सुसाइड -(हॉरर स्टोरी) E-1 || khatarnak horror story in hindi || Hindi story my

 


सुसाइड -(हॉरर स्टोरी) E-1


नमस्कार हिंदी स्टोरी माय वेबसाइट में आज एक बार फिर आपका स्वागत है हम फिर आपके सामने रोज की तरह आज भी एक नई कहानी लेकर उपस्थित हैं। कहानी में आगे बढ़ने से पहले अगर आपके पास भी ऐसी कोई भी कहानी या किस्सा है जो आप चाहते हैं कि आप हम तक पहुंचाएं और हम आप की कहानी हिंदी स्टोरी माय वेबसाइट या फिर और दूसरे प्लेटफार्म के जरिए दूसरों को सुनाएं तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। और अब चलते हैं आज की कहानी की ओर यह कहानी है हमें भेजी है संजय रावत ने संजय जी देहरादून के रहने वाले हैं यह घटना उनके साथ तब घटी थी जब वो मोहल्ले में किसी की शव यात्रा के साथ श्मशान घाट गए हुए थे अब बाकी आगे की कहानी हम संजय जी के शब्दों में ही जारी रखेंगे।
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इस कहानी को ऑडियो में सुने

नमस्कार मेरा नाम संजय रावत है और मैं देहरादून मैं रहता हूँ आज जो यह कहानी आपके सामने मैं लेकर आया हूँ यह घटना आज से लगभग 5 साल पहले की है जब हमारे मोहल्ले में एक जवान लड़के ने सुसाइड कर लिया था। पवन नेगी लगभग 22 साल की उम्र का था और उसी को सभी लोग लेकर श्मशान घाट गए हुए थे। और साथ में मैं भी गया हुआ था सभी लोग डेड बॉडी को लेकर जा रहे थे और तरह तरह की बातें भी कर रहे थे। क्योंकि यह बहुत आश्चर्य की बात थी कि एक 22 साल का लड़का जिसको शायद किसी भी किस्म की कोई परेशानी नहीं थी घर में भी सब कुछ ठीक था तो वो सुसाइड कैसे कर सकता है यह बहुत गहरा सदमा था सभी के लिए।

श्मशान घाट में जो बस जा रही थी उसमें मोहल्ले के कुल मिलाकर हर एक घर से कोई ना कोई था यानी बस पूरी तरह से भरी हुई थी। पर लोग बैठे हुए थे बहुत से लोग खड़े हुए थे बस में और पवन की बॉडी बस के ऊपर छत पर कैरियल में बांध के रखी हुई थी। बस लगभग 15 या 20 किलोमीटर ही चली होगी कि ड्राइवर को बस रास्ते में ही रोक नहीं पड़ी क्योंकि हम सब जो बस में बैठे हुए थे तभी सब ने सुना कि बस में कोई बड़ी तेज तेज से रो रहा है और रोने की आवाज बिल्कुल साफ साफ सबको सुनाई दे रही थी और बस जितना आगे जा रही थी आवाज उतनी ही तेज बढ़ती जा रही थी। मुझे और बाकी सभी लोगों को यह साफ पता चल रहा था कि शायद छत के ऊपर ही कोई रो रहा है।

पर ऐसा कैसे हो सकता है क्योंकि छत पर तो कोई नहीं था सिर्फ पवन की डेड बॉडी कैरियर में बांधी हुई थी आवाज बहुत तेज थी इस वजह से ड्राइवर ने भी गाड़ी रोक दी और बस से ड्राइवर समेत हम कई लोग उतरे और सभी ने तुरंत बस की छत पर जाकर देखा पर हमें वहाँ ऐसा कुछ भी नहीं दिखा क्योंकि बॉडी तो वैसे ही बंधी रखी हुई थी और कोई ऊपर था। जो रो रहा हो लेकिन यह बात भी सोचने वाली थी कि जब बस रुकी तभी भी आवाज सुनाई दे रही थी और मैं और कई लोग बस से उतरे आवाज तभी भी छत पर से सुनाई दे रही थी। लेकिन जब हम छत के ऊपर गए तो आवाज तुरंत बंद हो गई यह देख कर बस में जितने भी लोग थे सब काफी घबरा गए।

और उसके बाद हम में से किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी कि उस बस में दोबारा बैठ जाए। लेकिन पवन के पिताजी और उसके भाई उसके घर वालो की हालत की वजह से हम सभी लोगों ने पवन की डेड बॉडी को जल्द से जल्द ही श्मशान घाट पहुंचाना सही समझा इसलिए मैं और बाकी सभी लोग बस में फिर से बैठ गए। और ड्राइवर ने बस फिर से स्टार्ट करी और बस को लेकर चल ने लगा। लेकिन तभी हम 5 या 7 किलोमीटर ही आगे गए होंगे तभी एकदम से बहुत तेज आवाज आई ऐसा लग रहा था जैसे बस किसी चीज से टकरा गई हो और ड्राइवर डिसबैलेंस होकर लड़खड़ा गया और गाड़ी जाकर एक पेड़ से टकरा गई। लेकिन ब्रेक मारने की वजह से और काफी कंट्रोल करने की कोशिश भी करी थी ड्राइवर ने इस वजह से हम में से किसी को भी ज्यादा चोट नहीं लगी और बस में भी कुछ ज्यादा नुकसान नहीं आया।

हम लोग तुरंत बस में से नीचे उतरे तो उस समय जितने भी लोग थे बस में उन सब की धड़कन तो मानो रुक सी गई थी। क्योंकि हम सब ने देखा पवन की बॉडी सड़क मैं बस के आगे पड़ी हुई थी और उसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने उसको ऊपर से उठाकर नीचे रख दिया हो। ऐसा दृश्य आज तक किसी ने कभी नहीं देखा था डर तो हम सब लोग पहले से ही गए थे। लेकिन अब हमने जब से यह देखा तो हम में से किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी कि अब दोबारा से इस डेड बॉडी को बस के ऊपर रखकर फिर दोबारा से बैठ जाए। और ड्राइवर भी डर के मारे साफ-साफ मना कर रहा था कि अब मैं नहीं ले जाऊंगा इसको क्योंकि अभी जो हादसा हुआ इससे हम लोग जितने भी बैठे थे किसी की जान भी जा सकती थी।

लेकिन सच बताऊं तो हमारी भी अब हिम्मत नहीं हो रही थी कि हम भी अब साथ में जाए। लेकिन पवन के पिताजी ड्राइवर के आगे हाथ जोड़ रहे थे और रो रहे थे इसको देख कर हम लोगों ने बॉडी को उठाकर फिर से बस के रियल पर बांध दिया। और हम सब फिर दोबारा बस में बैठ गए लेकिन सच बताऊं बस में जितने भी लोग थे सबकी हालत डर के मारे बहुत खराब थी और श्मशान घाट अभी यहां से बहुत दूर था लगभग 30 किलोमीटर से ज्यादा रास्ता अभी और तय करना था। इसके आगे की कहानी अब अगले एपिसोड में हैं 


इस कहानी को भेजा हैं संजय रावत ने
इस कहानी में आवाज दी हैं प्रियंका यादव ने



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