ख़त्म हुआ इंतजार एपिसोड 2
राहुल ड्राइवर सीट के पास रखा जैक और पाना निकालने के लिए गाड़ी का दरवाजा जैसे ही खोला तो राहुल की आंखें फटी की फटी रह गई राहुल की धड़कन मानो रुक ही गई हो। क्योंकि ड्राइवर सीट पर तो संदीप ही बैठा हुआ था और उसने जैक और पाना निकालकर राहुल को दिया। और कहा - ले भाई दे दे मुझे - राहुल ने एकदम से पीछे देखा तो एक संदीप कार के पीछे स्टेफनी लेकर खड़ा हुआ था और दूसरा संदीप ड्राइवर सीट पर बैठा था। राहुल डर के मारे थरथर कापने लगा और राहुल डरता हुआ ही बड़ी जोर से चिल्लाया। और जोर-जोर से रोने लगा संदीप ने पीछे जैसे ही राहुल की चिख सुनी उसने तुरंत स्टेफनी पैक कर उसके पास आया और एक जोरदार थप्पड़ मारा राहुल के कान पर। और संदीप गुस्से में खुद ही पाना और जैक उठाकर ले गया और खुद टायर चेंज करने लगा।
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संदीप टायर चेंज कर ही रहा था कि राहुल डरता हुआ बोला - संदीप तेरे पीछे कुछ है - संदीप ने सर उठाते हुए देखा तो राहुल डरा हुआ कार के बगल में ही खड़ा था। संदीप ने फोन की फ्लैशलाइट से पीछे देखो तो संदीप के जस्ट पीछे दो आंखें चमक रही थी। और वो संदीप को ही घूर रही थी संदीप ने एक पत्थर उठाकर उसको मारा तो देखा वहाँ से एक कुत्ता रोता हुआ भागा संदीप ने राहत की सांस ली क्योंकि डरने की अब कोई बात नहीं थी संदीप ने थोड़ा ऊपर राहुल को देखा और हल्का सा मुस्कुराते हुए कहा - जिसका इंतजार 3 साल से था वो आज पूरा हो गया इसलिए कृपया आप हमारे साथ आ जाएं और अपनी इस छोटी सी यात्रा को सफल बनाएं - संदीप ने इतना ही बोला तो राहुल तुरंत वहीं बेहोश हो गया।
और जब बाद में राहुल की आंख खुली तो राहुल, संदीप के बगल वाली सीट में बैठा हुआ था और संदीप ही गाड़ी चला रहा था। राहुल ने देखा अभी उसी सड़क पर है जिसके दोनों तरफ जंगल है और घर भी शायद अब आने ही वाला है 20 किलोमीटर दूरी आज ऐसा लग रहा था 100 किलोमीटर हो। लेकिन राहुल तो डरा हुआ ही था वो यही सोच रहा था कि यह मेरा दोस्त संदीप ही है या कोई और तभी राहुल ने कहा संदीप गाड़ी रोक लो यार थोड़ा टॉयलेट कर लूं बड़ी तेज लगी है। राहुल की बात सुनकर संदीप ने कहा - घर आने वाला है अब तू वहाँ चाहे जो करियो। लेकिन राहुल के बार बार कहने पर संदीप ने भी गाड़ी रोक दी राहुल गाड़ी से उतरा टॉयलेट करने के बहाने और थोड़ा जंगल की तरफ गया राहुल को समझ नहीं आ रहा था घर जाने का रास्ता यहाँ से है तो इतना टाइम कैसे लग रहा है कुछ तो है।
इसलिए राहुल ने जंगल के अंदर से ही पैदल भागना शुरू कर दिया। राहुल जंगल के अंदर ही अंदर भाग रहा था और हफ्ता हफ्ता हुआ सड़क की तरफ निकल कर आया लेकिन रास्ता तो समझ में नहीं आ रहा था तभी राहुल ने देखा एक गाड़ी आ रही है उसी सड़क से राहुल ने सोचा इस को रोकता हूँ और पूछता हूँ कौन सी जगह है यह। यही से रोज घर जाते थे पर आज यह जगह ही राहुल को समझ नहीं आ रही थी। तभी राहुल चिल्लाने लगा गाड़ी रोको गाड़ी रोको और हाथ देखकर सड़क के बीचो बीच आ गया। गाड़ी की हेडलाइट उसकी आंखों में लग रही थी और गाड़ी आकर एकदम से राहुल के पास रुकी और कार का शीशा नीचे करते हुए संदीप बोला - अबे कहाँ चला गया था तू क्या कर रहा तू अबे भाई अभी तो घर बहुत दूर है -
इतना कहते ही संदीप ने गाड़ी का दरवाजा खोला और तुरंत राहुल को अंदर खींच लिया। उसके बाद संदीप ने गाड़ी का दरवाजा बंद करा और शीशा ऊपर करा। फिर संदीप मुस्कुराता हुआ राहुल से बोला - इतनी जल्दी क्यों है भागने की तेरा इंतजार तो 3 साल से था और अब मिला है तू तुझे कैसे जाने दूंगी मैं - पर यह संदीप की आवाज नहीं थी। अब संदीप की आवाज भी बहुत ज्यादा डरावनी और भयानक लग रही थी और संदीप की आंखें भी बिल्कुल अजीब तरह की हरकत कर रही थी। राहुल को अब समझते देर नहीं लगी कि इतनी देर से उसके साथ यह क्या हो रहा है।
राहुल रोने गिड़गिड़ा ने लगा और रोते हुए ही राहुल कहा रहा था - माफ कर दो मुझे मुझे माफ कर दो मैंने उस दिन ब्रेक मारने की पूरी कोशिश करी थी पर मैं नशे में था इसलिए मेरी गाड़ी तुम पर चढ़ गई थी- लेकिन संदीप ने अपनी उसी बदली हुई भयानक आवाज में बोला - अब क्या फायदा माफी मांगने का तूने तो उस दिन मेरे ऊपर कार चढ़ा दी और मैं तो मर गई लेकिन मेरे बच्चे 3 साल से मेरा इंतजार कर रहे हैं और मैं इस सड़क पर तेरा इंतजार कर रही थी तुझे तो मरना होगा तुझे तेरे किए की सजा तो मैं दिला कर ही रहूंगी - इतना बोलकर संदीप ने राहुल को कार में ही रखी हुई एक रस्सी से पकड़ कर बांध लिया और रस्सी स्टेरिंग से बांधकर गाड़ी के दरवाजे से ही राहुल को नीचे लटका दिया।
संदीप राहुल को गाड़ी से सड़क में घसीट रहा था और गाड़ी चल रही थी। राहुल के चीखने चिल्लाने की आवाज बड़ी जोर जोर आ रही थी लेकिन राहुल की आवाज सुनने वाला भी वहाँ कोई नहीं था। राहुल को संदीप ने तब तक नहीं छोड़ा जब तक राहुल की जान नहीं चली गई जब राहुल के चीखने और चिल्लाने की आवाज बंद हुई। तब संदीप ने रस्सी राहुल ऊपर खींचा और राहुल को कार के आगे फेंक कर उसके ऊपर से गाड़ी चढ़ा कर चला गया। उसके बाद संदीप अपने घर चला गया। आज से 3 साल पहले जिस औरत को राहुल ने अपनी कार से कुचल कर मार दिया था उसी औरत की आत्मा ने संदीप के अंदर आकर राहुल से अपना बदला पूरा कर लिया। और इस तरह उस औरत का खत्म हुआ इंतजार।