डायन का E-11
रजत की बात का जवाब देते हुए फिर लोकेश ने कहा - मुझे तो राहुल ने फ़ोन करके बताया की डायन ने आज बिर्जेश को मार दिया हैं और फिर उसके बाद मैं यहाँ आया - फिर लोकेश की बात खत्म होते ही तुरंत अवनीत ने कहा - कौन वही राहुल जिसने बिर्जेश से डायन कोट जाने की शर्त लगाई थी - फिर लोकेश ने कहा - हाँ भाई पर यह बात तुझे कैसे पता - फिर अवनीत ने कहा - भाई मुझे और भी बहुत कुछ पता हैं पर अभी यह बात करने का समय नहीं हैं वैसे अभी राहुल कहाँ हैं -
फिर लोकेश ने कहा - यही कही होगा अभी थोड़ी देर पहले तो देखा था - इन दोनों की सारी बात सुनने के बाद फिर रजत ने कहा - भाई अवनीत तुझे क्या लगता हैं की राहुल ने ही सबसे पहले बिर्जेश की लाश देखी होगी या नहीं - फिर अवनीत ने कहा - देख भाई हो भी सकता हैं क्यूंकि उसने ही तो बिर्जेश से शर्त लगाई थी पर नहीं भी हो सकता क्यूंकि जैसे लोकेश ने हमें फ़ोन करके बताया वैसे ही क्या पता उसे भी किसी ने फ़ोन करके बताया हो चल अब सबसे पहले राहुल को ढूंढ़ते हैं क्यूंकि उसके बाद हमें बाबा के पास भी तो जाना हैं -
फिर अवनीत को बीच में ही टोकते हुए लोकेश ने कहा - कौन से बाबा के पास और क्यों - फिर रजत ने कहा - वो सब भाई हम तुझे बाद में बताएँगे चल सबसे पहले राहुल को ढूंढ़ते हैं - फिर लोकेश ने कहा - अरे ढूंढ़ने के क्या जरूरत हैं मैं अभी उससे फ़ोन करके पूछता हूँ की वो कहाँ हैं - इतना बोलकर लोकेश, राहुल को कॉल लगाने लगता हैं। पर लोकेश के दो तीन बार कॉल करने पर राहुल फ़ोन नहीं उठाता फिर लोकेश उन दोनों के पास जाता हैं और बोलता हैं - अरे यार राहुल तो फ़ोन ही नहीं उठा रहा मैंने दो तीन बार उसे फ़ोन करने की कोशिश करी पर तभी वो फ़ोन नहीं उठा रहा मुझे तो लगता हैं इसने ही सबसे पहले बिर्जेश की लाश देखी होगी -
लोकेश की बात सुनकर फिर रजत बोलता हैं - क्या पता भाई हो सकता हैं वो इसी भीड़ में कही हो और उसे फ़ोन की आवाज सुनाई ना दे रही हो - फिर अवनीत रजत की तरफ देखते हुए बोलता हैं - हाँ भाई तू सही बोल रहा हैं मुझे भी लगता हैं वो अभी भी इसी भीड़ में कही होगा तो चलो अब सबसे पहले उसे ढूंढ़ते हैं - अवनीत के इस बार इतना बोलने के बाद वो तीनो राहुल को उसी भीड़ में ढूंढ़ने लगाते हैं।
पर फिर उसके बाद काफ़ी देर तक जब उन तीनो को राहुल कही नहीं दिखता तो लोकेश बोलता हैं - अरे यार मुझे तो लगता हैं की राहुल अब घर चला गया होगा कब से तो उसे ढूंढ रहे हैं पर वो कही नहीं दिख रहा - लोकेश ने इतना ही कहा था की तभी रजत अपने हाथ से इशारा करते हुए बोलता हैं - अरे वो देखो शायद वो राहुल ही तो हैं - रजत ने जिस ओर इशारा करा था उस ओर लोकेश और अवनीत ने देखा और लोकेश ने कहा - हाँ शायद वही हैं चलो थोड़ा पास चलकर देखते - लोकेश के इतना बोलने के बाद वो तीनो इस ओर जाने लगते हैं जिस ओर राहुल जैसे कोई बैठा दिख रहा था।
और फिर जैसे ही यह तीनो थोड़ा आगे जाते हैं तभी लोकेश बोलता हैं - अरे यह राहुल ही हैं - फिर अवनीत बोलता हैं - पर यह वहाँ नीचे जमीन पर बैठकर नीचे क्या लिख रहा हैं - अवनीत की बात सुनकर रजत और लोकेश भी जब थोड़ा ध्यान से देखते तो उन्हें भी ऐसा लगता हैं जैसे राहुल वहाँ नीचे जमीन पर अपनी ऊँगली से कुछ लिख रहा हैं या फिर कुछ बना रहा हैं। फिर तभी रजत बोलता हैं - पता नहीं भाई यह वहाँ क्या कर रहा हैं चल उसके पास चलकर देखते हैं -
रजत के इतना बोलने के बाद वो तीनो राहुल पास जाने लगते हैं। वो तीनो राहुल के पास पहुचे ही थे की तभी लोकेश ने राहुल को आवाज लगाई और कहा - ओये राहुल तू यहाँ क्या कर रहा हैं हम तुझे कबसे ढूंढ रहे हैं - राहुल ने जैसे ही लोकेश की आवाज सुनी उसने तुरंत जमीन पर जो लिखा था या फिर जो बनाया था उसने तुरंत मिटा दिया। और अपना सर उन तीनो की ओर करके कहा - क्या हुआ भाई तुम लोग मुझे क्यों ढूंढ रहे थे - राहुल इतना कहा ही था की तभी उसकी नजर अवनीत पर पड़ी तो उसने फिर कहा - भाई यह तुम्हारे साथ कौन हैं -
फिर लोकेश ने थोड़ा मुस्कुराते हुए कहा - अबे भाई तू इसे नहीं पहचाना यह अवनीत हैं 10 साल पहले हमारे साथ ही तो खेलता था और यह दो दिन पहले ही तो गाँव आया हैं - लोकेश के इतना बोलने के बाद राहुल ने अवनीत की तरफ फिर देखा और कहा - अच्छा यह कही रमेश जी का बेटा तो नहीं जिन्हे इस डायन कोट की डायन ने मार दिया था और फिर उसके बाद से ही यह यहाँ से चला गया था - राहुल की बात सुनकर अवनीत का चेहरा दुःख के मारे नीचे उतार जाता हैं और तभी रजत, अवनीत को ऐसे देख समझ जाता हैं की राहुल ने फालतू में उसके पिता के मौत बात बोल दी इसलिए वो सारी बातों को संभालते हुए राहुल से बोलता हैं - वैसे राहुल तुझे किसने बताया था की बिर्जेश को आज डायन ने मार दिया हैं -
फिर राहुल बोलता हैं - मुझे कौन बताएगा मैंने ही तो सबसे पहले बिर्जेश की लाश देखी थी - राहुल ने इतना बोलने के तुरंत बाद रजत बोलता हैं - वैसे राहुल तुने कितने बजे बिर्जेश की लाश देखी थी मेरा मतलब हैं तू यहाँ से कितने बजे जा रहा था तब बिर्जेश लाश दिखी - फिर राहुल ने कहा - यही कुछ 7 बजे के आस पास - फिर राहुल की बात बीच में ही काटते हुए लोकेश ने कहा - भाई 6 बजे तो तुने मुझे फ़ोन करके बता दिया था की बिर्जेश को आज डायन ने मार दिया हैं पर अब तू बोल रहा हैं की 7 बजे यहाँ आया था - फिर राहुल बोलता हैं - अरे मुझे याद नहीं हैं वैसे भी मैं टाइम देखकर नहीं आया था और यह सब छोड़ पहले यह बता की लोग मुझे ढूंढ क्यों रहे थे -
फिर लोकेश ने कहा - वो भाई हमें तुझसे यही पूछना था की बिर्जेश की लाश सबसे पहले किसने देखी थी - फिर राहुल बोलता हैं - पर क्यों भाई देखने से क्या मैंने थोड़ी ना मारा हैं उसे - फिर रजत बोलता हैं - भाई हम यह थोड़ी ना बोल रहे की तुने उसे मारा हैं बस ये जानना चाह रहे थे की तू इतनी सुबह उस डायन कोट वाले रास्ते से क्यों जा रहा था क्यूंकि भाई 6 बजे तुने लोकेश को फ़ोन करके बता दिया था इसका मतलब तू जब यहाँ से जा रहा होगा तब तो अंधेरा ही हो रहा होगा और तू तो सबसे ज्यादा यहाँ से जाने में डरता हैं पर आज ऐसा क्या हो गया था हो तू अँधेरे में ही यहाँ से जा रहा था - रजत ने इतना ही कहा था की राहुल के चेहरे की जैसे हवाइया ही उठ गई हो।
अब इसके आगे की कहानी अगले एपिसोड में हैं।
