आखिर कौन हैं वो E-3
अभिषेक सामने की गली में बाइक लेकर गया जहाँ आरती ने बताया था की मेरा घर है अभिषेक गली के अंदर आगे तक चला गया पर उसे वहाँ कोई घर नहीं दिखा। पर उसने सोचा आगे जो बस्ती है शायद आरती वही रहती हो। अभिषेक उस बस्ती को बहुत अच्छी तरह से जानता था क्योंकि पहले वह यहाँ हमेशा आया करता था साक्षी को घर छोड़ने और उसको लेने के लिए साक्षी अभिषेक की गर्लफ्रेंड थी। जिसकी अचानक मौत हो गई थी लगभग 3 साल पहले बस तभी से अभिषेक ने इधर आना बंद कर दिया क्योंकि अभिषेक को साक्षी की मौत का बहुत गहरा सदमा लगा था।
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लेकिन अब अभिषेक उन बातों को भुला चुका था और अपनी जिंदगी में बिजी था और आज आरती को ढूंढता हुआ फिर इस बस्ती में आ गया था। उसने बस्ती में लोगों को आरती की फोटो दिखाई तो सब अभिषेक को बड़ी विचित्र निगाहों से देख रहे थे। बस्ती के लोगों ने बताया यह आरती मल्होत्रा है पर इसकी मौत तो 3 साल पहले ही हो गई थी। अभिषेक को कुछ समझ नहीं आ रहा था की उसके साथ क्या हो रहा है पर जब बस्ती के लोगों ने अभिषेक को आरती का घर दिखाया तो मानो अभिषेक के पैरों तले से जमीन खिसक गई हो। क्योंकि वो घर तो साक्षी का था तभी अभिषेक ने पूछा - कैसे हुई थी आरती की मौत -
बस्ती के लोगों ने बताया आरती को एक बहुत खतरनाक जानलेवा बीमारी थी और रोज वो दवाई खाकर ही जिंदा रहती थी डॉक्टर ने बताया था कि 1 दिन भी उसकी दवाई मिस हो गई तो उसकी जान जा सकती है। उसकी बहन साक्षी एक कॉल सेंटर में जॉब करती थी और अपनी बहन का इलाज भी करवा रही थी एक दिन पता नहीं क्या हुआ उसकी बहन साक्षी घर आए ही नहीं और आरती के पास भी कोई दवाई नहीं बची हुई थी और उसी का रास्ता देखते देखते आरती की जान चली गई और बस्ती वालों ने यह भी बताया की जब साक्षी कई दिनों तक घर नहीं आई तो पुलिस ने उसकी खोज शुरू कर दी और बाद में पुलिस वालो को साक्षी की लाश फ्लाईओवर के नीचे दो हिस्सों में कटी हुई मिली थी।
बस्ती वालों के मुंह से यह सब सुनकर तो अभिषेक के मानो पसीने छूटने लगे और वो तुरंत वहाँ से अपनी बाइक स्टार्ट कर के अपने घर की तरफ चला गया। घर जाते ही उसने अपनी बाइक खड़ी करी और चाबी और हेलमेट साइड में फेंक कर सीधा अपने रूम में बेड पर लेट गया। अभिषेक मानो समझ चुका था कि उसके साथ 2 दिन से यह क्या हो रहा है और शायद क्यों हो रहा है। अब अभिषेक को एक अजीब सा डर लग रहा था इसलिए उसने सोचा आज कहीं नहीं जाऊंगा बस घर पर लेटा ही रहूंगा उसने कॉल सेंटर में विनय सर को फोन कर के बता दिया - सर आज मैं ड्यूटी पर नहीं आऊंगा विनय सर ने कारण पूछा तो अभिषेक ने कहा - सर आज मेरी थोड़ी तबीयत खराब है -
अभिषेक की बात का जवाब देते हुए विनय सर ने कहा - चलो ठीक है तुम आराम कर लो वैसे भी तुम्हें आराम की जरूरत है आज दिखी रहा था - इतना कहकर विनय सर ने फोन डिस्कनेक्ट कर दिया और अभिषेक ने सोच लिया था आज कंबल ओढ़ कर सो जाऊंगा बस। उसके बाद अभिषेक सो गया और जब अभिषेक की आँख खुली तो रात के लगभग 8:00 बज रहे थे। अभिषेक बिस्तर से उठा और सोचा बाहर जाकर कुछ खाता हूँ क्योंकि भूख भी लग रही थी उसने कमरे का दरवाजा खोला बाहर अंधेरा हो चुका था। अभिषेक थोड़ा बाहर गया कि उसको पता नहीं क्या हुआ कि फिर वापस रूम में ही आ गया।
अभिषेक को शायद बाहर जाने से डर लग रहा था।
आज जब से अभिषेक उस बस्ती से लौटा था तब से एक अभिषेक को एक अजीब सा डर लग रहा है। अभिषेक ने सोच लिया था अब ऑनलाइन ही खाना मंगवाए उसके बाद अभिषेक ने ऑनलाइन आर्डर करके ही खाना मंगवाया और खा कर फिर से जाकर कंबल ओढ़ कर सो गया। लेकिन आधी रात में अभिषेक की आँख फोन की घंटी बजने से फिर खुली अभिषेक ने अपना सर कंबल से बाहर निकाला सामने लगी घड़ी पर नजर पड़ी तो रात के ठीक 12 बज रहे थे। अभिषेक में टेबल पर रखा हुआ फोन उठाया तो उसकी धड़कनए तो मानो रुके ही गई हो। और उसे ऐसा लग रहा था उसके के बदन पर हजारों चीटियां एक साथ काट रही हूँ।
क्योंकि फोन की स्क्रीन पर साफ-साफ लिखा आ रहा था आरती मल्होत्रा। पर अभिषेक ने फोन रिसीव नहीं करा और फोन लगातार बजता रहा। अभिषेक की हालत अब बिल्ली से डरे दुबके एक खरगोश की तरह हो चुकी थी और थोड़ी देर में उसी फोन में एक बाद एक लगातार मैसेज आने लगे अभिषेक ने फोन को टेबल से उठाया भी नहीं वो बस ऊपर व्हाट्सएप मैसेज नोटिफिकेशन मैं ही देख रहा था उसमे लिखा था - अभिषेक अब तो जान ही गए हो मैं कौन हूँ - अभिषेक ने इतना ही पढ़ा था की उसकी हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी उसने फोन तुरंत उठाया और स्विच ऑफ कर के टेबल के पास फेंक दिया।
और खुद एक छोटे बच्चे की तरह बेड के नीचे जाकर दुबक गया। लेकिन थोड़ी देर में ही वो फोन जो उसने स्विच ऑफ कर के फेंक दिया था। वो फिर से बजने लगा अभिषेक यही सोच रहा था फोन तो स्विच ऑफ कर दिया तब कैसे बज रहा है। उसने फोन उठाकर देखना चाहा तो दूसरी तरफ से आवाज आने लगी - अभिषेक मरना तो आज तुमको पड़ेगा तुमने जो हमारे साथ किया उसकी सजा तो तुम्हें आज मिलकर रहेगी - अभिषेक ने इतना सुना और वो रोने लगा और बिलखते हुए गिड़गिड़ा ते हुए कह रहा था - माफ कर दो मुझे माफ कर दो मेरे से गलती हो गई थी - अभिषेक ने इतना ही कहा कि उसकी नजर सामने रूम के दरवाजे के पास पड़ी तो उसकी जान मानो हलक में अटक गई हो।
क्योंकि सामने आरती और साक्षी दोनों खड़े थे अभिषेक रोते हुए जमीन पर गिर गया और बस एक ही बात कह रहा था - मुझे माफ कर दो मेरे से गलती हो गई साक्षी मैंने जानबूझकर तुम को नहीं मारा - पर और सामने खड़ी साक्षी और आरती दोनों अभिषेक के पास आ गई। अब अभिषेक की हालत तो पहले से ही खराब थी इसलिए उसके मुंह से कुछ भी साफ साफ नहीं निकल रहा था साक्षी ने अपनी बड़ी डरावनी और खतरनाक आवाज में कहा - तुझे माफ कर दू तुझ पर मैंने इतना भरोसा किया तुझसे प्यार किया और जिंदगी भर तेरे साथ रहने का सपना देखा लेकिन तूने मेरे साथ क्या करा तूने उस दिन मेरी नहीं मेरे साथ साथ मेरी बहन की भी जान ले ली
तू दो-दो जिंदगी खत्म करने के बाद अब माफी मांग रहा है तूने उस दिन मुझे माफ किया था जब मैं तुझसे रो-रो कर अपनी जान की भीख मांग रही थी तड़प तड़प कर मर रही थी मैं उस फ्लाईओवर के नीचे लेकिन तूने पहले मुझे प्यार के बहाने वहाँ लेकर गया और फिर तूने मेरे साथ क्या किया भूल गया तू और अब तू किस मुंह से माफी मांग रहा है और बाद में मेरी दो हिस्सों में कटी हुई लाश फ्लाईओवर के नीचे फेंक दी थी। आज तुझे सारा हिसाब देना होगा - इतना ही कहा था साक्षी ने और तुरंत उसको हवे में ही पंखे पर टांग दिया और पंखा फुल स्पीड में चला दिया अभिषेक के चीखने चिल्लाने की आवाज पूरे कमरे में गूंजती रही थी और थोड़ी देर बाद अभिषेक के शरीर के कई टुकड़े होकर पूरे रूम में बिखर गए थे। 3 साल पहले अभिषेक ने आरती की बहन साक्षी के साथ जो किया वो मरने के बाद साक्षी और आरती ने अभिषेक के साथ कर के अपना बदला पूरा कर लिया।
इस कहानी के लेखक हैं - रामचंद्र यादव
इस कहानी में आवाज दी हैं - प्रियंका यादव
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