रहस्य पिछले जन्म का एपिसोड 3
राजेश सुनीता को उस बंगले में ले जाने लगा जो उसने अभी ही लिया था जिसमे वो और सुनीता रहने वाले थे उसके बाद राजेश सुनीता को उस बंगले में ले गया और दोनों बंगले के अंदर गए। लेकिन सुनीता को पता नहीं क्यों ऐसा लग रहा था कि जैसे वो यहाँ पहले भी कभी आई हुई है। सुनीता ने उस समय राजेश से तो कुछ कहा नहीं लेकिन वो उस बंगले में हर जगह घूम घूम कर देख ली थी। और ऐसा लग रहा था जैसे सुनीता को कुछ याद आ रहा हो। यहाँ पर पता नहीं क्यों सुनीता सोच रही थी - शायद मैं यहाँ इस जगह को बहुत अच्छी तरह से जानती हूँ पर मैंने कब देखा है इसे और मैं यहाँ कब आई हूँ यह मुझे याद नहीं आ रहा हैं -
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सुनीता इसी उधेड़बुन में थी तभी सुनीता चलते चलते घर पीछे की तरफ चली गई। और पता नहीं सुनीता को क्या हुआ सुनीता घर के पिछे जाते ही जोर जोर से रोने लगी। राजेश अंदर ही बैठा था और जैसे ही राजेश ने सुनीता के रोने की आवाज सुनी वो तुरंत भागते हुए आया और उसने कहा - सुनीता क्या हुआ तुम क्यों रो रही हो और तुम क्यों आई अकेले पीछे क्या हुआ क्या देखा तुमने बोलो सुनीता -पहले तो सुनीता ने कुछ नहीं बोला पर राजेश के बार बार पूछने पर सुनीता ने बस इतना ही कहा - नहीं कुछ नहीं बस कुछ नहीं - उस समय तो सुनीता ने राजेश को कुछ नहीं बताया और फिर थोड़ी देर बाद राजेश सुनीता का हाथ पकड़कर सीढ़ियों से चढ़ता हुआ छत पर ले गया।
राजेश उसे दिखा रहा था छत के ऊपर से कितना अच्छा नजारा लगेगा। लेकिन सुनीता जैसे-जैसे उस घर के अंदर घूम रही थी तो उसे ऐसा लग रहा था कि उसको कुछ याद आ रहा है लेकिन सुनीता यह भी सोच रही थी की ऐसा कैसे हो सकता है क्योंकि वो तो कभी इस बंगले में तो दूर की बात वो शहर के इस तरफ भी नहीं आई थी। छत पर जाते ही सुनीता ने आस पास नजर दौड़ाई तो उसे आस पास की जगह भी जानी पहचानी लग रही थी। इसलिए इस बाद सुनीता ने तुरंत राजेश से कहा - राजेश मुझे ऐसा लगता है मैं यहाँ पहले भी कभी आई हुई हूँ पर पता नहीं क्यों मुझे यह घर भी बहुत जाना पहचाना लग रहा है। सुनीता की बात सुनकर राजेश ने कहा - नहीं सुनीता तुम यहाँ कब आई तुमको तो मैं पहली बार यहाँ लेकर आया हूँ तो तुम कैसे आ सकती हो यहाँ तुम्हे ऐसे ही कोई वैहम हो रहा होगा -
सुनीता ने फिर कुछ सोचते हुए कहा - पता नहीं लेकिन मुझे यहाँ आकर बहुत कुछ याद आ रहा है ऐसा लगता है जैसे यह जगह मुझसे जुडी हुई हो - वो दोनों छत पर बैठकर बातें कर रहे थे तभी सुनीता ने थोड़ी देर में फिर कहा - इस बंगले के दूसरी तरफ भगवान शिव का एक पुराना मंदिर भी तो है ना - सुनीता की बात सुनकर राजेश अपनी आँखे बड़ी करते हुए बड़ी हैरानी से बोलता हैं - तुम्हें कैसे पता - सुनीता ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा - राजेश मुझे इस घर से जुडी सारी बात याद आ रही हैं और मुझे यह भी पता है की इस घर में किचन सीढ़ियों से राइट साइड पर है और मुझे यह भी पता हैं की इस घर में बाथरूम कहाँ हैं - राजेश अपनी आँखे बड़ी कर के हैरानी भरी नजरों से सुनीता को देख रहा था बस।
तभी सुनीता अपनी जगह से उठकर थोड़ा दूर रेलिंग के पास गई। और एकदम से चिल्लाते हुए बोलने लगी पर इस बार सुनीता की आवाज अब बहुत ज्यादा बदल चुकी थी। सुनीता ने रेलिंग के पास से ही कहा - राजेश 23 साल पहले तुम्हारे साथ ही तो रहती थी मैं भूल गए क्या राजेश तुमने पहले तो मेरे साथ प्यार का नाटक करके अपने मकसद के लिए शादी करी उसके बाद तुम्हारा मकसद पूरा हो गया तो फिर तुमने इसी छत पर मेरे साथ क्या करा था भूल गए क्या तुम - राजेश इस आवाज को बहुत अच्छी तरह से पहचानता था यह आवाज नीतू की थी राजेश के माथे से अब पसीना निकलने लगा राजेश बहुत घबराया हुआ था। राजेश थोड़ा पीछे हटकर डरते हुए बोला नीतू तुम तुम कैसे आई तुम तो मर गई थी ना तो फिर -
सुनीता ने फिर उसी बदली हुई आवाज में राजेश को जवाब देते हुए कहां - हाँ राजेश तुमने तो मुझे अपनी जिंदगी का एक कांटा समझ लिया था। और उस रात तुमने उस कांटे को भी हटा दिया था लेकिन मुझे तुमसे अपना हिसाब भी तो चुकता करना है क्योंकि तुमने मेरी हत्या करी और अपनी पावर के दम पर उस हत्या को मेरी आत्महत्या साबित करवा दिया इसलिए मुझे तो आना ही था तो फिर मैंने सुनीता के रूप में पुनर जन्म लिया तुझ से बदला लेने के लिए राजेश तुझे तो तेरे किए की सजा मिलकर ही रहेगी राजेश अब तुझे मरना होगा और तू मरेगा - सुनीता की बात सुनकर राजेश डरता हुआ माफी मांगने लगा और कहने लगा - नीतू माफ कर दो मुझे छोड़ दो मुझसे नीतू गलती हो गई थी उस समय मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था मुझे माफ कर दो -
सुनीता यानी नीतू ने कहा - तूने छोड़ था मुझे तूने तो मुझे कुछ भी नहीं बताया था बातें करते करते छत से नीचे धक्का दे दिया था तो मैं तुझे कैसे छोड़ दूंगा आज इसीलिए तो मैं दोबारा दुनिया में आई हूँ की तुझे तेरे किए की सजा दे सकूँ - उसके बाद राजेश डरता हुआ पीछे की तरफ भागने लगा लेकिन तभी उसका पैर किसी चीज से टकराया और वो सीधा ऊपर से नीचे गिरने लगा राजेश छत से सीधा नीचे जमीन पर गिरा और चीखता चिल्लाता तड़पता हुआ अपना दम तोट दिया। अब राजेश की हालत वैसी हो गई थी जिस हालत में नीतू की मौत हुई थी। उसी हालत में राजेश भी आज मारा गया और इसके साथ ही नीतू का बदला पूरा हुआ। और साथ ही सुनीता के पिछले जन्म के रहस्य से पर्दा उठ गया