खत्म हुआ इंतजार E1
संदीप को आज घर जाने में बहुत देर हो गई थी क्योंकि आज दिन से ही बारिश हो रही थी तो आज संदीप का काम भी अच्छा ही चल रहा था। संदीप हाईवे पर समोसे बेचा करता हैं संदीप ने अपने ढाबे का सारा काम निपटा कर बर्तन वगैरह साफ करके रखें तो रात के लगभग 11:30 बच गए होंगे। संदीप और उसका दोस्त राहुल दोनों एक साथ पार्टनरशिप में ही समोसे बेचा क्या करते हैं। दोनों का घर भी एक दूसरे के घर के आस-पास ही था और हाईवे से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर ही था। संदीप के पास एक मारुती 800 कार थी दोनों उसी में ही ढाबे पर सुबह 10:00 बजे तक आ जाते थे और अक्सर रात को 8 या 8:30 बजे तक घर निकल जाते थे।
#
इस कहानी को ऑडियो में सुने
पर आज बारिश की वजह इन दोनों को देर हो गई थी संदीप अपनी गाड़ी के पास गया और गाड़ी स्टार्ट करने लगा। लेकिन गाड़ी स्टार्ट नहीं हो रही थी दिन भर से बारिश थी और ठंड भी है काफी हैं इस वजह से भी गाड़ी जल्दी स्टार्ट नहीं होती संदीप ने कोशिश तो बहुत करी लेकिन गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई। तभी संदीप ने राहुल को धक्का मारने के लिए कहा संदीप के बोलने के बाद राहुल गाड़ी से नीचे उतरा और राहुल ने गाड़ी में धक्का लगाना शुरु कर दिया। गाड़ी में थोड़ी दूर तक धक्का लगाने से ही गाड़ी भी स्टार्ट हो गई। और रात के अंधेरे में दोनों घर की ओर जाने लगे लेकिन आज बारिश होने के कारण ठंड तो थी ही और ऊपर से बाहर शीत लहर मानो जान लेने को तैयार हो बारिश होने के बाद ऊपर से थोड़ा थोड़ा धुंध भी थी।
इसलिए संदीप को ज्यादा साफ भी नहीं दिखाई दे रहा था। अभी दोनों थोड़ा दूर ही गए होंगे की उसी कोहरे में संदीप को उनसे थोड़ी ही दूर सामने एक परछाई सी दिख रही थी धुंध के कारण ज्यादा पता तो नहीं चल पा रहा था ऐसा लग रहा था कोई रोड पर खड़ा हैं लेकिन वो थोड़ा और आगे बढ़े तो हेड लाइट के उजाले में संदीप को एक लड़की सड़क के बीचो बीच खड़ी दिखाई दी। गाड़ी बहुत ही स्पीड में थी इसलिए एकदम से तो रोक नहीं सकता था इसलिए संदीप ने खिड़की से सर बाहर निकालकर चिल्लाते हुए कहा - मरना है क्या तेरे को और मरने के लिए हमारी ही गाड़ी मिली मुझे - इतना बोलकर फिर संदीप ने एकदम से ब्रेक मारी लेकिन संदीप ने देखा गाड़ी उस लड़की से टकरा गई थी और उस लड़की को सौंदत्ती हुए कार आगे निकल गई थी।
और उसके बाद गाड़ी में झटका बड़ी तेजी से लगा इस वजह से राहुल की आंख भी खुल गई राहुल बगल में बैठे-बैठे ही सो गया था। राहुल कुछ बोल पता उसे पहले उसने संदीप को देखा संदीप का चेहरा इतनी ठंड में भी पसीने से तरबतर हो रखा था। और वो डरा हुआ बार-बार पीछे की तरफ देख रहा था उसको ऐसे डरे हुए देख राहुल ने संदीप से कहा - संदीप क्या हो गया भाई इतना घबराया हुआ क्यों है - राहुल की बात सुनकर संदीप ने घबराते हुए ही कहा - यार वो लड़की गाड़ी के नीचे आ गई - संदीप ने सारी बात सुनी और कहा - गाड़ी से नीचे उतर चल देखते हैं - इतना बोलकर दोनों गाड़ी से उतरकर बाहर सड़क पर इधर-उधर उस लड़की को देखने लगे।
लेकिन सड़क पर कोई भी नहीं था पूरी सड़क सुनसान थी वहाँ आस पास पुरे में देखने के बाद राहुल ने संदीप से कहा - यार तूने आज काम के बाद शराब भी ज्यादा पीली है इसलिए तुझे कोई वैहम हुआ होगा यहाँ ऐसा कुछ भी नहीं है - संदीप ने फिर राहुल को समझाते हुए कह - नहीं यार यही थी वो लड़की - राहुल ने संदीप को पकड़ा और कहाँ चल गाड़ी में बैठ भाई अब गाड़ी तेरा भाई चलाएगा। उसके बाद स्टेरिंग पर राहुल बैठ गया पर संदीप अभी भी गहरे सदमे में ही था संदीप को ऐसे बैठे देख राहुल ने संदीप से कहा - संदीप भाई तू आराम कर ले अब - इतना बोलकर राहुल ने गाड़ी आगे बढ़ा दी अभी कुछ ही दूर गए होंगे अब संदीप की भी बैठे-बैठे आंखें लग गई।
राहुल गाड़ी चलाते हुए लगभग 2 किलोमीटर ही आगे निकला होगा की तभी राहुल के अचानक ब्रेक मारने से संदीप का सर आगे बड़ी जोर से टकराया। और संदीप ने गुस्से में चिल्लाते हुए कहा - अबे पागल हो गया क्या ऐसे गाड़ी चलाएगा इतनी तेज ब्रेक मार दी चल तू रहने दे - लेकिन राहुल को जैसे किसी ने थप्पड़ मार दिया हो उसने तुरंत जवाब देते हुए कहा - भाई क्या हो गया तेरे को सही है तू यार गाड़ी सही से तो चल रही है और कब मरी ब्रेक भाई तूने कोई सपना देखा होगा - राहुल की बात सुनकर संदीप ने जैसे गाड़ी के बाहर देखा। गाड़ी तो वैसे की वैसे ही चल रही है।
संदीप ने भी अब सोच लिया अब सोना नहीं है घर भी अब ज्यादा दूर है ही नहीं थोड़ी देर में पहुंच जाएंगे अब। गाड़ी थोड़ा ही आगे बड़ी होगी कि कार के बोनट पर कोई चीज गिरने की बड़ी तेजी से आवाज आई संदीप ने देखा कि वही लड़की है जो थोड़ी देर पहले जब संदीप गाड़ी चला रहा था गाड़ी के नीचे आई थी अब वो बोनट पर बैठे-बैठे शीशे से संदीप को मुस्कुराते हुए देख रही थी। वो लड़की अपनी बड़ी ही भयानक नजरों से संदीप को लगातार घूर रही थी। उस लड़की को ऐसे घूरते देख संदीप के रगों में चलता खून मानो चमचा गया हो और संदीप तुरंत चिल्लाता हुआ बोला - राहुल गाड़ी रोक भाई राहुल जल्दी रोक गाड़ी - राहुल ने भी तुरंत ब्रेक मारी और कहा - क्या हुआ भाई - उसके बाद संदीप ने सारी बात राहुल को बताइए।
संदीप की सारी बात सुनने के बाद राहुल ने कहा - एक काम करते हैं भाई चल पहले कहीं कुछ खा लेते हैं तब घर जाएंगे क्योंकि अगर खाली पेट टंकी फुल कर लोगे तो बेटा फिर होगा क्या - और फिर संदीप ने कहा नहीं यार खाना घर जाकर ही खाना पड़ेगा क्योंकि घर वाले गुस्सा करते हैं फिर - पर राहुल के बार बार कहने पर संदीप भी तैयार हो गया और वो दोनों सामने ही एक ढाबा था जो रात में भी शायद खुला रहता है राहुल ने वही गाड़ी लगाई और दोनों चले गए खाना खाने। वहाँ जाकर राहुल ने खाना परोसने वाले से पूछा - भाई इस हाईवे में कुछ गड़बड़ है क्या - ढाबे वाले ने राहुल की बात का जवाब देते हुए कहा - नहीं क्यों - राहुल ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा -
वैसे तो हम रोज यहाँ से आते जाते हैं हमारी दुकान भी थोड़ा आगे ही है हमारा भी ढाबा है लेकिन हम आठ 8:30 बजे तक रोज रात को ही ढाबे से निकल जाते थे आज थोड़ा काम ज्यादा था इसलिए टाइम लग गया हमने सोचा कुछ खा लेते हैं इसी बहाने आपसे भी पता कर लेंगे कि रात में यहाँ कोई दिक्कत होती है क्या -ढाबे वाले ने फिर कहा - भैया आप आगे यही कही हो तो आपको तो पता ही होगा आपका काम जब यहीं से रोज ही आना जाना है तभी भी - उस ढाबे वाले की बात सुनकर राहुल ने जवाब देते हुए कहा - भैया हमारा काम तो है लेकिन हम सुबह 10:00 बजे तक अपनी दुकान पर आते हैं और 8:00 या 8:30 बजे अपने ढाबे से वापस निकल जाते हैं तो आज तक तो कोई दिक्कत हुई नहीं थी आज ऐसा लग रहा है तभी आपसे पूछ रहा हूँ -
ढाबे वाला संदीप और राहुल की बातें समझ चुका था फिर उसने कहा - भाई एक तुम ही नहीं हो जो ऐसा सवाल पूछ रहे हो हर रात 12 या 12:30 के बाद जो भी यहाँ से गुजरता है अगर हमारे पास रुकता है तो यह सवाल जरूर पूछता है यह कोई नई बात नहीं है यहाँ की - उसने अपनी बात जारी रखते हुए कहा दरअसल 3 साल पहले एक कार वाले ने आगे सड़क पर ही एक औरत को कुचल दिया था और कार वाला वहाँ से तुरंत भाग गया था और नहीं किसी ने उस कार वाले को पकड़ा और ना ही किसी ने उस औरत की मदद करी और उस औरत ने सड़क पर पड़े पड़े ही तड़प तड़प कर अपना दम तोड़ दिया। तब से रात में कई लोगों को वो औरत यहाँ दिख चुकी है -
यह सब बातें सुनके राहुल की भी अब हालत खराब हो गई राहुल भी काफी डर गया राहुल ने संदीप को कहा - संदीप भाई यार आज की रात हम इसी ढाबे में ही काट लेते हैं यार मुझे डर लग रहा है कल सुबह घर चले जाएंगे अगले दिन खोल लेंगे दुकान - राहुल की बात सुनकर संदीप ने मुस्कुराते हुए बोला - अबे भाई लड़की मुझे दिख रही है हालत तेरी खराब हो रही है भाई घर जाना जरूरी है तेरी भाभी भी घर पर अकेले ही है जब से 10 बार फोन कर चुकी है यार इसलिए घर तो चलना ही है भाई एक काम कर तू साइड में बैठ जा गाड़ी मैं ही चला लूंगा अब चल अब जल्दी भाई - किसी तरह संदीप ने राहुल को मना कर गाड़ी में बैठा ही लिया और कहा - भाई कल छुट्टी कर लेंगे चल अब जल्दी -
संदीप की बात सुनकर राहुल बोला - पहले ही घर चले जाते ठीक रहता लेकिन तू ही तो कह रहा था ना आज अच्छा दिन है कमाई के लिए तेरी लालच के चक्कर में फस गय आज हम - संदीप ने फिर कहा - हाँ भाई ठीक है चल अब इनता बोलकर संदीप गाड़ी चला रहा था और अब घर की तरफ जाने वाला रास्ता भी आ गया था। लेकिन यह रास्ता थोड़ा खराब था और इसी खराब रास्ते में गाड़ी चलाते चलाते दोनों जा रहे थे तभी एक जोरदार आवाज आई दोनों ने उतर के देखो तो उनकी गाड़ी का एक टायर पंचर हो गया था। इधर सड़क पर दोनों तरफ घना जंगल भी था रात में तो यहां गाड़ी वगैरह भी कुछ ज्यादा नहीं आती जाती थी संदीप और राहुल भी आज पहली बार ही इतनी रात में इस जंगल में फस गए थे।
राहुल ने फिर डरते डरते कहा - यार मुझे तो कुछ ठीक नहीं लग रहा अब अच्छा खासा मौका था हमारे पास उसी ढाबे पर ही रुक जाते सब ठीक रहता सुबह चले जाते घर लेकिन तुझे कहाँ मेरी बात समझ में आती है पहले अपने दुकान पर देर कर दी अब मेरी बात नहीं सुन रहा था - संदीप ने फिर शांति से जवाब देते हुए कहा - राहुल तुझे पता है यार घर जाना जरूरी है भाई चल कोई बात नहीं जा अंदर से जैक और पाना निकाल अभी इसकी स्टेफनी चेंज कर देंगे हमारे पास दूसरा टायर भी तो रखा है पाँच मिनट लगेंगे चल - इतना बोलकर संदीप ने पीछे डिग्गी से दूसरी स्टेफनी निकाली और राहुल ड्राइवर सीट के पास रखा जैक और पाना निकालने के लिए गाड़ी का दरवाजा जैसे ही खोला तो राहुल की आंखें फटी की फटी रह गई राहुल की धड़कन मानो रुक ही गई हो।
क्योंकि ड्राइवर सीट पर तो संदीप ही बैठा हुआ था और उसने जैक और पाना निकालकर राहुल को दिया। और कहा - ले भाई दे दे मुझे राहुल ने एकदम से पीछे देखा तो एक संदीप कार के पीछे स्टेफनी लेकर खड़ा हुआ था और दूसरा संदीप ड्राइवर सीट पर बैठा था। इसके आगे की कहानी अगले एपिसोड में हैं।