श्रापित बंगला E-4
डॉक्टर की बात का जवाब देते हुए फिर संतोष ने कहा - डॉक्टर साहब मैं एक स्कूल टीचर हूँ और अभी अभी कुछ दिनों पहले ही मेरा नैनीताल से देहरादून तबादला हुआ है मुझे एक घर की जरूरत थी तो मैंने अखबार में इसका एडवरटाइजिंग देखा था और मुझे यह बहुत अच्छा लगा था क्योंकि यह बहुत बड़ा आलीशान बंगला है इसका किराया भी शहर में हर एक घर से बहुत कम है और बहुत बजट में है - फिर डॉक्टर ने कहा - अच्छा अरे मैं इसलिए पूछ रहा हूँ ना क्योंकि मेरा क्लीनिक यहाँ से ज्यादा दूर तो है नहीं और मेरा घर भी पास में ही है। और मैंने अक्सर देखा यह बंगला खाली ही रहता है बस साल या 6 महीने में ही कोई फैमिली इसमें रहने को आती है फिर उसके बाद यह खाली ही रहता है अच्छा चलो मैं चलता हूँ -
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डॉक्टर तो इतना कहकर चले गए पर शायद अब संतोष को भी डॉक्टर की बातें थोड़ी समझ में आ गई थी। डॉक्टर ने साफ-साफ तो नहीं बताया यह बंगला ठीक नहीं है या फिर इसमें ऐसा क्या है जो यहाँ लोग ज्यादा नहीं रहते पर कल टैक्सी ड्राइवर गुड्डू ने बताया था और कल रात जो भी प्रीति के साथ हुआ उससे यह तो पता चल चुका था कि सच में यह बंगला शायद ठीक नहीं है। उसके बाद उसने प्रीति को कहा - चलो मैं अभी तो स्कूल जा रहा हूँ पढ़ाने क्योंकि कल भी छुट्टी करी थी और आज थोड़ा लेट भी हो गया है बाकी मैं वहाँ से आते ही शहर में कहीं और पता कर लूंगा कोई दूसरा घर - प्रीति भी संतोष की यह बात सुनकर संतुष्ट थी उसने कहा - ठीक है आप स्कूल से होकर आ जाओ फिर कहीं और देखते हैं कोई दूसरा घर -
इतना बोलकर संतोष तो स्कूल चला गया पर अब घर में नेहा और प्रीति ही थे। नेहा इधर उधर खेल रही थी और प्रीति अपने घर का सारा काम वगैरह निपटा रही थी और घर का सारा काम खत्म करने के बाद प्रीति ड्राइंग रूम में बैठकर टीवी देख रही थी टीवी में शायद कोई मूवी देख रही होगी। लेकिन चलती टीवी पर अचानक से जो कुछ भी प्रीति ने देखा उसके बाद प्रीति की आँखे फिर खुली की खुली रह गई और प्रीति की सांसे मानो अटक सी गई हो। क्योंकि प्रीति ने जो कुछ भी देखा उसके होश उड़ ना तो लाजमी ही थे क्यूंकि उसने देखा जो रात को कटे सर वाली औरत और उसके दो बच्चे जो उसने अपने बेडरूम में देखे थे अब वो टीवी पर दिख रहे थे। पहले तो उसने सोचा शायद कोई बहम है पर वो डरते हुए जो भी चैनल चेंज कर रही थी तो उसे हर चैनल पर बस यही दिख रहा था।
पर अभी तक टीवी में वो लोग बस दिख ही रहे थे की तभी उसी टीवी से आवाज भी आने लगी टीवी से यह आवाज आ रही थी - यह बंगला हमारा है और सिर्फ हमारा है यह बंगला और किसी का नहीं हो सकता यह हमारा बंगला है यहां जो आता है वो बस मारा जाता है - प्रीति यह सब आवाज सुनकर बड़ी तेज तेज उसी टीवी के सामने ही चिल्लाने लगी - कौन हो तुम कौन हो क्यों परेशान कर रहे हो हमें क्या करा है हमने - लेकिन तभी उसी टीवी में से किसी के हंसने की आवाज तो कभी किसी के रोने की और चीखने चिल्लाने तड़पने की आवाज आने लगी और वो बस लगातार एक ही बात कह रही थी - यह बंगला हमारा है और सिर्फ हमारा है जो यहाँ इस बंगले को लेने आएगा उसे हम मार देंगे क्योंकि यह बंगला बस हमारा है - आवाज बहुत खतरनाक और बहुत डरावनी लग रही थी।
तभी प्रीति चीखते चिल्लाते हुए ड्राइंग रूम से बाहर निकल गई और नेहा को ढूंढने लगी। प्रीति की आँखो से बस आंसू ही बह गए थे और लगातार हो रही थी प्रीति के चेहरे की हवाइयां उड़ी हुई थी प्रीति ने बाहर देखा तो बाहर कहीं उसे नेहा नजर नहीं आ रही थी। उसे अब नेहा पर बहुत गुस्सा आ रहा था क्यूंकि उसने मना करा था उसे कही भी जाने से तभी उसने सोचा शायद वो गार्डन में गई होगी। इसलिए वो भागते हुए गार्डन की तरफ गई लेकिन गार्डन में भी कोई नहीं था। और फिर उसने बिना देर लगाए सीढ़ियों से भागते हुए तीसरे फ्लोर पर पहुंची तो उसको साफ साफ आवाज सुनाई दे रही थी कि दो-तीन बच्चे बात कर रहे हैं और हंस रहे हैं। प्रीति तुरंत उस कमरे में गई जहाँ से आवाज आ रही थी तो उसने देखा नेहा ने फर्श पर कुछ लकीरे खींच कर कुछ बनाया हुआ था।
और उसमें वो एक पत्थर से अकेले ही पिट्ठू लंगडी गेम खेल रही थी। और अकेले ही पता नहीं किससे बातें कर रही थी जिस से भी बातें कर रही थी उनमे से कोई भी प्रीति को दिखाई नहीं दे रहा था। उसके बाद प्रीति नेहा के पास गई और उसके के गाल पर खींच कर दो तीन थप्पड़ मारे और उसको खींचते हुए नीचे ले आई। प्रीति उसको डांट रही थी कि - जब तुमको मना किया है अकेले इस घर में कहीं नहीं जाना तो तुम क्यों अकेले घूम रही हो और बार-बार अकेले किस से बात कर रही थी तुम पागल हो गई हो क्या - नेहा फिर थोड़ा हंसते हुए बोली - अरे मम्मी तुम भी ना तुम्हें मैंने बताया नहीं था क्या मेरी वो दोनों फ्रेंड से जिनके साथ में खेलती हूँ नई फ्रेंड्स प्रिया और रश्मि -
प्रीति ने फिर चिल्लाते हुए कहा - तुम पागल हो गई हो यहाँ कोई फ्रेंड नहीं है अगर होती तो क्या मुझे नहीं दिखाई देती और दुबारा कभी ऐसे अकेले मत जाना - उसके बाद रोते हुए प्रीति ने नेहा को सीने चिपका लिया। फिर नेहा ने बड़े प्यार से और शांति से कह - मम्मी वो दोनों बहुत अच्छी हैं और उनकी मम्मा भी बहुत अच्छी हैं मैंने कहा था रश्मि और प्रिया को कि मेरी मम्मी से भी मिल लो लेकिन उन्होंने कहा अभी हम आपकी मम्मी से नहीं मिलेंगे क्योंकि अभी हमारी और आपकी फ्रेंडशिप हुई है आपकी मम्मा जब मेरी मम्मा से फ्रेंडशिप कर लेंगी तब हम उनसे मिलेंगे - नेहा ने फिर अपनी बात जारी रखते हुए कहा - मम्मी चलो ना आप भी उनकी मम्मा से फ्रेंडशिप कर लो वो लोग बहुत अच्छे हैं वो कहते हैं यह घर उनका ही है और वो हमेशा से यही पर ही रहते हैं और हम भी अब उनके साथ ही रहेंगे क्योंकि वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त हैं -
प्रीति को शायद समझ में आ चुका था नेहा को कौन परेशान कर रहा है और क्यों परेशान कर रहा है क्योंकि प्रीति ने बेडरूम में भी एक कटे सिर वाली औरत और उसके साथ दो बच्चे देखे थे और अभी थोड़ी देर पहले टीवी पर भी तो उसने देखा था। फिर प्रीति ने नेहा को कहा - बेटा अब हम यहाँ नहीं रहेंगे हम अब किसी दूसरे घर में जाने वाले हैं आज जब तुम्हारे पापा आ जाएंगे तो हम किसी दूसरे घर पर जाकर रहना शुरू करेंगे - यह सुनकर नेहा फिर जोर जोर से रोने लगी - नहीं मम्मी हम यही रहेंगे यह बहुत अच्छा घर है और रश्मि प्रिया भी बहुत अच्छी हैं इन दोनों से मेरी फ्रेंडशिप हो गई है और उन लोगों ने कहा था कि अब तुम सब हमारे साथ हमेशा रहोगे नहीं तो वो लोग बुरा मान जाएंगे बहुत अच्छे हैं वो दोनों - फिर प्रीति ने नेहा को डांटते हुए कहा - बस अब चुप हो जाओ और अंदर जाकर बैठो -
लेकिन नेहा रोने लगी और ऊपर के फ्लोर की ओर भागने लगी। प्रीति ने फिर नेहा को बड़ी मुश्किल से पकड़ा और उसने हवा में ही इधर उधर देखकर चिल्लाने लगी - कौन हो तुम लोग और क्यों परेशान कर रहे हो - ऐसा बोलते हुए प्रीति जोर जोर से रोने लगी। और उसके इतना बोलने के बाद ही थोड़ी देर में ही प्रीति को किसी के हंसने की आवाज सुनाई देने लगी। प्रीति ने फिर चारों तरफ देखा पर उसे वहाँ कोई भी नजर नहीं आ रहा था बस पास में नेहा बैठी हुई थी। लेकिन हंसने की आवाज बहुत खतरनाक और डरावनी लग रही थी तभज एकदम से किसी ने प्रीति के कानों में फुसफुस आते हुए कहा - तुम सब लोग मारे जाओगे यह पगला सिर्फ हमारा है और अगर इस बंगले में कोई आ जाए तो वो जिंदा नहीं वापस जाता क्योंकि बंगला तो सिर्फ हमारा है और अगर तुमने नेहा को हमसे दूर करने की कोशिश करी तो तुम में से कोई नहीं बचेगा अगर नेहा को हमसे अलग किया तो इसका अंजाम बहुत बुरा होगा -
यह सुनकर प्रीति फूट-फूट कर रोने लगी और उस मनुस खड़ी को कोस रही थी जिस में उसके पति संतोष ने इस घर को किराए पर लिया था। आज पूरा दिन प्रीति का इसी घटनाक्रम में बीत गया प्रीति बहुत परेशान और डरी हुई थी। और आज सुबह से ही उसने कुछ खाया भी नहीं था और ना ही उसको भूख प्यास कुछ लग रही थी। और लगभग 2:00 बजे के करीबन दोपहर में संतोष भी स्कूल से वापस घर आ गया। और घर में आते ही उसने देखा प्रीति अभी भी बहुत परेशान और दुखी थी आज जो भी दिनभर से प्रीति के साथ हुआ वो सब उसने संतोष को बता दिया और संतोष भी अब समझ चुका था की अब यहाँ से कहीं और जाना ही ठीक है क्योंकि दिन-ब-दिन उसकी बीवी की हालत अब खराब होती जा रही थी।
क्यूंकि वो बस ऐसी ही अनाप-शनाप बाते सोच रही थी और ऐसे ही बेतुकी बातें कर रही थी। संतोष ने भी अब मन बना ही लिया था कि अब कहीं और घर लेना है जब सुबह नेहा की तबीयत अचानक ही ठीक हो गई थी। इसलिए संतोष ने अपनी वाइफ को कहा - तुम अब टेंशन मत लो हम आज या कल में ही कहीं और शिफ्ट होने की कोशिश करते हैं - संतोष ने इतना ही बोला होगा कि जहाँ पर यह दोनों खड़े थे। तभी वहाँ छत का पंखा बड़ी जोर से नीचे गिरा पर संतोष बाल बाल ही बचा होगा अगर वो पंखा संतोष के सर पर गिर जाता तो वैसे ही संतोष का सरकार फट गया होता। यह देखते ही प्रीति ने कहा - संतोष यह बंगला बहुत अशुभ है क्योंकि कल हम यहाँ आए थे और कल से ही सब बहुत अजीब ही हो रहा है -
फिर प्रीति ने संतोष को वो बात बताई जो उसके कान में धीरे से आवाज आई थी कि अगर नेहा को हम से अलग किया गया तो कोई नहीं बच पाएगा तुम सब मारे जाओगे - अब संतोष भी समझ चुका था कि यहाँ रुकना अब बिल्कुल भी ठीक नहीं है इसलिए उसने उसी दिन वाला अख़बार फिर से देखा और जितने भी घरों के एडवरटाइजिंग थे उन सब को देखा और बारी बारी से उसने हर एक ऐड पर दिए हुए फोन नंबर पर फोन लगाने की कोशिश करी लेकिन आश्चर्य की बात तो यह थी कि उनमें से कोई भी घर अब खाली नहीं था। जिस भी मकान मालिक से संतोष ने बात करी तो किसी ने कहा आज ही हमारा घर किराए पर उठा है और किसी ने कहा कल ही उठ गया था। इसके आगे की कहानी अब अगले एपिसोड में हैं।
इस कहानी के लेखक हैं - रामचंद्र यादव
इस कहानी में आवाज दी हैं - प्रियंका यादव
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Wow what a story... Waiting for next part.. 👌
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